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Friday 21 June 2013 08:59:52 AM
नई दिल्ली, देहरादून। उत्तराखंड में बड़ी जन हानि और वहां अभी तक फंसे लोगों के लिए राहत और बचाव कार्यों को तेज करते हुए सेना, वायु सेना और सभी प्रकार के सुरक्षा बलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए कैबिनेट सचिव ने राज्य सरकार के अधिकारियों तथा भारत सरकार, रक्षा सेवाओं, आटीबीपी सीमा सड़क संगठन और एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की। फंसे यात्रियों को जल्द से जल्द वायु तथा स्थल मार्ग से बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार, वायु सेना, एनडीआरएफ और सीमा सड़क संगठन के बीच समन्वित प्रयास जारी हैं। भारत सरकार, राज्य सरकार की आवश्यकतानुसार खाद्य वस्तुएं, दवाएं और ईंधन उपलब्ध करा रही है। रेलवे, दूर संचार और पैट्रोलियम जैसे विभागों ने भी अपने संसाधन उपलब्ध कराकर हैल्प लाइने शुरू की हैं।
उधर वायु सेना के 39 हेलीकॉप्टरों और सेना ने आपदा ग्रस्त इलाकों में आसमान में बादल छाए होने के बावजूद 2,000 लोगों को बाहर निकाला है। बीएसएनएल को तत्काल टेलीफोन टॉवर ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अगले 2-3 दिनों में संचार-संपर्क की बहाली हो सके। उत्तराखंड सरकार के पास लगभग 8,000 टन खाद्यान्न उपलब्ध है। ईंधन की और उपलब्धता सुनिश्चित करने के इंतजाम भी किए गए हैं। प्रधानमंत्री की घोषणा की अनुपालना में भारत सरकार ने राज्य आपदा कार्य कोष (एसडीआरएफ) से उत्तराखंड सरकार को कल 145 करोड़ रूपए भी जारी कर दिए हैं। इस बीच राज्य प्रशासन सेना, वायु सेना तथा निजी हेलीकॉप्टारों की मदद से राहत और बचाव कार्य कर रहा है। एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, सेना के जवान तलाश, राहत और बचाव प्रयासों में राज्य सरकार को सहयोग कर रहे हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्री अजीत सिंह ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों की मौत पर गहरा दुःख जताते हुए एयर इंडिया और पवन हंस हैलिकॉप्टर को उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राज्य सरकार के बचाव कार्य और खोज अभियान में हर संभव मदद देने का निर्देश दिया है। उन्होंने एयर इंडिया को प्रभावित इलाकों में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित लाने के लिए देहरादून से अतिरिक्त उड़ाने शुरू करने का भी निर्देश दिया, साथ ही प्रभावित तीर्थयात्रियों के लिए रियायती भाड़े का भी प्रस्ताव रखा है। पवन हंस ने राहत कार्यों में पहले से ही तीन हेलिकॉप्टर लगा रखे हैं। अजीत सिंह ने पवन हंस को राहत अभियान में अतिरिक्त संसाधन मुहैया कराने और राज्य सरकार से इस कार्य में तेजी लाने के लिए तालमेल बिठाने का भी निर्देश दिया है।
सेना ने पूरी ताकत झोंकी
भारतीय वायु सेना ने राहत अभियान में 13 और हवाई जहाजों को लगाया है। इस तरह कुल हवाई जहाजों की संख्या 43 हो गयी है। भारतीय वायु सेना उत्तराखंड के गोचर और धारासू में हवाई जहाजों के उतरने के लिए जमीन तैयार कर रही है, ताकि हेलीकाप्टरों की उड़ानों के लिए हवाई पुल बनाया जा सके। वायु सेना ने गोचर से एएलएच और चीता हेलीकाप्टरों की उड़ानों की व्यवस्था की है। भारी सामान लाने-ले जाने वाला एमआई-26 हेलीकाप्टर गोचर में उतरा है, जिसमें 30 बैरल ईंधन और 70 पैराट्रूपर्स हैं। एमआई-26 हवाई ईंधन और राहत कार्यों के लिए आपूर्ति बनाए रखने के वास्ते इस क्षेत्र में कार्रवाई करता रहेगा। वह सीमा सड़क संगठन को मरम्मत और निर्माण कार्य के लिए आवश्यक भारी साजो-सामान भी उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा छोटे हेलीकाप्टरों से फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए वह अस्थाई हेलीपैड भी तैयार करेगा।
टोल फ्री आपात संचार सेवा
आपदा राहत बल और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने 20 जून 2013 तक 885 और 3707 लोगों को बचाया है। आज वायु सेना, थल सेना के 17 हेलीकाप्टरों और 11 निजी हेलीकाप्टरों ने 90 उड़ाने भरीं। राष्ट्रीय आपदा राहत बल ने 18 शव निकाले। प्रभावित जिलों चमोली, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में कुल 739 संचार टावर है, जिनमें से 207 काम नहीं कर रहे हैं। ये टावर 24 घंटों में शुरू हो जाएंगे, बशर्ते कि वहां तक पहुंचा जा सके। सभी आपात संचार सेवाएं 100, 101, 102 और 108 चालू हैं। इनमें न सिर्फ भारतीय संचार निगम लिमिटेड की सेवाएं शामिल हैं, बल्कि निजी दूरसंचार आपरेटरों की सेवाएं भी चल रही हैं। दूरसंचार विभाग ने सभी टेलीफोन कंपनियों को निर्देश जारी किया है कि उपभोक्ताओं को टोल फ्री सार्वजनिक सेवा आपदा नंबरों की सुविधा पूरी तरह से मिल जानी चाहिए।
खाद्य और ईंधन आपूर्ति
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेट्रोलियम उत्पादों की उपलब्धता के लिए एटीएफ-हवाई ईंधन री-फ्यूलर्स रामपुर, शिमला और गोचर में तैनात किए गए हैं। इन स्थानों से बचाव अभियान में लगे हेलीकाप्टरों ने 19 और 20 जून की शाम के बीच 42 बार ईंधन भरा। जोशीमठ, बागेश्वर, धारासू और पिथौरागढ़ में भी इसी तरह री-फ्यूलर्स को तैनात किया जा रहा है। इन री-फ्यूलर्स के लिए अंबाला और पानीपत केंद्रों से आपूर्ति की व्यवस्था की गयी है। सड़कों और यातायात की खराब हालत के कारण सभी गंतव्य स्थानों तक ईंधन और आपूर्ति पहुंचाने के लिए राज्य प्रशासन मदद दे रहा है।
उत्तराखंड में वितरकों को रसोई गैस की आपूर्ति हरिद्वार और हल्द्वानी स्थित संयंत्रों से की जा रही है। रसोई गैस सिलेंडर से भरा एक ट्रक 17 और 18 जून 2013 को भेजा गया और दो ट्रक 19 जून, 2013 को भेजे गए। प्रभावित बाजारों के लिए 21 ट्रक जा रहे हैं। उपरोक्त दोनों संयंत्र सामान्य रूप से काम कर रहे हैं और राज्य सरकार के सहयोग से खुले रास्ते के जरिए ट्रकों को प्रभावित बाजारों तक पहुंचाने की कोशिशें की जा रही हैं। रसोई गैस सिलेंडर उत्तरकाशी पहुंचना शुरू हो गए हैं। एमएस, एचएसडी, एसकेओ-ऋषिकेश से जोशीमठ और उत्तरकाशी तक सड़क बहाल कर दी गयी है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन के डिपो से आपूर्ति शुरू कर दी गयी है। बाढ़ और भूस्खलन राहत कार्य से संबंधित मिट्टी के तेल की तिमाही आपूर्ति के संदर्भ में 60 किलोलीटर मिट्टी के तेल की अग्रिम आपूर्ति को मंत्रालय ने अधिकृत कर दिया है। हालात की नजदीक से निगरानी की जा रही है।
राहत में फ्री रेलगाड़ियां
उत्तराखंड के आपदाग्रस्त इलाकों से फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए विशेष ट्रेनों का भी प्रबंध किया गया है। विशेष ट्रेनें हरिद्वार से चलना शुरू हो गयी हैं। कल यानी 20 जून 2013 को तीन विशेष गाड़ियां लखनऊ, दिल्ली और अंबाला के लिए रवाना हुईं और भी विशेष गाड़ियां चलाए जाने की योजना है। उत्तराखंड सरकार के समन्वय से भारतीय रेल ने फंसे हुए यात्रियों को उनके गंतव्य स्थानों तक निशुल्क पहुंचाने का निर्णय किया है। रेलवे प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि हरिद्वार-देहरादून तक पर्याप्त खाली डिब्बे पहुंचाए जाएं। स्थिति की निगरानी के लिए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनय मित्तल के नेतृत्व में एक कार्यबल का गठन किया गया है। उत्तर रेलवे और उसका मुरादाबाद मंडल समुचित व्यवस्था करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उल्लेखनीय कि उत्तराखंड का ज्यादातर हिस्सा उत्तर रेलवे के मुरादाबाद रेल मंडल के अंतर्गत आता है।
रेल अधिकारियों से संपर्क करें
चार महत्वपूर्ण स्थानों पर आला अधिकारियों को विशेष अधिकारियों के रूप में तैनात किया गया है। देहरादून में संजीव गर्ग मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक माल विपरण-मोबाइल नंबर-09717630953, ऋषिकेश में डी के सिंह मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक/परियोजना, मोबाइल नंबर-097171630969, हरिद्वार में हितेंद्र मल्होत्रा अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक मुरादाबाद, मोबाइल नंबर-09760534001 और नई दिल्ली में विवेक श्रीवास्तव, अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक दिल्ली, मोबाइल नंबर-09717631001. ये अधिकारी राज्य के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए हुए हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि यात्रियों के लिए विशेष ट्रेन सेवाएं सुचारू रूप से चलें। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि उपरोक्त स्थानों पर यात्रियों की सहायता के लिए सहायता-केंद्र 24 घंटे काम करने के लिए बनाए जाएं।
हेल्पलाइन नंबर शुरू
निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबर शुरू कर दिए गए हैं–हरिद्वार में 09760534054 और 09760534055, देहरादून में 01352-622131 और ऋषिकेश में 01352-434167. इंस्पेक्टरों और कांस्टेबलों की पर्याप्त टुकड़ियों के साथ आरपीएफ अधिकारी भी इन स्थानों पर तैनात किए गए हैं। इन स्टेशनों पर डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ पर्याप्त संख्या में तैनात किए गए हैं। टिकट बुकिंग, पूछताछ और टिकट वापसी इत्यादि अतिरिक्त आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपरोक्त स्थानों पर रेल विभाग ने अतिरिक्त टिकट और पूछताछ काउंटरों के गठन को सुनिश्चित किया है। इन स्थानों पर खान-पान और पेयजल सुविधाओं का उचित प्रबंध किया गया है। गाड़ियों और यात्रा संबंधी सेवाओं के बारे में समय-समय पर लाउडस्पीकरों से सूचनाएं दी जा रही हैं।