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Monday 8 May 2023 06:07:34 PM
चंडीगढ़। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज चंडीगढ़ में भारतीय वायुसेना विरासत केंद्र का उद्घाटन किया, जो वायुसेना के समृद्ध इतिहास और विरासत का प्रतीक है, इसमें कलाकृतियों, भित्ति चित्र और 3डी डायोरमास का संग्रह है, जो वायुसेना की स्थापना केबाद से उसके विकास, वीर कार्यों और विमान एवं उपकरणों में देश की तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित करता है। रक्षामंत्री ने राष्ट्र की रक्षा में वायु योद्धाओं के अमूल्य योगदान को याद किया और इस हेरिटेज सेंटर को उन सभी के साहस और समर्पण केलिए एक वसीयतनामा कहा, जिन्होंने भारतीय वायुसेना में उल्लेखनीय सेवाएं दीं और दे रहे हैं। उन्होंने कहाकि यह शहीद वायु योद्धाओं के सर्वोच्च बलिदान को भी देश की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि अपनी रणनीतियों के बलपर युद्ध जीतना और वहां किसीभी प्रकार का राजनीतिक नियंत्रण न थोपना भारत की ताकत केसाथ-साथ उसके मूल्यों और सांस्कृतिक उदारता का प्रतीक है। उन्होंने कहाकि यह विरासत केंद्र भविष्य की पीढ़ियों केलिए प्रेरणास्रोत के रूपमें काम करेगा। रक्षामंत्री ने कहाकि भारतीय वायुसेना की एक समृद्ध विरासत है और इसे संरक्षित और प्रदर्शित करना हमारी जिम्मेदारी है, यह केंद्र भारतीय वायुसेना के इतिहास को संरक्षित करने और युवाओं को सशस्त्र बलों के मूल्यों को आत्मसात करने केलिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण साधन बनेगा। उन्होंने 1948 के युद्ध, 1961 के गोवा मुक्ति संग्राम, 1962, 1965, 1971 और कारगिल युद्धों में वायुसेना के योगदान को याद किया, जिसने वायुसेना बल की ताकत, प्रतिबद्धता और व्यावसायिकता का प्रदर्शन किया था। राजनाथ सिंह ने 1971 के युद्ध पर कहाकि युद्ध के दौरान तीनों सेनाओं के प्रदर्शित संयुक्त कौशल, एकीकरण एवं प्रतिबद्धता अभूतपूर्व और असाधारण थी।
राजनाथ सिंह ने कहाकि यह युद्ध किसी जमीन या सत्ता केलिए नहीं, बल्कि मानवता और लोकतंत्र केलिए लड़ा गया था, यह इस बात का प्रमाण थाकि भारत ‘कहीं भी अन्याय हर जगह न्याय केलिए खतरा है’ में विश्वास करता है और यह हमारा कर्तव्य हैकि हम किसी भी तरह के अन्याय के खिलाफ खड़े हों। वायुसेना विरासत केंद्र के मुख्य आकर्षण में से एक सिमुलेटर की सरणी है, जो आगंतुकों को भारतीय वायुसेना की सूची में उड़ान प्रतिष्ठित विमान के रोमांच को दोहराने की अनुमति देता है और उन्हें पायलट होने का अनुभव करने का मौका देता है। यहां उन युद्ध अभियानों को समर्पित बाड़े भी हैं, जिनमें भारतीय वायुसेना ने भाग लिया था। ये आगंतुकों को राष्ट्र की रक्षा में वायुसेना की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारेमें जानने का एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं। उद्घाटन समारोह पर पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित और वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी भी उपस्थित थे।