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Monday 28 August 2023 02:21:29 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में एनटी रामाराव के शताब्दी वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में स्मारक सिक्का जारी किया। राष्ट्रपति ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहाकि नंदमूरि तारक रामाराव को लोग स्नेह और सम्मान केसाथ एनटीआर के नाम से याद करते हैं, उनकी जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में इस कार्यक्रम में उनकी स्मृति को मैं नमन करती हूं। उन्होंने एनटी रामाराव की स्मृति में उनकी आकृति से युक्त सिक्का प्रस्तुत करने केलिए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की सराहना की। उन्होंने कहाकि एनटी रामाराव ने तेलुगु फिल्मों के माध्यम से भारतीय सिनेमा और संस्कृति को समृद्ध किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि एनटी रामाराव ने अपने अभिनय से रामायण और महाभारत के प्रमुख पात्रों को सजीव बना दिया, उनकी निभाई गईं भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की भूमिकाएं इतनी जीवंत हो गईंकि लोग एनटीआर की पूजा करने लगे। राष्ट्रपति ने कहाकि एनटीआर ने अपने अभिनय के माध्यम से आम लोगों की पीड़ा को भी अभिव्यक्त किया। उन्होंने अपनी एक फिल्म 'मनुशुलंता ओक्कटे' अर्थात सभी मनुष्य समान हैं के माध्यम से सामाजिक न्याय और समानता का संदेश फैलाया। राष्ट्रपति ने कहाकि एक लोक सेवक और एक जन नेता के रूपमें एनटीआर की लोकप्रियता व्यापक थी, उन्होंने अपने असाधारण व्यक्तित्व और कड़ी मेहनत से भारतीय राजनीति में एक विशेष मुकाम हासिल किया, उन्होंने कई जनकल्याणकारी कार्यक्रम शुरू किए, जिन्हें आजभी याद किया जाता है। राष्ट्रपति ने कहाकि उनका अद्वितीय व्यक्तित्व हमेशा लोगों खासकर तेलुगु भाषी लोगों के हृदय में अंकित रहेगा।
राष्ट्रपति ने एक घटना का उल्लेख करते हुए कहाकि तिरुपति में भगवान श्रीवेंकटेश्वर बालाजी का दर्शन करने केबाद बहुत से लोग चेन्नई, जो तब मद्रास कहलाता था, जाकर एनटी रामा राव का दर्शन करते थे, ऐसा इसलिए थाकि एनटीआर ने भगवान श्रीवेंकटेश्वर बालाजी का सजीव अभिनय अपनी फिल्म में किया था। एनटीआर अपने भवन की बालकनी से उनका अभिवादन स्वीकार करते थे, उनसे जुड़े ऐसे बहुत से अनूठे उदाहरण सुनने को मिलते हैं। द्रौपदी मुर्मु ने एनटीआर के बारे में कई बेहद दिलचस्प संस्मरण सुनाए गए और कहाकि एनटीआर ने अपने असाधारण व्यक्तित्व और कर्मठता से भारतीय राजनीति के एक अनोखे अध्याय की रचना की। उन्होंने जनकल्याण के अनेक कार्यक्रम चलाए, जिन्हें आजभी याद किया जाता है। स्मृति समारोह से जुड़ी पूरी प्रक्रिया को एनटी रामाराव की पुत्री के रूपमें डॉक्टर पुरंदेस्वरी ने निष्ठा केसाथ आगे बढ़ाया, जो एक असाधारण विरासत की उत्तराधिकारी हैं।