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Tuesday 14 March 2023 03:53:53 PM
नई दिल्ली। भारतीय राजस्व सेवा के 76वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के 2020-21 बैच के सहायक कार्यकारी अभियंताओं ने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। राष्ट्रपति भवन में हुई मुलाकात के दौरान भारतीय राजस्व सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि सरकार केलिए प्रत्यक्षों करों का संकलन करना बहुत महत्वपूर्ण दायित्व है, जिसके लिए अत्यंत दक्षता और पारदर्शिता की जरूरत होती है। उन्होंने कहाकि सरकार इन करों को विकास परियोजनाओं में खर्च करती है और नागरिकों का कल्याण सुनिश्चित करती है। राष्ट्रपति ने कहाकि सरकार केलिए संसाधन जमा करने में आईआरएस अधिकारियों की अहम भूमिका होती है और इस तरह वह आधार तैयार होता है, जिसपर शासन के अन्य ढांचों का निर्माण होता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आईआरएस अधिकारियों से कहाकि करदाता न केवल राजस्व के स्रोत हैं, बल्कि वे राष्ट्र निर्माण में हमारे साझीदार भी हैं। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह कियाकि वे ऐसा माहौल तैयार करें, जो कर संकलन और करदाता दोनों केलिए सहायक एवं मित्रवत हो। सहायक कार्यकारी अभियंताओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि सीपीडब्लूडी सार्वजनिक इमारतों, सरकारी कार्यालयों और आवास के निर्माण एवं रखरखाव केलिए जिम्मेदार है, जो लोग प्रशासन एवं शासन चलाते हैं, उनके कारगर कामकाज केलिए जो अन्य परियोजनाएं बुनियादी हैसियत रखती हैं, उनका दायित्व भी सीपीडब्लूडी पर है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत की तेज प्रगति के कारण सड़कों, राजमार्गों, हवाई अड्डों जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं तथा अस्पतालों, शिक्षा संस्थानों और सरकारी दफ्तरों जैसी जनसंस्थाओं की मांग में तेजी आई है।
राष्ट्रपति ने कहाकि सीपीडब्लूडी अधिकारियों का लक्ष्य होना चाहिए कि वे ऐसी सुविधाओं का निर्माण करें, जो न केवल वर्तमान की जरूरतों को पूरा करें, बल्कि आनेवाली पीढ़ियों केलिए भी सतत भविष्य सुनिश्चित करें। राष्ट्रपति ने उनसे आग्रह कियाकि वे परियोजनाओं को अधिक ऊर्जा दक्ष, सतत और वातावरण अनुकल बनाने केलिए अभिनव तरीकों की पड़ताल करें। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर अधिकारियों का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए प्रतिष्ठित सरकारी सेवाओं में चयन पर उनको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहाकि चयन की कठोर प्रक्रिया को पूरा करने केबाद सरकार में शामिल होने का उनका निर्णय सार्वजनिक सेवा केप्रति उनके समर्पण और जुनून को दर्शाता है। उन्होंने अधिकारियों से कहाकि सरकारी सेवा में शामिल होने केलिए यह एक अच्छा समय है, भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी तक 'अमृतकाल' में राष्ट्र के उदय केसाथ आपका करियर समानांतर चलेगा, मुझे विश्वास हैकि आप इस अवसर को महत्व देंगे।
भारतीय राजस्व सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि उनके बैच की विविध सांस्कृतिक, शैक्षिक और भाषाई पृष्ठभूमि को देखकर उन्हें प्रसन्नता हुई है और उन्हें बताया गया हैकि वे भारत के 20 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आते हैं एवं मैं भूटान के अधिकारी प्रशिक्षुओं का भी स्वागत करती हूं। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें यह देखकर खुशी हुईकि अधिकारी प्रशिक्षुओं में 42 प्रतिशत महिलाएं हैं, यह वाकई काबिले तारीफ है, परंपरागत रूपसे भारत में ज्यादातर महिलाएं घर चलाती हैं और घर के वित्त का प्रबंधन करती हैं, इसलिए यह देखना अच्छा हैकि अधिक महिला अधिकारी देश केलिए राजस्व एकत्रित करती हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि यहां मौजूद दो बैच के प्रोफाइल को खंगालते हुए मैंने देखाकि 95 अधिकारियों में सिर्फ पांच महिला अधिकारी हैं, जब हमारी महिलाएं हर क्षेत्रमें नए मानदंड स्थापित कर रही हैं तो मुझे विभिन्न इंजीनियरिंग सेवाओं में महिला अधिकारियों का अधिक प्रतिनिधित्व देखकर खुशी होगी।
राष्ट्रपति ने सहायक कार्यकारी अभियंताओं से कहाकि भारत के तीव्र विकास के कारण सड़कों, राजमार्गों, हवाई अड्डों, सार्वजनिक स्थानों, अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी कार्यालयों जैसी सार्वजनिक अवसंरचना परियोजनाओं की मांग में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहाकि हमारी आबादी के अभीभी ऐसे वर्ग हैं, जिन्हें सार्वजनिक स्थानों तक पहुंचने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सहायक कार्यकारी अभियंताओं से कहाकि नई परियोजना का डिजाइन और निर्माण करते समय उनको इसे ध्यान में रखना चाहिए, उन्हें सार्वजनिक सुविधाओं को विकलांग व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों केलिए अधिक सुलभ बनाना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहकि इस संबंध में सहायक कार्यकारी अभियंताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है और मैं आपसे और अधिक सहानुभूति के साथ काम करने का आग्रह करती हूं।