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Wednesday 18 October 2023 12:45:27 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने समारोहपूर्वक विभिन्न श्रेणियों में 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने अभिनेत्री वहीदा रहमान को वर्ष 2021 केलिए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया और उनको बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहाकि वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित करके उन्हें बहुत प्रसन्नता है, उन्होंने अपनी कला और व्यक्तित्व से फिल्म जगत के शिखर पर अपना स्थान बनाया है, अपने निजी जीवन में भी उन्होंने गरिमा, आत्मविश्वास और मौलिकता से युक्त महिला के रूपमें अपनी पहचान बनाई है। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि उन्होंने फिल्मों में काम करने केलिए कोई दूसरा नाम रखने से इनकार कर दिया था, जबकि दूसरा नाम रखना उस दौर का चलन था, उन्होंने कई ऐसी फिल्में चुनीं जिनमें उनकी भूमिका, महिलाओं से जुड़े बंधनों को तोड़ती थी, उन्होंने यह मिसाल पेश की हैकि महिला सशक्तिकरण केलिए खुद महिलाओं कोभी पहल करनी चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि सर्वश्रेष्ठ अभिनय केलिए पुरस्कार से सम्मानित पल्लवी जोशी, आलिया भट्ट और कृति सेनन ने अपनी फिल्मों में सशक्त महिला पात्र निभाए हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुईकि निर्देशक सृष्टि लखेरा ने अपनी पुरस्कार विजेता फिल्म 'एक था गांव' में एक 80 वर्षीय महिला की संघर्ष करने की क्षमता का चित्रण किया है। राष्ट्रपति ने कहाकि इस समारोह में हमने भारत की विविधताओं और उनमें निहित एकता का दर्शन किया है, यहां उपस्थित प्रतिभाशाली लोगों ने अनेक भाषाओं, क्षेत्रीय विशेषताओं, सामाजिक मान्यताओं, उपलब्धियों और समस्याओं को सार्थक अभिव्यक्ति प्रदान की है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में कई पीढ़ियों और वर्गों के लोग एकसाथ आते हैं, इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं में एक ओर वहीदा रहमान हैं तो दूसरी ओर बाल कलाकार भाविन हैं, जो गुजरात से हैं और रबारी जनजातीय समुदाय से आते हैं। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि मास्टर भाविन फिल्में मुश्किल से देख पाते हैं, क्योंकि उनके गांव से सिनेमा हॉल बहुत दूर है। उन्होंने कहाकि महिला पात्रों के सहानुभूतिपूर्ण और कलात्मक चित्रण से समाज में महिलाओं केप्रति संवेदनशीलता और सम्मान भी बढ़ेगा।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुईकि इस वर्ष पुरस्कार पाने वाली फिल्मों में जलवायु परिवर्तन, मानव तस्करी, नारी उत्पीड़न, भ्रष्टाचार और सामाजिक शोषण जैसी समस्याओं को दर्शाया गया है। उन्होंने कहाकि जनजातीय समुदायों के प्रकृति और कला से प्रेम, महात्मा गांधी के आदर्शों की स्थापना, विपत्तियों के बीच अदम्य उत्साह से संघर्ष करना, शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों जैसे विभिन्न विषयों पर अच्छी फिल्में बनाई गई हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि फिल्म क्षेत्र सिर्फ एक उद्योग नहीं है, यह केवल व्यवसाय और मनोरंजन तकही सीमित नहीं है, जागरुकता और संवेदनशीलता केलिए फिल्में सबसे प्रभावी माध्यम हैं। सार्थक फिल्में समाज और देश की उपलब्धियों के साथ-साथ समस्याओं को भी दर्शाती हैं। उन्होंने लीक से हटकर ऐसी फिल्में बनाने वाले सभी लोगों की विशेष सराहना की। राष्ट्रपति ने कहाकि फिल्म बिरादरी हमें अपनी फिल्मों के माध्यम से भारतीय समाज की विविध हकीकतों का जीवंत परिचय देती है, सिनेमा हमारे समाज का दस्तावेज़ भी है और उसमें सुधार लाने का माध्यम भी है। उन्होंने कहाकि सिनेमा कलाकार बदलाव के वाहक होते हैं, वे देश के बारेमें जानकारी प्रदान करते हैं और नागरिकों से संपर्क साधते हैं।
राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय फिल्मों को देश की सामाजिक विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का वाहक बनना चाहिए, ऐसी फिल्में न केवल देश और समाज केलिए लाभप्रद होंगी, बल्कि व्यावसायिक रूपसे भी सफल होंगी। उन्होंने फिल्म जगत से इस प्रयोग को और अधिक संकल्प केसाथ करने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने समाज और सिनेमा में प्रभावशाली योगदान देने केलिए 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की विजेता फिल्मों से जुड़े सभी लोगों की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि फिल्म बिरादरी वैश्विकस्तर की उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करना जारी रखेगी और भारतीय फिल्में विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। राष्ट्रपति ने कहाकि चंद्रयान की सफलता पर देशवासी गर्व का अनुभव करते हैं और इसरो के वैज्ञानिकों केप्रति सम्मान का भाव रखते हैं। सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के पुरस्कार से सम्मानित 'रॉकेट्री: द नांबी इफ़ेक्ट' फिल्म में वर्ष 2019 में पद्मभूषण से सम्मानित इसरो के भूतपूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन की संघर्षपूर्ण जीवनगाथा का मर्मस्पर्शी चित्रण किया गया है, मैं इस फिल्म की पूरी टीम को बधाई देती हूं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि सार्थक फिल्मों में समाज और देश की उपलब्धियों और समस्याओं का भी चित्रण होता है। राष्ट्रपति ने परमवीर चक्र से सम्मानित भारत माता के अमर सपूत कारगिल युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा की जीवनगाथा पर फिल्म शेरशाह को विशेष पुरस्कार प्रदान करने केलिए निर्णायक मंडल की सराहना की और फिल्म से जुड़े लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय एकता के महत्व को रेखांकित करने केलिए इसे हमारे संविधान की प्रस्तावना तथा अन्य प्रावधानों में स्थान दिया गया है और सिनेमा द्वारा ऐसे राष्ट्रीय आदर्शों का प्रसार किया जाना चाहिए। उन्होंने राष्ट्रीय एकता केलिए सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार प्राप्त करने केलिए 'कश्मीर फ़ाइल' की टीम को भी बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहाकि जनजातीय संघर्ष को नेतृत्व प्रदान करने वाले महानायक अल्लुरि सीताराम राजू की जीवनी से प्रेरणा लेकर एसएस राजामौली ने आरआरआर बहुत ही लोकप्रिय फिल्म बनाई है, फिल्म के एक गीत को सर्वश्रेष्ठ गीत का अकादमी पुरस्कार भी मिला है, मैं फिल्म की सफलता तथा अंतर्राष्ट्रीय मान्यता केलिए पूरी टीम को बधाई देती हूं। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त कियाकि प्रतिभाओं से समृद्ध भारत में सिनेमा से जुड़े लोग विश्वस्तरीय उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करते रहेंगे और विकसित भारत के निर्माण में फिल्मों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होंने भारतीय फिल्म उद्योग पर गर्व व्यक्त किया और कहाकि आज कुछभी क्षेत्रीय नहीं है, यदि सामग्री अच्छी हो तो क्षेत्रीय सामग्री को भी वैश्विकस्तर पर दर्शक मिलेंगे। अभिनेत्री वहीदा रहमान के बारेमें उन्होंने कहाकि चूंकि भारतीय फिल्में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से परे जाती हैं, इसलिए इसी प्रकार की प्रसिद्धि का दावा वहीदा रहमान के संदर्भ में भी है, उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई दी। सूचना और प्रसारण मंत्री ने श्रोताओं को सूचित कियाकि सरकार फिल्म पाइरेसी से निपटने के अपने प्रयासों में फिल्म उद्योग केसाथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने बतायाकि सरकार ने सिनेमैटोग्राफ अधिनियम पेश किया है, जो इस खतरे को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अनुराग ठाकुर ने भारत में एवीजीसी क्षेत्र की क्षमता के बारेमें बात की और कहाकि सरकार इस क्षेत्र केलिए एक नीति लाने जा रही है, इससे भारत को 'दुनिया का कंटेंट केंद्र' के रूपमें अपनी क्षमता का उपयोग करने में मदद मिलेगी। सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्र ने बतायाकि कोविड-19 का वर्ष के दौरान सिनेमा हॉल बंद रहे थे और फिल्म उद्योग संघर्ष कर रहा था, हालांकि हमने जल्द ही वापसी की, अब देश और फिल्म उद्योग दोनों ही विकास की राह पर वापस आ गए हैं और पिछली तिमाही भारत के फिल्म उद्योग केलिए सबसे अच्छी रही है। उन्होंने कहाकि जहां बॉक्स ऑफिस पर सफलता महत्वपूर्ण है, वहीं फिल्म पुरस्कार गुणवत्ता का उत्सव मनाते हैं। कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री डॉ एल मुरुगन, जूरी के अध्यक्ष और गणमान्य महानुभाव उपस्थित थे।