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Tuesday 31 October 2023 02:12:16 PM
केवड़िया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर आज उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा हैकि हम उन्हें अदम्य भावना, दूरदर्शी राजनेता और उनके असाधारण समर्पण केलिए स्मरण करते हैं, जिसके माध्यम से उन्होंने हमारे भारत की नियति को नया आयाम दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि राष्ट्रीय एकता केप्रति उनकी प्रतिबद्धता सदैव हमारा मार्गदर्शन करती है, हम उनकी अनुकरणीय देशसेवा के सदैव ऋणी रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने एवं दृढ़ भावना को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूपमें मनाने का निर्णय लिया। उन्होंने आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी की, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर जाकर सरदारजी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड भी देखी, जिसमें बीएसएफ और विभिन्न राज्य पुलिस की टुकड़ियों, सीआरपीएफ की महिला बाइकर्स के साहसिक शो, बीएसएफ का महिला पाइप बैंड, गुजरात महिला पुलिस द्वारा कोरियोग्राफ किया गया कार्यक्रम, विशेष एनसीसी शो, स्कूल बैंड प्रदर्शन और जीवंत गांवों की आर्थिक व्यवहार्यता को दर्शाते हुए भारतीय वायुसेना का फ्लाई पास्ट प्रदर्शन शामिल था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहाकि राष्ट्रीय एकता दिवस भारत के युवाओं और उसके योद्धाओं की एकता की शक्ति का उत्सव मनाता है, वह इसमें एक प्रकार से लघु भारत का स्वरूप देख सकते हैं। उन्होंने कहाकि भले ही भाषाएं, राज्य और परंपराएं पृथक हों, लेकिन देश का हर व्यक्ति एकता के मजबूत सूत्र में बंधा हुआ है। उन्होंने कहाकि मोती अनेक हैं, परंतु माला एक है, भलेही हम विविध हैं पर हम एकजुट हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि जिस तरह 15 अगस्त, 26 जनवरी को स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के रूपमें मान्यता दी जाती है, उसी तरह से 31 अक्टूबर भी देश में एकता का पर्व बन चुका है। उन्होंने कहाकि लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस का पर्व, कर्तव्यपथ पर गणतंत्र दिवस परेड और मां नर्मदा के तट पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सानिध्य में राष्ट्रीय एकता दिवस का उत्सव राष्ट्रीय उत्थान की त्रिशक्ति बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि एकतानगर की यात्रा करने वाले आगंतुक न सिर्फ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अवलोकन करते हैं, बल्कि उन्हें सरदार साहब के जीवन और भारत की राष्ट्रीय एकता में उनके योगदान की झलक भी यहां मिलती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एक भारत, श्रेष्ठ भारत के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने प्रतिमा के निर्माण में नागरिकों के योगदान का उल्लेख करते हुए उन किसानों का उदाहरण दिया, जिन्होंने इसके लिए अपने उपकरण दान किए। उन्होंने एकता दीवार के निर्माण केलिए भारत के विभिन्न हिस्सों की मिट्टी के मिश्रण का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि देश में रन फॉर यूनिटी' और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर करोड़ों नागरिक राष्ट्रीय एकता दिवस के समारोह से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नागरिकों को राष्ट्रीय एकता दिवस की बधाई दी और कहाकि सरदार साहब के आदर्श 140 करोड़ नागरिकों का आधार हैं, जो एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना का महोत्सव मनाने केलिए एकजुट होते हैं। प्रधानमंत्री ने दोहरायाकि अगले 25 वर्ष देश केलिए इस सदी के सबसे महत्वपूर्ण 25 वर्ष हैं, क्योंकि इस अवधि के दौरान भारत को एक समृद्ध और विकसित देश बनना है। उन्होंने देश केलिए समर्पण की उसी भावना का आह्वान किया, जो आजादी से ठीक पहले 25 वर्ष में देखी गई थी। उन्होंने विश्व में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे लिए यह गर्व का विषय हैकि हम सबसे बड़े लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को एक नए मुकाम पर ले जा रहे हैं। उन्होंने सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, स्वदेशी रक्षा उत्पादन और प्रमुख वैश्विक कंपनियों एवं खेलों में भारतीयों के वैश्विक कॉर्पोरेट नेतृत्व में भारत की मजबूत स्थिति का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने निरंतर उन्नति करते हुए गुलामी की मानसिकता को त्यागने के संकल्प का उल्लेख करते हुए कहाकि भारत विकास के साथ-साथ अपनी विरासत का संरक्षण भी कर रहा है। उन्होंने नौसेना ध्वज से औपनिवेशिक प्रतीक चिन्ह के अलावा औपनिवेशिककाल के अनावश्यक कानूनों को हटाने, आईपीसी को प्रतिस्थापित करने और इंडिया गेट पर औपनिवेशिक प्रतिनिधियों के स्थान पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित किए जाने का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज भारत की पहुंच से परे कोई लक्ष्य नहीं है। सबका प्रयास की शक्ति का उल्लेख करते हुए उन्होंने धारा 370 को हटाए जाने का जिक्र किया और कहाकि आज कश्मीर और देश के बाकी हिस्से केबीच खड़ी धारा 370 की दीवार ढह चुकी है, इससे सरदार साहब, जहां भी होंगे, अत्यंत प्रसन्न हुए होंगे।
प्रधानमंत्री ने सरदार सरोवर बांध का भी उल्लेख किया, जो पिछले 5-6 दशक से लंबित था, लेकिन पिछले कुछ वर्ष में इसे पूरा किया गया। उन्होंने कहाकि केवड़िया-एकतानगर का बदलाव संकल्प से सिद्धि का उदाहरण है, आज एकतानगर को वैश्विक हरित शहर के रूपमें पहचाना जाता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि विभिन्न पर्यटक आकर्षणों के अलावा पिछले 6 महीने में ही एकतानगर में 1.5 लाख से अधिक का वृक्षारोपण किया गया है। इस क्षेत्र में पहले सेही स्थापित सक्षम सौर ऊर्जा उत्पादन और शहरी गैस वितरण की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एकतानगर में एक हेरिटेज ट्रेन का भी आकर्षण जुड़ जाएगा। उन्होंने कहाकि यहां पिछले 5 वर्ष में 1.5 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ है, जिससे स्थानीय जनजातीय समुदायों को रोज़गार के अवसर मिलने में सहायता मिली है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज दुनिया भारत के अटूट संकल्प, यहां के लोगों के साहस और सौम्यता को स्वीकार करती है। प्रधानमंत्री ने कोविड महामारी केबाद कई देशों की कमजोर होती अर्थव्यवस्थाओं का उल्लेख किया, जहां मुद्रास्फीति और बेरोज़गारी पिछले 30-40 वर्ष में अपने चरम पर है, ऐसे में भारत नए कीर्तिमान स्थापित करने केसाथ संकल्पों को सिद्ध करते हुए निरंतर बढ़ रहा है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि 9 वर्ष में सरकार की नीतियों और लिए गए निर्णयों का सकारात्मक प्रभाव आज देखा जा सकता है, 13.5 करोड़ से अधिक भारतीय गरीबी से बाहर आए हैं। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से देश में स्थिरता बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहाकि भारत को विकास के मार्ग पर लाने वाले 140 करोड़ नागरिकों के प्रयास व्यर्थ नहीं जाने चाहिए। उन्होंने कहाकि हमें भविष्य पर ध्यान रखते हुए अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूर्ण करने के अपने संकल्प को जारी रखना चाहिए। आंतरिक सुरक्षा केप्रति लौहपुरुष सरदार साहब की गंभीर चिंता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस संबंध में 9 वर्ष में उठाए गए कदमों को सूचीबद्ध करते हुए जानकारी दीकि विनाश की ताकतों को पहले जैसी सफलताओ से वंचित करते हुए चुनौतियों का दृढ़ता से मुकाबला किया जा रहा है। उन्होंने देश की एकता पर हो रहे हमलों केप्रति सतर्क रहने की आवश्यकता पर भी बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की विकास यात्रा में सबसे बड़ी बाधा तुष्टीकरण की राजनीति है और पिछले कई दशक से यह देखा गया हैकि तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले लोग आतंकवाद केप्रति भी आंखें मूंद लेते हैं और मानवता के दुश्मनों केसाथ खड़े हो जाते हैं। उन्होंने ऐसी सोच केप्रति देशवासियों को आगाह किया, जो देश की एकता को खतरे में डालती है।
वर्तमान और आगामी चुनावों के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने नागरिकों से ऐसे गठबंधनों से भी सावधान रहने की अपील की, जो सकारात्मक राजनीति से पूरी तरह से रहित है और असामाजिक एवं राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमें विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने केलिए देश की एकता को बनाए रखने हेतु अपने प्रयास निरंतर जारी रखने होंगे, हम जिस भी क्षेत्र में हों, हमें उसमें अपना 100 प्रतिशत देना होगा, क्योंकि आनेवाली पीढ़ियों को बेहतर भविष्य देने का एकमात्र यही उपाय है। प्रधानमंत्री ने माईगॉव पर सरदार पटेल पर एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता के बारेमें भी जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज का भारत नया भारत है, जहां हर नागरिक आत्मविश्वास से परिपूर्ण है। उन्होंने इस विश्वास और एकता की भावना को बनाए रखने को सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने नागरिकों की ओर से सरदार पटेल को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए अपने संबोधन का समापन किया और राष्ट्रीय एकता दिवस पर अपनी शुभकामनाएं भी दीं।