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Thursday 19 October 2023 03:39:07 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम केतहत 15 से 21 अक्तूबर केबीच राजधानी नई दिल्ली भ्रमण पर आए आदिवासी युवाओं से संवाद किया और उनसे कहाकि देश के संविधान में सबके लिए समान अवसर उपलब्ध हैं और उनको अपने जीवन के लक्ष्य को देश के विकास केसाथ जोड़कर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहाकि आदिवासी समुदाय के लोगों केलिए अनेक अवसर उपलब्ध हैं और हमें गर्व हैकि एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मु भारत की राष्ट्रपति हैं। अमित शाह ने युवाओं से कहाकि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अपने निहित स्वार्थ केलिए भ्रांति फैलाई जा रही हैकि देश में जनजाति समुदाय के बच्चों का कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने कहाकि हिंसा से रोज़गार नहीं मिल सकता, बल्कि विकास और आधारभूत ढांचे के निर्माण केलिए समाज की मुख्यधारा से जुड़ना ज़रूरी है। अमित शाह ने कहाकि जो लोग वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टॉवर, सड़क और अन्य ज़रूरी सुविधाएं नहीं आने देना चाहते, वो युवाओं के उज्जवल भविष्य की राह में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि ये युवाओं की ज़िम्मेदारी हैकि वो ना तो खुद गलत रास्ते पर जाएं और ना ही दूसरों को जाने दें। उन्होंने कहाकि वामपंथी उग्रवादी और उनकी विचारधारा देश के विकास और उनके उज्जवल भविष्य के विरोधी हैं। उन्होंने कहाकि वामपंथी उग्रवाद के विचार को खत्म करने में आदिवासी युवाओं को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए, उनको देश भ्रमण केबाद अपने गांव वापस जाकर सबको बताना चाहिएकि देश आज हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और आदिवासियों केलिए हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहाकि किसी का जन्मस्थान महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि जीवन में किए गए कार्य महत्वपूर्ण होते हैं, केवल पुरुषार्थ से ही धन, विद्या और सम्मान प्राप्त किया जा सकता है। अमित शाह ने आदिवासी युवाओं से कहाकि वे ये तय करेंकि उन्हें जीवन में क्या बनना है और उसके लिए पुरुषार्थ करें। अमित शाह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 200 करोड़ रुपये की लागत से देश के स्वाधीनता संग्राम में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में देशभर में 10 जनजातीय संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया है और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार ने 2014 सेही वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई है, इसके परिणामस्वरूप 4 दशक में सबसे कम हिंसा और मृत्यु 2022 में दर्ज की गई है।
गृहमंत्री ने कहाकि भारत सरकार वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों में विकास को गति देने केलिए कई कदम उठा रही है, सड़क निर्माण, दूरसंचार, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया जा रहा है, केंद्र सरकार ने वामपंथी उग्रवाद से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में विकास को गति देने केलिए विशेष केंद्रीय सहायता योजना केतहत 14000 से अधिक परियोजनाएं शुरू की हैं, इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, योजना केतहत वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को 3296 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। गौरतलब हैकि गृह मंत्रालय 15 वर्ष से जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम चला रहा है। यह युवा मामले व खेल मंत्रालय के अधीन नेहरू युवा केंद्र संगठन के माध्यम से चलाया जा रहा है, इसमें वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों के अंदरूनी हिस्से से युवक-युवतियों को देशभर के प्रमुख शहरों और महानगरों के भ्रमण पर ले जाया जाता है। कार्यक्रम का उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं की आकांक्षा बढ़ाना, माओवादियों के सरकार के विरुद्ध दुष्प्रचार का मुकाबला करना, इन क्षेत्रों के युवाओं को विकास गतिविधियों और औद्योगिक उन्नति से अवगत कराना, उन्हें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत केप्रति संवेदनशील बनाना, इन क्षेत्रों में लोकतांत्रिक व्यवस्था केप्रति विश्वास गहरा करना, उनको प्रमुख विकास और कल्याणकारी योजनाओं के बारेमें जागरुक करना और देश के दूसरे भाग में अपने समकक्ष समूहों केसाथ भावनात्मक जुड़ाव विकसित करना है।
जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम में संवैधानिक प्राधिकारियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और खेल, उद्योग, कला आदि में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वालों तथा अन्य रोल मॉडल्स को युवाओं केसाथ संवाद केलिए आमंत्रित किया जाता है। इसके अतिरिक्त उद्योग एक्सपोजर यात्रा, आजादी का अमृत महोत्सव के तहत गतिविधियां, भाषण प्रतियोगिता, कौशल विकास, कैरियर मार्गदर्शन, खेल आयोजनों के लिए एक्सपोजर, सुरक्षा बलों के कैंप का दौरा, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि का भी आयोजन किया जाता है। जब ये युवा अपने मूल स्थान वापस लौटते हैं, तबभी एक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, ताकि ये युवा अपने क्षेत्र के अन्य युवाओं और निवासियों केसाथ अपने अनुभव साझा कर सकें। इस वर्ष 25 ग्रुप्स में युवाओं को देशभर के प्रमुख शहरों और महानगरों के भ्रमण पर ले जाया जा रहा है। प्रत्येक ग्रुप में वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों के अंदरूनी हिस्से के 200 युवक और युवतियों होंगे। राजधानी दिल्ली में इस साल तीन समूह आएंगे और पहला समूह 15 से 21 अक्तूबर केबीच दिल्ली भ्रमण पर है। इस समूह में छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, बस्तर, दांतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर व राजनंदगांव से 140 प्रतिभागी और मध्य प्रदेश के बालाघाट से 60 प्रतिभागी शामिल हैं।