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Wednesday 8 November 2023 12:30:12 PM
गांधीनगर। भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री और सांसद जेसन क्लेयर केसाथ गांधीनगर में ऑस्ट्रेलिया के वॉलोन्गॉन्ग और डीकिन विश्वविद्यालयों के भविष्य में बनने वाले परिसरों के स्थान का दौरा किया। उन्हें परिसर की प्रगति और भविष्य की योजनाओं के बारेमें जानकारी दी गई। दोनों शिक्षा मंत्रियों ने आरंभ (द बिगिनिंग) नामक एक कार्यक्रम में गिफ्ट सिटी गांधीनगर में परिसरों के उद्घाटन की औपचारिक रूपसे घोषणा की। भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों का खुलना राष्ट्रीय शिक्षा नीति की शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की परिकल्पना के अनुरूप है। आरंभ कार्यक्रम ने अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जिसमें भारत में ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय परिसरों की शुरुआत का उत्सव मनाने केलिए प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति, मंत्री और अकादमिक प्रमुख एकसाथ शामिल हुए।
ऑस्ट्रेलिया के डीकिन विश्वविद्यालय और वॉलोन्गॉन्ग विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने कोविड-19 महामारी जैसे चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भी भारत और ऑस्ट्रेलिया केबीच द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी पर प्रकाश डालते हुए दो देशों केबीच साझेदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भारत में परिसरों के खुलने केसाथ शुरू होनेवाले पाठ्यक्रमों सहित भविष्य की योजनाओं को साझा किया। धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर छात्र और शैक्षणिक समुदाय को नए 'आरंभ' केलिए बधाई दी। उन्होंने कहाकि देश में विदेशी विश्वविद्यालय परिसर भारत में अध्ययन की सुविधा प्रदान करेंगे और एनईपी 2020 में की गई परिकल्पना के अनुसार एक जीवंत, विविध और समावेशी शैक्षिक वातावरण भी बनाएंगे। धर्मेंद्र प्रधान ने उल्लेख कियाकि अवसरों की भूमि गिफ्ट सिटी में इन दो विश्वविद्यालयों के परिसर खोलना छात्र समुदाय केलिए एक उपहार है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनईपी के माध्यम से भारत की शिक्षा में बदलाव लाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना और प्रयासों केलिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि दुनिया के विभिन्न हिस्सों के छात्र और संकाय इस तरह के प्रयासों से मिलकर कार्य करेंगे, अध्ययन करेंगे और आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहाकि यह परिवर्तनकारी नीति 'स्वदेश में अंतर्राष्ट्रीयकरण' पर जोर देती है, जिसका लक्ष्य हमारे अपने देश के भीतर एक जीवंत, विविध और समावेशी शैक्षिक वातावरण बनाना है। दोनों मंत्रियों ने 'रिसर्च डॉयलॉग: न्यू होराइजंस इन रिसर्च कलेबोरेशन' सम्मेलन को संबोधित किया, जिसका उद्देश्य एक सफल अनुसंधान इकोसिस्टम में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने केलिए नवीन अवसरों की पहचान करना था। सम्मेलन में ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल, भारत के प्रमुख उच्च शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों के वरिष्ठ प्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।
धर्मेंद्र प्रधान ने भारत और ऑस्ट्रेलिया केबीच द्विपक्षीय अनुसंधान सहयोग को मजबूत करने केलिए नए अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से 'रिसर्च डॉयलॉग' में अपनी बात कही। उन्होंने कहाकि समाज के व्यापक लाभ केलिए अनुसंधान को प्राथमिकता वाला क्षेत्र होना चाहिए, ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों आपसी समृद्धि व वैश्विक कल्याण केलिए अनुसंधान को बढ़ावा देने केलिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों शिक्षा मंत्रियों ने उद्योग शिक्षा साझेदारी पर शिक्षाविदों और उद्योग जगत के प्रमुखों से मुलाकात की, जहां शिक्षा और उद्योग संबंधों को मजबूत करने, विश्वविद्यालय साझेदारी के माध्यम से उद्योग को लाभ पहुंचाने, अनुसंधान एवं विकास सहयोग आदि विषयों पर चर्चा हुई।