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Tuesday 18 June 2013 08:56:36 AM
नई दिल्ली। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से व्यापक तबाही हुई है। प्रभावित लोगों की खोज और बचाव के लिए जोर-शोर से प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तराखंड में बड़ी संख्या में पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों के फंसने की रिपोर्ट के बाद भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को त्वरित कार्रवाई करने और वर्षा के कारण मार्ग में फंसे पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए कहा गया है। उत्तराखंड में आईटीबीपी के महानिरीक्षक, उत्तराखंड के मुख्य सचिव के संपर्क में हैं।
राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के दो दल पहले से ही उत्तराखंड में मौजूद हैं। बारह अतिरिक्त दल और भेज दिए गए हैं। राज्य सरकार ने फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हैलिकॉप्टरों की मदद भी मांगी थी। इस अपील के बाद रक्षा मंत्रालय ने हैलिकॉप्टर सुविधा भी उपलब्ध कराई है। खराब मौसम की वजह से हैलिकॉप्टरों ने आज सुबह से राहत और बचाव अभियान शुरू किया है। पचास तीर्थ यात्रियों को केदारनाथ से निकालकर गुप्त काशी लाया गया है और शेष लोगों को सुरक्षित निकालने का कार्य जारी है।
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के साथ फोन पर हुई बातचीत में राज्य को हर संभव सहायता देने का भरोसा जताया है। अब तक राहत और बचाव अभियानों की समीक्षा के लिए गृह सचिव आरके सिंह ने राज्य सरकार के प्रतिनिधियों, सीमा सड़क संगठन, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा राहत बल, भारतीय वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ 17 जून को एक बैठक भी की। सीमा सड़क संगठन ने विभिन्न मार्गों पर सड़क यातायात को बहाल करने के लिए अपने कार्मिकों को लगा दिया है।
उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में अब तक 34 लोगों के मरने की खबर है। एनडीआरएफ के दो दल मंगलवार को केदारनाथ पहुंचे और वहां राहत और बचाव अभियान प्रारंभ कर दिया। दोपहर दो बजकर तीस मिनट तक 72 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। राहत कार्य में और तेजी लाने और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के मद्देनजर एक अग्रिम दल गौरीकुंड पहुंच चुका है। गृह सचिव उत्तराखंड के मुख्य सचिव के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
खबरों के मुताबिक करीब एक हजार पर्यटक रिकोंग-पीओ और पाँच सौ पर्यटक सांगला घाटी में फंसे हुए थे। इन लोगों को वहां से निकालने के लिए आज सुबह हैलिकॉप्टरों को सांगला घाटी रवाना किया गया। सीमा सड़क संगठन से रिकोंग-पीओ और सांगला घाटी में सड़क संपर्क को बहाल करने के लिए राज्य के पीडब्ल्यूडी विभाग की मदद करने को कहा गया है। राहत और बचाव कार्यों में सहायता के लिए एनडीआरएफ का एक दल सांगला और दूसरा दल रिकोंग-पीओ पहुंच गया है।