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Thursday 13 April 2023 03:49:17 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ऑनलाइन माध्यम से राष्ट्रीय रोज़गार मेले में विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में लगभग 71000 नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए हैं। देशभर से चुने गए नवनियुक्त कर्मियों को भारत सरकार केतहत ट्रेन मैनेजर, स्टेशन मास्टर, वरिष्ठ वाणिज्यिक लिपिक सह टिकट लिपिक, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, कांस्टेबल, स्टेनोग्राफर, कनिष्ठ लेखापाल, डाक सहायक, इनकम टैक्स इंस्पेक्टर, टैक्स सहायक, सीनियर ड्राफ्ट्समैन, जेई/ सुपरवाइजर, सहायक प्रोफेसर, शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष, नर्स, परिवीक्षा अधिकारी, पीए, एमटीएस और अन्य जैसे पदों पर कार्य करने केलिए शामिल किया जाएगा। नवनियुक्त कर्मियों को कर्मयोगी प्रारंभ के माध्यम से स्वयं को प्रशिक्षित करने का अवसर भी मिलेगा, जो विभिन्न सरकारी विभागों में सभी नवनियुक्त कर्मियों केलिए एक ऑनलाइन उन्मुखीकरण पाठ्यक्रम है। प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान 45 स्थानों को मेले से ऑनलाइन जोड़ा गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैसाखी पर्व की बधाई देते हुए नियुक्तिपत्र मिलने पर नवनियुक्त कर्मियों और उनके परिजनों को शुभकामनाएं दीं और कहाकि सरकार एक विकसित भारत के संकल्प की प्राप्ति केलिए युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा को सही अवसर प्रदान करने केलिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डालाकि भाजपाशासित राज्यों में गुजरात से असम और उत्तर प्रदेश से महाराष्ट्र तक सरकारी भर्ती की प्रक्रिया तेजगति से चल रही है। उन्होंने कहाकि कलही मध्य प्रदेश में 22000 से अधिक शिक्षकों को भर्ती पत्र सौंपे गए हैं। उनहोंने कहाकि यह रोज़गार मेला देश के युवाओं केप्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने कहाकि मंदी और महामारी की वैश्विक चुनौतियों केबीच दुनिया भारत को एक उज्ज्वल स्थान के रूपमें देख रही है, आज का नया भारत उन नीतियों और रणनीतियों केसाथ आगे बढ़ रहा है, जिन्होंने नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं। उन्होंने कहाकि 2014 केबाद भारत ने एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है, जो पहले के समय के प्रतिक्रिया आधारित दृष्टिकोण के विपरीत है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि 21वीं सदी का यह तीसरा दशक रोज़गार और स्वरोज़गार के उन अवसरों का गवाह बन रहा है, जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, युवाओं को काम करने के ऐसे क्षेत्र मिल रहे हैं, जो दस साल पहले अस्तित्व में ही नहीं थे। स्टार्टअप्स और भारतीय युवाओं के उत्साह का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने एक रिपोर्ट का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया थाकि स्टार्टअप्स ने रोज़गार के 40 लाख से अधिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष अवसर सृजित किए हैं। उन्होंने रोज़गार के नए अवसरों के रूपमें ड्रोन और खेल क्षेत्र का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि आत्मनिर्भर भारत अभियान की सोच और दृष्टिकोण स्वदेशी अपनाने और स्थानीय उत्पाद पर जोर देने सेभी आगे की बात है। उन्होंने कहाकि आत्मनिर्भर भारत अभियान गांवों से शहरों तक रोज़गार के करोड़ों अवसर पैदा करने का अभियान है। उन्होंने स्वदेशी रूपसे निर्मित आधुनिक उपग्रहों और अर्ध-उच्चगति की ट्रेनों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहाकि पिछले 8-9 वर्ष में भारत में 30000 से अधिक एलएचबी कोच का निर्माण किया गया है, इन कोचों केलिए प्रौद्योगिकी और कच्चे माल की जरूरत ने भारत में रोज़गार के हजारों अवसर सृजित किए हैं।
भारत के खिलौना उद्योग का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने बतायाकि भारत के बच्चे दशकों से केवल आयातित खिलौनों केसाथ खेलते रहे हैं। उन्होंने कहाकि खिलौने न तो अच्छी गुणवत्ता के थे और नही उन्हें भारतीय बच्चों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार ने आयातित खिलौनों की गुणवत्ता के मानदंड तय किए और स्वदेशी खिलौना उद्योग कोभी बढ़ावा देना शुरू किया, इसके परिणामस्वरूप भारत में खिलौना उद्योग का परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है और इसने रोज़गार के अवसरों को पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दशकों से प्रचलित इस पुरानी मानसिकता का खंडन करते हुएकि भारत में रक्षा उपकरण केवल आयात ही किए जा सकते हैं प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डालाकि सरकार ने स्वदेशी निर्माताओं पर भरोसा करके इस दृष्टिकोण को बदल दिया है, इसके परिणामस्वरूप सशस्त्रबलों ने 300 से अधिक ऐसे उपकरणों और हथियारों की एक सूची बनाई है, जिनका निर्माण केवल भारत में ही किया जाएगा। उन्होंने बतायाकि 15,000 करोड़ रुपये मूल्य के रक्षा उपकरणों का निर्यात दुनियाभर में किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने बीते कुछ वर्ष के दौरान मोबाइल फोन के निर्माण के क्षेत्र में हुई प्रगति काभी उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि स्थानीय मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देकर और उसके लिए प्रोत्साहन देकर भारत ने काफी मात्रा में विदेशी मुद्रा की बचत की है, क्योंकि भारत अब स्थानीय मांग को पूरा करने केसाथ-साथ मोबाइल हैंडसेट का निर्यात भी कर रहा है। प्रधानमंत्री ने रोज़गार सृजन के मामले में बुनियादी ढांचे में निवेश की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि पूंजीगत व्यय पर जोर देने के कारण सड़क, रेलवे, बंदरगाह और भवन जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण हो रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान पूंजीगत व्यय में चार गुना बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2014 से पहले और बादके घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने भारतीय रेलवे का उल्लेख किया और बतायाकि 2014 से पहले के सात दशक के दौरान जहां केवल 20,000 किलोमीटर रेल लाइनों का ही विद्युतीकरण हुआ था, वहीं पिछले 9 साल के दौरान 40,000 किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। उन्होंने बतायाकि मेट्रो रेल लाइन बिछाने का काम 2014 से पहले 600 मीटर प्रति माह था, जो बढ़कर 6 किलोमीटर प्रति माह हो गया है।
नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की लंबाई केबारे में कहाकि 2014 केबाद इसमें 4 लाख किलोमीटर से 7 लाख किलोमीटर की वृद्धि देखी गई है और जब गांवों तक सड़कें पहुंचती हैं तो इससे पूरे इकोसिस्टम में तेजी से रोज़गार का सृजन होता है। विमानन क्षेत्र के बारेमें नरेंद्र मोदी ने बताया कि 2014 में हवाई अड्डों की संख्या सिर्फ 74 थी, जो आज बढ़कर 148 हो गई है। उन्होंने हवाईअड्डे के संचालन में निहित रोज़गार सृजन की क्षमता की ओरभी ध्यान दिलाया। उन्होंने एयर इंडिया के विमानों केलिए रिकॉर्ड ऑर्डर दिए जाने और कुछ अन्य कंपनियों की इसी तरह की योजनाओं काभी उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि पोर्ट सेक्टर में भी इसी तरह की प्रगति देखी जा रही है, क्योंकि कार्गो हैंडलिंग की क्षमता पहले की तुलना में दोगुनी हो गई है और इसमें लगने वाला समय आधा हो गया है, इस प्रकार के विकास से बड़ी संख्या में रोज़गार सृजित हो रहे हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र के बारेमें प्रधानमंत्री ने कहाकि 2014 से पहले जहां देशमें 400 से कम मेडिकल कॉलेज थे, वहीं आज 660 मेडिकल कॉलेज हैं, इसी तरह 2014 में स्नातक स्तर की मेडिकल सीटों की संख्या 50 हजार थी, जो आज बढ़कर एक लाख से अधिक हो गई हैं और आज स्नातक होनेवाले डॉक्टरों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है।
प्रधानमंत्री ने बढ़ती उद्यमशीलता और छोटे उद्योगों की मदद के बारेमें बात की। उन्होंने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना काभी उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि इस योजना ने 8 करोड़ नए उद्यमी तैयार किए हैं, ये वे लोग हैं जिन्होंने पहलीबार मुद्रा योजना की मदद से अपना कारोबार शुरू किया है। उन्होंने जमीनी स्तरपर अर्थव्यवस्था को गति देने में माइक्रो फाइनेंस की शक्ति पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहाकि अब जबकि देश 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य केसाथ आगे बढ़ रहा है, यह देश के विकास में योगदान देने का अवसर है। उन्होंने नवनियुक्त कर्मियों से कहाकि आज आप एक सरकारी कर्मचारी के रूपमें अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं, इस दौरान आपको उन बातों को हमेशा याद रखना चाहिए, जिन्हें आप एक आम नागरिक के रूपमें महसूस किया करते थे। नवनियुक्त अभ्यर्थियों की सरकार से होनेवाली अपेक्षाओं को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डालाकि अब यह उनकी जिम्मेदारी हैकि वे दूसरों की अपेक्षाओं को पूरा करें। उन्होंने कहाकि उनमें से प्रत्येक व्यक्ति अपने काम के माध्यम से आदमी के जीवन को किसी न किसी तरीके से प्रभावित करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दियाकि काम पर सकारात्मक प्रभाव पैदा करने और आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाने चाहिएं। अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने नवनियुक्त अभ्यर्थियों से अपनी सीखने की प्रक्रिया को नहीं रोकने का आग्रह किया और कहाकि कुछ नया जानने या सीखने की प्रकृति कार्य और व्यक्तित्व दोनों में परिलक्षित होती है। उन्होंने उन्हें ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म आईजीओटी कर्मयोगी से जुड़कर अपने कौशल को उन्नत करने की भी सलाह दी। गौरतलब हैकि रोज़गार मेला रोज़गार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशामें एक कदम है। यह उम्मीद की जाती हैकि रोज़गार मेला आगे और रोज़गार सृजित करने की दिशा में एक उत्प्रेरक के रूपमें कार्य करेगा और युवाओं को उनके सशक्तिकरण और राष्ट्रीय विकास में भागीदारी केलिए सार्थक अवसर प्रदान करेगा।