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Friday 17 November 2023 11:53:09 AM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर नई दिल्ली में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहाकि मीडिया का नैतिक कर्तव्य हैकि वह सच बताए। उन्होंने कहाकि मीडिया से जुड़े हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी हैकि वह समाज को सच बताए, चाहे वह पत्रकार हो, अख़बारों से जुड़ा हो या संचार माध्यमों से जुड़े लोग हों। उन्होंने कहाकि अविश्वसनीय और गलत ख़बरों ने समाज में मीडिया के विश्वास को कम किया है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि मीडिया को राजनीति का हिस्सा या हितधारक नहीं होना चाहिए, मीडिया को लोकतंत्र की ताकत होना चाहिए, कमजोरी नहीं, मीडिया को राजनीतिक भागीदारी से बचना चाहिए, ताकि प्रगतिशील मीडिया हमारे लोकतंत्र में सच्चाई और जवाबदेही का प्रतीक बना रहे। उन्होंने कहाकि यह कहना गलत नहीं होगाकि फ़ेक न्यूज़ शब्द जितना आज सुना जा रहा है, उतना इससे पहले कभी नहीं सुना गया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मीडिया की कम होती विश्वसनीयता को सबसे बड़ी चुनौती बताया और सोशल मीडिया का भ्रामक ख़बरें फैलाने के उपयोग पर चिंता व्यक्त की। उपराष्ट्रपति ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जिक्र करते हुए कहाकि मीडिया तकनीकी परिवर्तनों और उनसे जुड़ी चुनौतियों से निपटने में हमेशा से सक्षम है, हालकी तकनीकी प्रगति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं चैट जीपीटी जैसे नवाचारों ने नई चुनौतियां पेश की हैं, जिनका डटकर मुकाबला करना होगा। उन्होंने कहाकि इस वर्ष का विषय 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में मीडिया' सामायिक और बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहाकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने हमारे सूचना और मनोरंजन के तौरतरीकों को बदल दिया है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि हमें बदलते हुए समय केसाथ अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने केलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी अपनाना होगा, लेकिन इसके साथही उसके दुरूपयोग से भी अपना बचाव करना होगा।
उपराष्ट्रपति ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में मीडिया संगठनों को पत्रकारिता की नैतिकता निष्पक्ष रिपोर्टिंग और तत्वों को जानने के जनता के अधिकार केप्रति अटूट समर्पण और अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहाकि निष्पक्ष पत्रकारिता की वचनबद्धता को निभाएं, ताकि जनता जागरुक हो और सच का पता चल सके। उपराष्ट्रपति ने मीडिया में गलत सूचना के प्रसार, डीप फेक, लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने, समाज में अराजकता और अस्थिरता पैदा करने जैसी चुनौतियों से निपटने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहाकि आज के परिपेक्ष में पत्रकारों और मीडिया के लोगों की जिम्मेदारियां और भी बढ़ गई हैं, किसीभी सूचना को प्रसारित करने से पहले मीडिया संगठन और मीडिया से जुड़े लोगों को अत्यंत सावधानी और सतर्कता बरतने को कहा, जिससे समाज में झूंठ का ज़हर न घुल सके। लोकतंत्र में मीडिया के महत्व पर उन्होंने कहाकि मीडिया सूचना प्रदाता केसाथ लोकतंत्र की आधारशिला है और चौथे स्तंभ के रूपमें अपनी भूमिका अदा कर रहा है। उन्होंने कहाकि मीडिया ने सच के संरक्षक के रूपमें अपनी भूमिका अदा की है, मीडिया बेजुबानों की आवाज़ उठाने केलिए सदैव तत्पर है और सत्ता में बैठे लोगों की निगरानी करता है।
उपराष्ट्रपति ने कहाकि आज सूचना की भरमार है और ऐसे में पत्रकार और मीडिया घराने ईमानदारी के उच्चतम मानकों को बनाए रखें, तथ्यों, विश्वसनीय स्रोतों तथा सत्यापन और संपादकीय स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए, यह पहले से भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर उपराष्ट्रपति ने सच्चाई केलिए रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को याद करते हुए मीडिया से मीडिया से जुड़े लोगों को सम्बोधित करते हुए कहाकि हमें उन पत्रकारों को याद करना चाहिए, जिन्होंने सच्चाई केलिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहाकि हमें उनके साहस का सम्मान करना चाहिए और प्रेस की स्वतंत्रता, जो लोकतंत्र का एक आवश्यक अंग है पर किसीभी खतरे के खिलाफ एकजुट रहना चाहिए। इस समारोह में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, राज्यमंत्री एल मुरूगन, प्रेस काउंसिल आफ इंडिया की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रसाद देसाई, जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत, प्रेस काउंसिल आफ इंडिया के सचिव और गणमान्य महानुभाव उपस्थित थे।