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असम में होगा नदी पर्यटन सर्किट का विकास

ब्रह्मपुत्र तट पर ऐतिहासिक मंदिरों को जोड़ने के लिए समझौता

असम के मुख्यमंत्री और जलमार्ग मंत्री की मौजूदगी में हस्ताक्षर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 19 May 2023 05:39:10 PM

agreement to connect historic temples on brahmaputra banks

गुवाहाटी। असम में नदी तट धार्मिक पर्यटन सर्किट के विकास केलिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, सागरमाला विकास निगम लिमिटेड, असम पर्यटन विकास निगम और अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन विभाग असम सरकार केबीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं और आशा व्यक्त की गई हैकि इससे असम में नदी पर्यटन क्षेत्र में एक नए अध्याय का शुभारंभ होगा। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल उपस्थित थे। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि नदी आधारित पर्यटन सर्किट का विकास असम में पर्यटन क्षेत्र केलिए एक बड़ी उपलब्धि है और प्रसन्‍नता हैकि असम सरकार के समर्थन, आईडब्ल्‍यूएआई, एसडीसीएल, एटीडीसी और डीआईडब्ल्‍यूटी के करार से यह परियोजना तीव्रगति से पूरी होगी और असम में नदी पर्यटन क्षेत्र में नए अध्याय का अनावरण होगा।
जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की एक्ट ईस्ट नीति पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास की परियोजनाओं के माध्‍यम से परिलक्षित हो रही है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि अंतर्देशीय जलमार्गों ने ये उदाहरण प्रस्‍तुत किया हैकि परिवहन के माध्यम से परिवर्तन कैसे संभव हो सकता है, ब्रह्मपुत्र के रास्ते ओडीसी और ओडब्ल्यूसी कार्गो मूवमेंट से दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज गंगा विलास तक अंतर्देशीय जलमार्गों की विशाल क्षमता का प्रदर्शन हो रहा है। उन्होंने कहाकि हम असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र में अंतर्देशीय जलमार्गों की समृद्ध क्षमता विकसित करने के मार्ग पर दृढ़ हैं, जिससे नए भारत के विकास के गति मिले। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा ने कहाकि यह समझौता राज्य में पर्यटन के एक नए अध्याय की शुरुआत करने जा रहा है और इस पहल केलिए विभागों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहाकिइससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि पर्यटक इस अद्भुत नदी सर्किट के माध्यम से गुवाहाटी की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का आनंद लेंगे।
गुवाहाटी के आसपास ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों केबीच इस समझौते के जरिए 'हॉप ऑन हॉप ऑफ' पर यात्रियों को आधुनिक नौका सेवा की सुविधा मिलेगी और प्रसिद्ध सात धार्मिक स्‍थलों कामाख्या, पांडुनाथ, अश्वकलांता, डौल गोविंदा, उमानंद, चक्रेश्वर और औनियाती सतरा को कवर किया जाएगा। फेरी टर्मिनल पर यात्रियों केलिए प्रतीक्षालय में आरामदायक माहौल के आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएगी। नदी तट धार्मिक पर्यटन सर्किट विकास परियोजना पर 45 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह एक साल के भीतर पूरी हो जाएगी। यह हनुमान घाट उजान बाजार से आरंभ होगी और इससे सात धार्मिक स्‍थलों की दूरी कम हो जाएगी। सागरमाला विकास निगम लिमिटेड और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण संयुक्त रूपसे परियोजना लागत के 55 प्रतिशत का योगदान देंगे, जबकि शेष असम पर्यटन विकास निगम प्रदान करेगा।
अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन विभाग ने नदी तट धार्मिक पर्यटन सर्किट विकास परियोजना केलिए मंदिरों के पास घाटों के नि:शुल्‍क उपयोग की भी सहमति दे दी है। समझौता हस्ताक्षर कार्यक्रम में असम सरकार के परिवहन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य, पर्यटन मंत्री जयंत मल बरुआ, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय बंदोपाध्याय, एटीडीसी की रितुपर्णा बरुआ, असम पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष दिलीप दास, सागरमाला विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक दिलीप कुमार गुप्ता और गुवाहाटी में असम प्रशासनिक स्टाफ कॉलेज में राज्य एवं केंद्र सरकार के अधिकारी भी मौजूद थे।

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