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जी20 श्रम रोज़गार मंत्रियों की रोज़गार पर चर्चा

दुनियाभर के श्रमिकों के कल्याण के लिए मजबूत संदेश भेजें-मोदी

'रोजगार के लिए जवाबी और प्रभावी रणनीति बनाने की जरूरत'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 21 July 2023 01:29:43 PM

pm narendra modi addressing the g20 labor and employment ministers meeting in indore

इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर में जी20 श्रम और रोज़गार मंत्रियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए रोज़गार को आर्थिक एवं सामाजिक पहलुओं के सबसे अहम हिस्से के रूपमें रेखांकित किया और कहाकि दुनिया इस समय रोज़गार सेक्टर के मद्देनज़र कुछ महान बदलावों की दहलीज पर खड़ी है। उन्होंने इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए रोज़गार केलिए जवाबी और कारगर रणनीतियां तैयार करने की जरूरत पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि चौथी औद्योगिक क्रांति के युग में रोज़गार की मुख्य प्रेरक शक्ति प्रौद्योगिकी है और रहेगी। उन्होंने प्रौद्योगिकी के नेतृत्व में होनेवाले बदलावों के हवाले से पिछले दिनों प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अनेक रोज़गारों का सृजन करने में भारत की क्षमता को उजागर किया। उन्होंने जी20 श्रम और रोज़गार मंत्रियों की बैठक के मेजबान शहर इंदौर की भी चर्चा की, जो इस समय बदलावों की नई लहर में कई स्टार्टअप्स का गढ़ बन चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश के जरिए इंदौर में जी-20 श्रम और रोज़गार मंत्रियों का स्वागत करते हुए कहाकि उन्हें इस ऐतिहासिक और जीवंत शहर को पाककला की अपनी समृद्ध परंपरा पर गर्व है तथा शहर यह आशा करता हैकि गणमान्य शहर की रंगारंगियों एवं स्वादों का भरपूर आनंद उठाएंगे। प्रधानमंत्री ने उन्नत प्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं के इस्तेमाल से श्रमशक्ति को कुशल बनाने पर जोर देते हुए कहाकि स्किलिंग, री-स्किलिंग और अप-स्किलिंगभावी श्रमशक्ति का मूलमंत्र है। उन्होंने भारत के स्किल इंडिया मिशन का उदाहरण दिया, जिसने इसे वास्तविकता बना दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का भी उदाहरण दिया, जिसके तहत अबतक भारत के 12.5 मिलियन युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ड्रोन जैसे उद्योग फोर प्वॉइंट ओ सेक्टरों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड के दौरान भारत के अगुआ स्वास्थ्यसेवियों के कौशल एवं समर्पण को उजागर किया और कहाकि इससे सेवा एवं करुणा की भारतीय परंपरा परिलक्षित होती है। उन्होंने कहाकि भारत केपास विश्व में कुशल श्रमशक्ति के सबसे बड़े प्रदाता देशों में से एक बनने की क्षमता है तथा वैश्विक रूपसे चलित श्रमशक्ति भविष्य में वास्तविकता बन जाएगी। उन्होंने विकास के वैश्वीकरण तथा सच्चे अर्थों में कौशल को साझा करने में जी-20 की भूमिका पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कौशल एवं योग्यता आवश्यकताओं को मद्देनज़र रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर नौकरीपेशे की जानकारियां शुरू करने केलिए सदस्य देशों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहाकि इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं समन्वय तथा प्रवास और एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के बारेमें साझेदारियों के नए तौर-तरीकों की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दियाकि शुरुआत में नियोक्ताओं और कामगारों के बारेमें आंकड़ों, सूचना एवं डाटा को साझा किया जाना चाहिए, जिससे बेहतर कौशल निर्माण, श्रमशक्ति योजना और लाभप्रद रोज़गार केलिए प्रमाण आधारित नीतियां बनाने में दुनियाभर के देश क्षमतावान बन सकें।
प्रधानमंत्री ने कहाकि पूरे कलेवर में आनेवाला बदलाव स्वतंत्र कामगारों एवं ठेके पर काम करने वालों तथा किसी एप्प या वेबसाइट के जरिए ग्राहकों केलिए काम करने वालों के नए वर्गों के पैदा होने के कारण संभव हुआ है, ये दोनों तरह की अर्थव्यवस्थाएं कोविड महामारी के दौरान अस्तित्व में आई थीं। उन्होंने कहाकि यह लचीली व्यवस्था है और इससे आय के अतिरिक्त स्रोत मिलते हैं, इस व्यवस्था में लाभप्रद रोज़गार पैदा करने खासतौर से युवाओं केलिए रोज़गार पैदा करने की अपार क्षमता है, इसके जरिए महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण में भी बदलाव लाया जा सकता है। नरेंद्र मोदी ने नए युग के इन कामगारों केलिए नए युग की नीतियां और योजनाएं बनाने में अपनी क्षमता पहचानने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दियाकि नियमित काम केलिए अवसर पैदा करने के सतत समाधान खोजे जाएं तथा सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कुशलक्षेम सुनिश्चित करने केलिए नए तौर-तरीके तैयार किए जाएं। प्रधानमंत्री ने भारत के ई-श्रम पोर्टल की चर्चा की, जिसपर लगभग 280 मिलियन लोगों ने पंजीकरण कराया है तथा उसके जरिये इन कामगारों को लक्षित करके उनके कल्याण का काम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि सभी देशों को इसी तरह के समाधानों को अपनाना चाहिए, क्योंकि काम की प्रकृति हर जगह समान होती जा रही है। प्रधानमंत्री ने संकेत दियाकि हालांकि 2030 एजेंडा में लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना प्राथमिकता है, लेकिन इसके बावजूद अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने जो मौजूदा प्रारूप अपनाया है, उसमें केवल लाभ को ध्यान में रखा गया है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत में सामाजिक सुरक्षा के दायरे की सही तस्वीर समझने केलिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, बीमा और पेंशन कार्यक्रमों के लाभों को ध्यान में रखना होगा। उन्होंने सुझाव दियाकि हमें हर देश की अनोखी आर्थिक क्षमताओं, शक्ति और चुनौतियों को समझना होगा, हमें यह जानना होगाकि सबके लिए एकरूपी सोच सामाजिक सुरक्षा के अनवरत वित्तपोषण केलिए उपयुक्त नहीं है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि जी20 मंत्रियों की बैठक से दुनिया के सभी कामगारों के कल्याण केलिए एक दमदार संदेश जाएगा। उन्होंने रोज़गार क्षेत्र में कुछ अत्यावश्यक विषयों का समाधान करने केलिए जी20 देशों द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की सराहना की।

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