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Thursday 23 March 2023 02:37:18 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय नई दिल्ली में 'बुद्ध की भूमि भारत में कोरियाई पारंपरिक बौद्ध संस्कृति केसाथ परिचय' शीर्षक पर एक विशेष प्रदर्शनी का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया, जिसको संबोधित करते हुए भारत में कोरिया के राजदूत चांग जे बोक ने कहाकि कोरिया और भारत केबीच राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ की स्मृति में बौद्ध धर्म और बौद्ध सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का विशेष अर्थ है, जो कोरिया-भारत केबीच विशेष रणनीतिक साझेदारी का आधार हो सकता है। उन्होंने कहाकि बौद्ध धर्म और बौद्ध संस्कृति को चौथी शताब्दी में कोरिया में प्रस्तुत किया गया था, ये कोरियाई जीवनशैली, सोच के तरीके और पारंपरिक कोरियाई संस्कृति के अभिन्न अंग रहे हैं। कोरियाई राजदूत ने कहाकि कोरिया और बौद्ध धर्म के मूल स्थान भारत आपस में बौद्ध धर्म के माध्यम सेभी घनिष्ठ रूपसे जुड़े हुए हैं।
आईसीसीआर के महानिदेशक कुमार तुहिन ने कहाकि यह प्रदर्शनी भारत और कोरिया केबीच ऐतिहासिक बौद्ध संबंधों पर प्रकाश डालती है और दोनों देशों केबीच लोगों के परस्पर संपर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एनजीएमए की निदेशक तेमसुनारो त्रिपाठी ने कहाकि यह प्रदर्शनी कोरियाई बौद्ध धर्म और भारतीय बौद्ध प्रथाओं केसाथ इसके संबंधों तथा हमारी गतिशील सांस्कृतिक विरासत के हिस्से के रूपमें बौद्ध सिद्धांतों के साझा मूल्यों का उत्सव है। उन्होंने कहाकि बौद्ध धर्म भारत और कोरिया केबीच सांस्कृतिक संगम का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, बौद्ध धर्म के सिद्धांतों से सशक्त शांति और सद्भाव के संदेश को प्रदर्शनी के माध्यम से व्यक्त किया जा रहा है। गौरतलब हैकि कोरिया-भारत राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ की स्मृति पर कोरियाई बौद्ध धर्म की जोगी परम्परा केसाथ कोरिया और कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र भारत की आयोजित प्रदर्शनी सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम का हिस्सा है, यह विशेष प्रदर्शनी 25 मार्च तक नई दिल्ली में लगी रहेगी।
कोरियाई बौद्ध संस्कृति पर प्रदर्शनी में बौद्ध पेंटिंग स्क्रॉल की मीडिया कला, जिसे 'ग्वे बुल' कहा जाता है और जो पारंपरिक कोरियाई बौद्ध रीति-रिवाजों का प्रतीक है में शामिल हैं-'येओंदेउन्घो' के कोरियाई पारंपरिक लालटेन, जो यूनेस्को की घोषित मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत है और मंदिर के रहने की थीम पर प्रदर्शित विभिन्न फोटो। प्रदर्शनी में कोरिया की पारंपरिक बौद्ध संस्कृति, जिसने दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींचा है को भारत में पेश किया जा रहा है। प्रदर्शनी लगभग 30 अप्रैल तक चलेगी। इस सप्ताह 25 मार्च तक प्रदर्शनी हॉल में कोरियाई सांस्कृतिक वस्तुओं की पेंटिंग बनाने, कोरियाई बौद्ध शास्त्रों को लिखने का अनुभव करने और कमल लालटेन बनाने जैसे विभिन्न अनुभव आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा मंदिर के भोजन के विशेषज्ञ वेन जियोंग क्वान दिल्ली एनसीआर में स्थानीय प्रसिद्ध खाना पकाने के संस्थान-चांदीवाला कुलिनरी इंस्टीट्यूट नई दिल्ली (23 मार्च) और जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी-ले कॉर्डन ब्ल्यू (24 मार्च) में विशेष व्याख्यान और कोरियाई मंदिर भोजन पकाने की कला का प्रदर्शन करेंगे।
कोरियाई मंदिर भोजन पाककला का अंतिम खुला प्रदर्शन और अनुभव 25 मार्च को सुबह 11 बजे कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र भारत में आयोजित किया जाएगा। प्रसिद्ध भारतीय शेफ और मीडिया केलिए यह कार्यक्रम दोपहर 3 बजे आयोजित किया जाएगा। जीवन का सम्मान करने वाले बुद्ध के उपदेशों के अनुसार कोरियाई मंदिर-भोजन ने पारंपरिक रूपसे शाकाहारी भोजन को संरक्षित रखा है और यह कोरियाई पारंपरिक भोजन के मूल घटकों में से एक है। यह पहलीबार होगा, जब इस कोरियाई मंदिर के भोजन को वेन जियोंग क्वान के 25 मार्च को कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र भारत में एक आधिकारिक कार्यक्रम के जरिए भारतीय जनता, मीडिया और स्थानीय प्रसिद्ध रसोइयों के सामने प्रदर्शित किया जाएगा। ज्ञातव्य हैकि कोरियाई मंदिर भोजन की विशेषज्ञ जियोंग क्वान 1974 में 18 साल की उम्र में माउंट पालगोंग डोंग ह्वा मंदिर के यांग जिन अम में बौद्ध पुजारी बन गई थीं, वहीं से उनकी कोरियाई बौद्ध मंदिर भोजन पाककला की यात्रा शुरू हुई थी।
वेन जियोंग क्वान के एक विश्वस्तरीय शेफ के रूपमें प्रसिद्ध होने के कारण हैंकि न्यूयॉर्क के एक प्रसिद्ध शेफ एरिक रिपर्ट ने 2014 में बाएक यांग मंदिर में एक सप्ताह तक शूट करके एक वीडियो वृत्तचित्र बनाया और अगले वर्ष वेन जियोंग क्वान को शेफ्स टेबल के प्रीमियर पर अपने स्वयं की पाककला केसाथ वीआईपी डिनर रिसेप्शन तैयार करने केलिए न्यूयॉर्क में आमंत्रित किया, बादमें 'शेफ़्स टेबल' वृत्तचित्र और अधिक प्रसिद्ध हो गया, क्योंकि इसे नेटफ्लिक्स के माध्यम से 2017 में 67वें बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में भी आमंत्रित किया गया था, तबसे वेन जियोंग क्वान ने कोरियाई मंदिर के भोजन को पेश करने केलिए स्विट्जरलैंड, इटली, फ्रांस, नीदरलैंड और स्वीडन सहित दुनियाभर की यात्रा की है।