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Saturday 11 March 2023 05:01:53 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने आज राष्ट्रीय अभिलेखागार के 133वें स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय अभिलेखागार नई दिल्ली में 'महिलाएं और राष्ट्र निर्माण: 1857 से गणतंत्र तक' विषय पर अभिलेखीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। अर्जुनराम मेघवाल ने इस अवसर पर कहाकि स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी एवं उनके और गुमनाम नायकों के योगदानों को सामने लाने का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। उन्होंने कहाकि प्रदर्शनी में राष्ट्र निर्माण और 1857 से स्वतंत्रता संग्राम तक में महिलाओं के योगदान को रोचक तरीके से दर्शाया गया है। दुर्गावती देवी और कस्तूरबा गांधी का उदाहरण देते हुए अर्जुनराम मेघवाल ने कहाकि यह प्रदर्शनी महिलाओं के योगदान के महत्वपूर्ण एवं अज्ञात पहलुओं पर प्रकाश डालती है। उन्होंने कहाकि यह प्रदर्शनी हमारे इतिहास को प्रदर्शित करती है, आधुनिक भारत की नींव रखने वाले तथ्यों को चित्रित करना, पढ़ना-लिखना और समझना बेहद महत्वपूर्ण है।
राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में महिलाओं के योगदान को प्रदर्शित करने का यह प्रदर्शनी एक प्रयास है, चाहे वह दमनकारी औपनिवेशिक शासन से आजादी केलिए भारत का संघर्ष हो, बाल विवाह एवं अस्पृश्यता जैसी सामाजिक बुराइयों का उन्मूलन हो, महिलाओं की शिक्षा को सुविधाजनक बनाना हो या स्वतंत्र भारत केलिए संविधान का निर्माण हो, महिलाएं हमेशा सबसे आगे रहीं और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता की पहली लड़ाई से लेकर भारतीय गणतंत्र की घोषणा तककी राह में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। प्रदर्शनी अभिलेखीय भंडार के पिटारे यानी सरकार की आधिकारिक फाइलों, प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों के निजी कागजातों और साथही एनएआई पुस्तकालय में रखी दुर्लभ पुस्तकों के समृद्ध संग्रह से निकाले गए मूल दस्तावेजों का एक संग्रह प्रस्तुत करती है। प्रदर्शनी में राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में जानी-मानी अपेक्षाकृत कम ज्ञात केसाथ अनजान एवं गुमनाम महिलाओं के योगदान शामिल हैं, इसमें 1857 से 1950 तक की 93 से अधिक वर्षों की यात्रा शामिल है।
इन महिला हस्तियों का संबंध विविध पृष्ठभूमि से था और वे विविध पेशे से जुड़ी हुई थीं। उनकी पहचान स्वतंत्रता सेनानी, सैनिक, समाज सुधारक, शिक्षाविद और साहित्यकार के रूपमें की गई थी। प्रदर्शनी 30 अप्रैल 2023 तक शनिवार, रविवार और राष्ट्रीय अवकाश सहित प्रत्येक दिन सुबह 10:30 बजे से शाम 5 बजे तक जनता के देखने केलिए खुली रहेगी। गौरतलब हैकि राष्ट्रीय अभिलेखागार संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक संबद्ध कार्यालय है। वर्तमान में राष्ट्रीय अभिलेखागार में सार्वजनिक अभिलेखों के 18.00 करोड़ से अधिक पृष्ठों का संग्रह उपलब्ध है, जिनमें फाइलें, खंड, मानचित्र, भारत के राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत विधेयक, संधियां, दुर्लभ पांडुलिपियां, प्राच्य अभिलेख, निजी कागजात, मानचित्र अभिलेख (कार्टोग्राफिक रिकॉर्ड), राजपत्रों एवं विवरणिकाओं का महत्वपूर्ण संग्रह, जनगणना के रिकॉर्ड, विधानसभा एवं संसद की बहसें, निषिद्ध साहित्य, यात्रा वृत्तांत आदि शामिल हैं। प्राच्य अभिलेखों का एक बड़ा हिस्सा संस्कृत, फारसी, ओडिया आदि भाषाओं में है।