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Thursday 19 October 2023 01:29:47 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देश के सर्वाधिक भरोसेमंद और प्रेरक संगठनों में प्रमुख भारतीय सेना में देशभर का विश्वास दोहराया। उन्होंने कहाकि राष्ट्र को अपनी सेना पर गर्व है और नरेंद्र मोदी सरकार सेना सुधार एवं क्षमता आधुनिकीकरण केलिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने हर आवश्यकता के समय नागरिक प्रशासन को सहायता प्रदान करने के अलावा हमारी सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने में सेना की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। रक्षामंत्री ने सेना कमांडरों के सम्मेलन में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'रक्षा और सुरक्षा' दृष्टिकोण को सफलतापूर्वक बढ़ावा देने केलिए देश के सैन्य नेतृत्व की सराहना की। रक्षामंत्री ने कहाकि ये उच्च नेतृत्व सम्मेलन न केवल सशस्त्रबलों केलिए, बल्कि देश केलिए जरूरी और लाभदायक हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि रक्षा कूटनीति, स्वदेशीकरण, सूचना युद्ध, रक्षा बुनियादी ढांचे और बल आधुनिकीकरण से संबंधित मुद्दों पर हमेशा ऐसे मंच पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि युद्ध की तैयारी एक सतत घटना होनी चाहिए और हमें किसीभी समय सामने आने वाली अनिश्चितताओं केलिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने कहाकि हमें अपने युद्ध कौशल और हथियार प्रौद्योगिकियों को सुदृढ़ बनाना चाहिए, ताकि जहांभी आवश्यकता हो प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सके। रक्षामंत्री ने वर्तमान जटिल और कठिन विश्व परिस्थिति पर कहाकि ये स्थितियां वैश्विक स्तरपर सभीको प्रभावित करती हैं। रक्षामंत्री ने कहाकि हाइब्रिड युद्ध सहित गैर-परंपरागत और असंयमित युद्ध, भविष्य के पारंपरिक युद्धों का हिस्सा होगा और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे संघर्षों में भी यह स्पष्ट रूपसे प्रदर्शित हो रहा है, इसके लिए आवश्यक हैकि सशस्त्र बलों को रणनीति और योजना बनाते समय इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए।
रक्षामंत्री ने कहाकि हमें वर्तमान और अतीत में घटी वैश्विक घटनाओं से सीखते रहना चाहिए। उन्होंने सेना का आह्वान कियाकि अप्रत्याशित स्थितियों के अनुरूप योजना तैयार करें, रणनीति बनाएं और निपटने की तैयारी करें। उत्तरी सीमाओं पर मौजूदा स्थिति के बारेमें रक्षामंत्री ने किसीभी आकस्मिक स्थिति से निपटने केलिए सेना पर पूरा भरोसा व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि शांतिपूर्ण समाधान केलिए सभी स्तरों पर चल रही बातचीत जारी रहेगी। रक्षामंत्री ने सीमा सड़क संगठन के प्रयासों की भी सराहना की, जिसने कठिन परिस्थितियों में काम करते हुए पश्चिमी और उत्तरी दोनों सीमाओं पर सड़क संचार में अतुलनीय सुधार किया है। पश्चिमी सीमाओं पर स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने सीमापार से आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई की प्रशंसा की, हालांकि सीमापार से छद्म युद्ध जारी है। रक्षामंत्री ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल/ पुलिस बलों और सेना केबीच उत्कृष्ट तालमेल की सराहना की और कहाकि वे केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में समन्वित अभियान इस क्षेत्र में स्थिरता और शांति बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं और इसे जारी रहना चाहिए।
रक्षामंत्री ने उच्च मानक स्थापित करने और क्षमताओं केलिए सेना की प्रशंसा की और कहाकि वे अग्रिम क्षेत्रों की अपनी यात्राओं के दौरान इसका प्रत्यक्ष रूपसे अनुभव करते रहे हैं। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने विदेशी सेनाओं केसाथ स्थायी सहयोगी संबंध स्थापित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को बढ़ाने केलिए सैन्य कूटनीति में भारतीय सेना के महत्वपूर्ण योगदान का जिक्र किया और हाल ही में हुए एशियाई खेल 2023 में सेना के खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन को भी सराहा। रक्षामंत्री ने जीवन के हर क्षेत्र में हो रही तकनीकी प्रगति पर जोर दिया और उन्हें उपर्युक्त रूपसे शामिल करने केलिए सशस्त्र बलों से भी कहा। उन्होंने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों सहित नागरिक उद्योगों के सहयोग से विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और इस तरह स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण या आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की दिशा में बढ़ने केलिए सेना के प्रयासों की सराहना की।
रक्षामंत्री ने कहाकि आत्मनिर्भरता के माध्यम से प्रत्येक सैनिक केलिए हथियारों का आधुनिकीकरण सरकार का मुख्य लक्ष्य है और सरकार इस कार्य में पूरी तरह से सशस्त्र बलों केसाथ है। सेना कमांडर सम्मेलन-2023 हाइब्रिड रूपमें शुरू हुआ, जिसमें दौरान भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं और भीतरी इलाकों की स्थिति और चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। वर्तमान सुरक्षा तंत्र के अतिरिक्त संगठनात्मक पुनर्गठन, लॉजिस्टिक, प्रशासन और मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। सम्मेलन के तीसरे दिन का मुख्य आकर्षण रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का संबोधन रहा। इससे पहले डिजिटलीकरण और स्वचालन (ऑटोमशन) पहल सहित नए युग में भारतीय सेना केलिए प्रशिक्षण संरचना पर एक संक्षिप्त विवरण दिया गया था।