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Tuesday 11 June 2013 05:05:56 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को यहां विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रीय महिला आयोग के स्थायी मुख्यालय निर्भय भवन की आधारशिला रखी। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना 1992 में हुई थी, तब से लेकर आयोग ने देश में महिलाओं के अधिकारों तथा उनकी गरिमा और उत्थान के लिए जो कार्य किए हैं, उससे आयोग ने अपना एक विशिष्ट स्थान बना लिया है। देश की महिलाओं के सशक्तिकरण में आयोग ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उसके लिए आयोग को व्यापक मान्यता और सराहना भी मिली है। भारतीय महिलाओं के प्रति 20 वर्षों की समर्पित सेवा के बाद आयोग को अपना स्थायी मुख्यालय मिल रहा है, यह बहुत ही उचित है। प्रणब मुखर्जी ने विश्वास व्यक्त किया कि अपने मुख्यालय में आने के बाद आयोग अपने कार्य के लिए बेहतर ढांचा बना सकेगा, इससे आयोग की पहुंच अधिक लोगों तक होगी और इसकी कार्य कुशलता भी बढ़ेगी।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि संविधान की व्यवस्था के अनुसार भारत सरकार सभी नागरिकों को और विशेष रूप से समाज के वंचित वर्गों को समानता और न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने देश के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और निभाना चाहती हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और महिलाओं के उत्थान में सहायता देता रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि समाज को इस बारे में जागरूक बनाने की आवश्यकता है कि वे महिलाओं का यथोचित सम्मान करें, जब हम महिलाओं के प्रति सम्मानपूर्ण और गरिमापूर्ण व्यवहार करने के अपनी प्राचीन सभ्यता के मूल्यों को अपना लेंगे, तभी हम अपने आपको सभ्य समाज कह सकेंगे। उन्होंने अपील की कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि महिलाओं के अधिकारों के प्रति और पिछले दिनों महिलाओं और बच्चों के साथ हुई हिंसा और अत्याचार जैसी क्रूर घटनाओं के विरूद्ध पर्याप्त सामाजिक चेतना पैदा की जाए। इस अवसर पर केंद्रीय महिला और बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा तीरथ और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा के अलावा कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।