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Wednesday 29 March 2023 05:49:49 PM
गुवाहाटी। भारत की एससीओ अध्यक्षता में आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में हालमें गुवाहाटी में राष्ट्रीय आरोग्य शिखर सम्मेलन केसाथ बी2बी सम्मेलन और एक्सपो का आयोजन किया गया, जिससे पारंपरिक चिकित्सा को प्रोत्साहित करने केलिए 25 एससीओ देश एकसाथ आए, ताकि वह आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकें तथा एससीओ देशों केबीच स्वास्थ्य सुरक्षा के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। कार्यक्रम में म्यांमार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ थेट खिंग विन, मालदीव के स्वास्थ्य उपमंत्री सफिया मोहम्मद सईद और केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री डॉ मुंजपारा महेंद्रभाई उपस्थित थे। वर्चुअल तकनीकी सत्रों में चीन, रूस और पाकिस्तान की भागीदारी सराहनीय रही। सम्मेलन तथा एक्सपो सह शिखर सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया। गौरतलब हैकि भारत को 2017 में एससीओ की पूर्ण सदस्यता मिली थी और उज्बेकिस्तान के समरकंद में वर्ष 2023 केलिए एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की अध्यक्षता ग्रहण करने केबाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा थाकि भारत पारंपरिक चिकित्सा पर नए एससीओ विशेषज्ञ कार्य समूह के लिए पहल करेगा।
आयुष मंत्रालय ने इसीके अनुरूप भारत की एससीओ अध्यक्षता के दौरान पारंपरिक चिकित्सा पर अनेक पहल की हैं। इनमें पारंपरिक चिकित्सा के विशेषज्ञों तथा चिकित्सकों के वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन, जिसमें पारंपरिक चिकित्सा पर प्रारूप विनियमों को विशेषज्ञ स्तरपर स्वीकृत किया गया तथा आगे अन्य संबंधित देश प्रशासनिक प्रक्रियाओं के अधीन होंगे और अंतत: राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में अपनाया जाएगा। आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद तथा पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग पर म्यांमार केसाथ द्विपक्षीय बैठक भी की, इसके लिए आयुष मंत्रालय और म्यांमार के स्वास्थ्य मंत्रालय केबीच 29 अगस्त 2016 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किएगए थे, जिसमें भारतीय पक्ष का नेतृत्व आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और म्यांमार का नेतृत्व वहां के स्वास्थ्य मंत्री डॉ थेट खिंग विन ने किया। यह समझौता ज्ञापन स्वत: 28 अगस्त 2026 तक बढ़ गया है और मान्य है। सम्मेलन में कुल 214 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें से 83 प्रतिनिधि 16 एससीओ देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि थे और 131 भारतीय प्रतिनिधि थे।
राष्ट्रीय आरोग्य शिखर सम्मेलन में कुल 30 प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें से 19 एससीओ देशों की थीं। भारत ने 11 प्रस्तुतियां दी, जिनमें आयुष मंत्रालय तथा उद्योग जगत की प्रस्तुतियां शामिल थीं। सम्मेलन के दौरान कुल 11 सत्र आयोजित किएगए। विभिन्न चर्चाओं, व्यापार गतिविधियों तथा राष्ट्रीय आरोग्य सम्मेलन केसाथ-साथ चलने से सभी प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों तथा आयुष सेवा प्रदाताओं सहित 56 प्रदर्शकों ने गुवाहाटी में बी2बी एक्सपो में अपने उत्पादों, संस्थानों तथा अवसंरचनाओं का प्रदर्शन किया, जबकि 11 देशों के 60 खरीदारों ने गहरी दिलचस्पी दिखाई। सम्मेलन तथा एक्सपो के दौरान क्रेताओं और विक्रेताओं केबीच 125 से अधिक वन-टू-वन बैठकें हुईं। आयुर्वेद शिक्षा, पारंपरिक चिकित्सा उत्पादों तथा आयुर्वेद और योग को मेडिकल वैल्यू ट्रेवल प्रदान करने केलिए अवसंरचना विकास के क्षेत्रमें 13 एससीओ देशों द्वारा व्यापार हित की रुचि व्यक्त की गई। बी2बी बैठक में ताजिकिस्तान, आर्मेनिया, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, कजाकिस्तान, बहरीन, म्यांमार, श्रीलंका तथा भारत के प्रतिभागी थे।
बी2बी सम्मेलन का आयोजन सुरक्षित एससीओ की विषय के अनुरूप किया गया था, जहां एस का अर्थ नागरिकों केलिए सुरक्षा, ई का अर्थ आर्थिक विकास, सी का अर्थ कनेक्टिविटी, यू का अर्थ एकता, आर का अर्थ संप्रभुता और प्रादेशिक एकता तथा ई पर्यावरण संरक्षण है। भारत में एससीओ कार्यक्रमों के दौरान जिन विषयों को कवर किया गया, उनमें थे-एससीओ देशों ने पारंपरिक चिकित्सा, एससीओ देशों के अंदर पारंपरिक चिकित्सा केलिए व्यापार को आसान बनाने तथा पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने से संबंधित विषयों पर एकसाथ विचार किया। एससीओ देशों केबीच स्वास्थ्य सुरक्षा लक्ष्य प्राप्ति केलिए इन विषयों पर चर्चा की गई, जो एससीओ की सुरक्षा स्वास्थ्य विषय से संबंधित है। आर्थिक विकास के विषय को ध्यान में रखते हुए 590 करोड़ रुपये से अधिक के प्रत्यक्ष व्यापार हित केसाथ 10 एलओआई प्राप्त हुए। इसी तरह अन्य एससीओ देशों केलिए भी अवसर उपलब्ध होंगे।
पारंपरिक चिकित्सा के विकास के प्रमुख एजेंडे पर विचार केलिए 16 एससीओ देशों को एक छतरी के नीचे लाया गया और इसके सक्रिय प्रोत्साहन ने एससीओ के कनेक्टिविटी विषय को उजागर किया। एससीओ के सदस्य देशों के विशेषज्ञों केबीच एससीओ के अंतर्गत टीएम पर ईडब्ल्यूजी के विनियमों पर आम सहमति विकसित की गई थी, जो एससीओ की एकता विषय से संबंधित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अंतर्गत आयुष मंत्रालय का यह आयोजन न केवल भारत की अध्यक्षता में एससीओ विचार-विमर्श तथा सहयोग प्रयासों में एक मुकुटमणि था, बल्कि इसने वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में एससीओ देशों केबीच विकास और तालमेल की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।