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Friday 2 June 2023 06:37:07 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक दिवस की 350वीं वर्षगांठ पर आज वीडियो संदेश के माध्यम से कहा हैकि आजादी के अमृत महोत्सव में छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक दिवस हम सभी केलिए नई चेतना, नई ऊर्जा लेकर आया है। उन्होंने कहाकि आजादी के अमृतकाल में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 साल पूरे होना एक प्रेरणादायी अवसर है, इतने वर्ष बादभी उनके द्वारा स्थापित किएगए मूल्य हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखा रहे हैं, इन्हीं मूल्यों के आधार पर हमें अमृतकाल की 25 वर्ष की यात्रा पूरी करनी है और ये यात्रा छत्रपति शिवाजी महाराज के सपनों का भारत बनाने, स्वराज, सुशासन, आत्मनिर्भरता और विकसित भारत की यात्रा होगी। प्रधानमंत्री ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहाकि छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक साढ़े तीन सौ साल पहले के कालखंड का एक अद्भुत और विशिष्ट अध्याय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इतिहास के उस अध्याय से निकलीं स्वराज, सुशासन और समृद्धि की महान गाथाएं हमें आजभी प्रेरित करती हैं, राष्ट्र कल्याण और लोक कल्याण छत्रपति शिवाजी की शासन व्यवस्था के मूल तत्व रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज स्वराज्य की पहली राजधानी रायगढ़ किले के प्रांगण में शानदार आयोजन किया गया है, महाराष्ट्र में यह दिन महोत्सव के रूपमें मनाया जा रहा है और सालभर इस तरह के आयोजन महाराष्ट्र में होंगे। नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज से साढ़े तीन सौ वर्ष पूर्व जब छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था तो उसमें स्वराज्य की ललकार और राष्ट्रीयता की जय-जयकार समाहित थी। उन्होंने हमेशा भारत की एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखा था और आज एक भारत श्रेष्ठ भारत विजन में उनके विचारों का ही प्रतिबिंब देखा जा सकता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि इतिहास के नायकों से लेकर आज के दौर में नेतृत्व पर रिसर्च करने वाले मैनेजमेंट गुरुओं तक हर युग में किसीभी लीडर का सबसे बड़ा दायित्व होता हैकि वो अपने देशवासियों को प्रेरित और आश्वस्त रखे।
नरेंद्र मोदी ने गणमान्य नागरिकों से कहाकि आप छत्रपति शिवाजी महाराज के समय देश की परिस्थितियों की कल्पना कर सकते हैं, सैकड़ों वर्षों की गुलामी और आक्रमणों ने देशवासियों से उनका आत्मविश्वास छीन लिया था, आक्रमणकारियों के शोषण और ग़रीबी ने समाज को कमजोर बना दिया था, हमारे सांस्कृतिक केंद्रों पर हमला करके लोगों का मनोबल तोड़ने की कोशिश की गई, ऐसे समय में लोगों में आत्मविश्वास जगाना एक कठिन कार्य था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने न सिर्फ आक्रमणकारियों का मुकाबला किया, बल्कि जनमानस में ये विश्वास भी पैदा कियाकि स्वयं का राज संभव है। उन्होंने गुलामी की मानसिकता को खत्म करके लोगों को राष्ट्रनिर्माण केलिए प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने ये भी देखा हैकि इतिहास में कई ऐसे शासक हुए, जो अपनी सैन्य ताकत केलिए जाने जाते हैं, लेकिन उनकी प्रशासनिक क्षमता कमजोर थी, इसी तरह ऐसेभी कई शासक हुए, जो अपनी बेहतरीन शासन व्यवस्था केलिए जाने गए, लेकिन उनका सैन्य नेतृत्व कमजोर था, छत्रपति शिवाजी महाराज का व्यक्तित्व अद्भुत था, उन्होंने स्वराज की स्थापना की और सुराज कोभी साकार किया।
प्रधानमंत्री ने कहाकि छत्रपति शिवाजी अपने शौर्य केलिए भी जाने जाते हैं और सुशासन केलिए भी, बहुत छोटी उम्र में उन्होंने किलों को जीतकर और शत्रुओं को हराकर अपने सैन्य नेतृत्व का परिचय दे दिया था, दूसरी तरफ एक राजा के तौरपर लोकप्रशासन में सुधारों को लागू करके उन्होंने सुशासन का तरीका भी बताया। एक तरफ उन्होंने आक्रमणकारियों से अपने राज्य और संस्कृति की रक्षा की तो दूसरी तरफ उन्होंने राष्ट्रनिर्माण का व्यापक विजन भी सामने रखा। अपने विजन की वजह से ही वो इतिहास के दूसरे नायकों से एकदम अलग हैं। उन्होंने शासन का लोककल्याणकारी चरित्र लोगों के सामने रखा और उन्हें आत्मसम्मान केसाथ जीने का भरोसा दिया। नरेंद्र मोदी ने उल्लेख कियाकि छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज, धर्म, संस्कृति और धरोहरों को ठेस पहुंचाने की कोशिश करने वालों को संकेत दिया था, जिससे जन-जन में दृढ़ विश्वास पैदा हुआ, आत्मनिर्भरता की भावना का संचार हुआ और राष्ट्र का सम्मान बढ़ा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि किसान कल्याण, महिला सशक्तिकरण, शासन-प्रशासन तक सामान्य मानवी की पहुंच आसान बनाना हो, छत्रपति शिवाजी के कार्य, उनकी शासन प्रणाली और उनकी नीतियां आजभी उतनी ही प्रासंगिक हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि छत्रपति शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व के इतने पहलू हैंकि किसी ना किसी रूपमें उनका जीवन हमें अवश्य प्रभावित करता है। उन्होंने भारत के सामुद्रिक सामर्थ्य को पहचानकर जिस तरह नौसेना का विस्तार किया, अपना प्रबंध कौशल दिखाया, वो आजभी सबको प्रेरणा देता है, उनके बनाए जलदुर्ग समंदर केबीच में तेज लहरों और ज्वारभाटा के थपेड़े सहने के बावजूद आज भी शान से खड़े हैं। उन्होंने समुद्र के किनारों से पहाड़ों तक किले बनवाए और अपने राज्य का विस्तार किया। उसकाल में उन्होंने जल प्रबंधन से जुड़ी जो व्यवस्थाएं खड़ी की थीं, वो विशेषज्ञों को हैरत में डाल देती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि ये हमारी सरकार का सौभाग्य हैकि छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर पिछले वर्ष भारत ने गुलामी के एक निशान से नौसेना को मुक्ति दे दी। उन्होंने कहाकि भारतीय नौसेना के ध्वज पर अंग्रेजी शासन की पहचान को हटाकर शिवाजी महाराज से प्रेरित उनकी राजमुद्रा को जगह दी गई है, अब यही ध्वज नए भारत की आन-बान-शान बनकर समंदर और आसमान में लहरा रहा है। उन्होंने कहाकि छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता, विचारधारा और न्यायप्रियता ने कई-कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है, उनकी साहसिक कार्यशैली, सामरिक कौशल और शांतिपूर्ण राजनीतिक प्रणाली आजभी हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमें इस बात का गर्व हैकि दुनिया के कई देशों में आजभी छत्रपति शिवाजी महाराज की नीतियों की चर्चा होती है और उसपर रिसर्च होती है, एक महीने पहले ही मॉरीशस में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की गई है।