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मीडिया का लक्ष्य राजस्व सृजन नहीं होना चाहिए!

आईबी मंत्रालय ने मीडिया प्लेटफॉर्म एवं विज्ञापन मध्यस्थों को चेताया

'सट्टेबाजी और जुए जैसे विज्ञापनों को प्रसारित करने से परहेज करें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 7 April 2023 12:57:08 PM

ib ministry warns media platforms and advertising intermediaries (file photo)

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया संस्थाओं, मीडिया प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन विज्ञापन मध्यस्थों को चेतावनी दी हैकि वह सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के विज्ञापन या प्रचार सामग्री को प्रसारित करने से परहेज करें। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी करके मुख्यधारा के अंग्रेजी और हिंदी समाचार पत्रों के हाल में सट्टेबाजी वेबसाइटों के विज्ञापनों और प्रचार सामग्री को प्रकाशित करने पर कड़ा ऐतराज जताया है। समाचार पत्रों, टेलीविजन चैनलों और ऑनलाइन समाचार प्रकाशकों सहित सभी मीडिया प्रारूपों केलिए एडवाइजरी जारी की गई है और हाल के दिनों में मीडिया में इस तरह के विज्ञापन दिखाए जाने के विशिष्ट उदाहरण पेश किएगए हैं।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक ख़ास सट्टेबाजी प्लेटफार्म पर दर्शकों को अपनी वेबसाइट पर स्पोर्ट्स लीग देखने केलिए प्रोत्साहित करने परभी आपत्ति जताई है, जो प्रथम दृष्टया कॉपीराइट अधिनियम-1957 का उल्लंघन प्रतीत होता है। मीडिया के कानूनी दायित्व केसाथ-साथ नैतिक कर्तव्य पर जोर देते हुए एडवाइजरी प्रेस काउंसिल के पत्रकारिता आचरण के नियम के प्रावधानों का संदर्भ देती है, जिसमें अन्य बातों केसाथ यह उल्लेख किया गया हैकि समाचार पत्रों को ऐसा विज्ञापन प्रकाशित नहीं करना चाहिए, जिसमें कुछभी गैरकानूनी हो या अवैध और कहा गया हैकि समाचार पत्रों और पत्रिकाओं को पीआरबी अधिनियम-1867 की धारा 7 केतहत विज्ञापन सहित सभी पठन-सामग्री केलिए संपादक की जिम्मेदारी को देखते हुए विज्ञापन इनपुट की जांच नैतिक केसाथ कानूनी दृष्टि से करनी चाहिए।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय का कहना हैकि प्रेस का एकमात्र उद्देश्य राजस्व सृजन नहीं हो सकता और ना ही होना चाहिए, प्रेस की बहुत बड़ी सार्वजनिक जिम्मेदारी होती है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पहले भी जून और अक्टूबर 2022 के महीनों में इस संदर्भ में एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें कहा गया थाकि सट्टेबाजी और जुआ गैरकानूनी हैं और इसलिए ऐसी गतिविधियों के प्रत्यक्ष या सरोगेट विज्ञापन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019, प्रेस काउंसिल अधिनियम-1978, सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम-2021 और अन्य प्रासंगिक क़ानूनों का उल्लंघन करते हैं।

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