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Tuesday 4 April 2023 05:42:45 PM
नई दिल्ली। नागरिक विमानन मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान ड्रोन और ड्रोन घटकों केलिए पीएलआई योजना केतहत लाभार्थियों को लगभग 30 करोड़ रुपये की धनराशि का वितरण कर दिया है। भारत सरकार ने 30 सितंबर 2021 को स्वदेशी ड्रोन उद्योग को प्रोत्साहन प्रदान करने केलिए ड्रोन और ड्रोन घटकों केलिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना को अधिसूचित किया था। शिक्षा जगत और उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। पीएलआई योजना में उद्योग जगत की सहायता केलिए कई विशेषताएं उपलब्ध हैं जैसे-तीन वित्तीय वर्षों के दौरान कुल 120 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की गई है, यह धनराशि वित्तीय वर्ष 2020-21 में सभी घरेलू ड्रोन निर्माताओं के संयुक्त कारोबार की लगभग दोगुनी है।
स्वदेशी ड्रोन उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन दर से संबद्ध पीएलआई योजना दर मूल्यवर्धन का 20 प्रतिशत है, जो उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजनाओं में सबसे अधिक है। पीएलआई योजना के अंतर्गत मूल्यवर्धन की गणना ड्रोन और ड्रोन घटकों (कुल वस्तु और सेवाकर) से ड्रोन और ड्रोन घटकों की खरीद लागत (कुल वस्तु और सेवाकर) से वार्षिक बिक्री राजस्व के रूपमें की जाती है। उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन दर को सभी तीन वर्ष केलिए 20 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है एवं ड्रोन और ड्रोन घटकों केलिए न्यूनतम मूल्य वर्धन मानदंड 50 प्रतिशत की जगह 40 प्रतिशत कुल बिक्री पर रहा है, जो उद्योग जगत केलिए एक और असाधारण व्यवहार है।
सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम और स्टार्टअप केलिए पात्रता मानदंड बहुत कम स्तर पर हैं। योजना के दायरे में ड्रोन से संबंधित सॉफ्टवेयर के प्रवर्तक भी शामिल हैं। विनिर्माता केलिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन कुल वार्षिक परिव्यय के 25 प्रतिशत पर सीमित है। इससे लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि करने में सहायता मिलेगी। यदि कोई विनिर्माता किसी विशेष वित्तीय वर्ष केलिए पात्र मूल्यवर्धन की सीमा को पूरा करने में विफल रहता है तो उसे बाद के वर्ष में खोए हुए प्रोत्साहन का दावा करने की अनुमति दी जाएगी, अगर वह बाद के वर्ष में इस कमी को पूरा करती है। उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना के 23 लाभार्थियों की नई सूची 6 जुलाई 2022 को जारी की गई थी। लाभार्थियों में 12 ड्रोन निर्माता और 11 ड्रोन घटक निर्माता शामिल हैं।