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Sunday 26 November 2023 01:16:13 PM
बैंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस ट्विन सीटर विमान की अपनी पहली उड़ान केबाद बैंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का भ्रमण किया। नरेंद्र मोदी ऐसे पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए, जिन्होंने स्वदेशी रूपसे डिजाइन और विकसित लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी है। इस मौके पर भारतीय वायुसेना की ओर से एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने उड़ान केबाद प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया। प्रधानमंत्री ने एलसीए तेजस विमान की उत्पादन इकाइयों का जायजा लिया। इस मौके पर उन्हें आत्मनिर्भर भारत विजन को साकार करने की दिशा में एचएएल में किए जारहे प्रौद्योगिकी से जुड़े विकास कार्यों के बारेमें जानकारी दी गई, साथही उन्हें एचएएल की क्षमता पहलों से अवगत कराया गया। प्रधानमंत्री ने एलसीए तेजस की फाइनल असेंबली का दौरा किया और विमान की क्षमताओं पर चर्चा की। उन्हें बताया गयाकि तेजस को भारतीय वायुसेना केसाथ परिचालन रूपसे तैनात किया गया है और आनेवाले वर्ष में तेजस भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान बेड़े का लीडर होगा, यह आक्रामक हवाई समर्थन की भूमिका केसाथ जमीनी स्तर की भूमिका निभाने में सक्षम है और अपने समकालीन विमानों से काफी बेहतर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलसीए तेजस विमान की विभिन्न विशेषताओं पर इंजीनियरों केसाथ बातचीत की, जिसमें उन्हें बताया गयाकि विमान वर्तमान में जीई404 इंजन से संचालित है, जिसे एलसीए एम II केलिए जीई414 इंजन में अपग्रेड किया जाएगा, इसे जीई इंजन केसाथ 80 प्रतिशत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण व्यवस्था केसाथ भारत में निर्मित किया जाएगा, जिसके लिए जीई इंजन्स केसाथ समझौता किया गया है। ऐसा पहलीबार होगाकि इस श्रेणी के इंजन का उत्पादन 80 प्रतिशत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण केसाथ भारत में किया जाएगा, इससे देश के एयरो इंजन क्षेत्र में वर्तमान में मौजूद प्रौद्योगिकी अंतर में कमी आने की संभावना है। प्रधानमंत्री ने रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देनेवाले अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों के डिजाइन, विकास और उत्पादन से जुड़े वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और उड़ान परीक्षण दल की सराहना की। उन्होंने देश के इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की क्षमताओं पर गर्व व्यक्त किया। गौरतलब हैकि एलसीए ट्रेनर एक हल्के वजन, मौसमों के अनुकूल और बहुउद्देशीय विमान है, जिसमें एक सीट वाले तेजस लड़ाकू विमान के सभी गुण मौजूद हैं और इसका उपयोग लड़ाकू प्रशिक्षक के रूपमें भी किया जा सकता है। यह पहलीबार है, जब एक स्वदेशी दो सीटों वाले लड़ाकू विमान को भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है।
तेजस अत्याधुनिक विमान है, जिसे समकालीन अवधारणाओं और प्रौद्योगिकियों जैसे क्वाड्रुप्लेक्स डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर उड़ान नियंत्रण प्रणाली, लापरवाह पैंतरेबाज़ी, उन्नत ग्लास कॉकपिट, एकीकृत डिजिटल एवियोनिक्स सिस्टम और एयरफ्रेम केलिए उन्नत मिश्रित सामग्री के साथ एकीकृत किया गया है। तेजस ने देश की रक्षा क्षमताओं और तैयारियों को बढ़ावा दिया है। भारतीय वायुसेना के परीक्षण दल तेजस परियोजना में वैचारिक चरण से मूल परीक्षण तक शामिल रहे हैं। विमान के पहले संस्करण को 2016 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। वर्तमान में भारतीय वायुसेना के दो स्क्वाड्रन, 45 स्क्वाड्रन और 18 स्क्वाड्रन, एलसीए तेजस केसाथ पूरी तरह से परिचालन में हैं। एचएएल को 83 एलसीए एमके 1ए विमानों की डिलीवरी केलिए 36468 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया गया है, जिसकी डिलीवरी फरवरी 2024 तक शुरू होने वाली है। एचएएल केपास वर्तमान में प्रतिवर्ष 8 एलसीए विमान बनाने की क्षमता है और इसे 2025 तक बढ़ाकर प्रतिवर्ष 16 विमानों तक और अगले 3 वर्ष में प्रत्येक वर्ष 24 विमानों तक किया जारहा है। एलसीए एमके 2 एलसीए तेजस का एक अपडेट और ज्यादा घातक वर्जन है, जिसके विकास केलिए 9000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मंजूरी प्रदान की गई है। विमान इंजन सहित स्वदेशीकरण को और ज्यादा बढ़ावा देने केलिए जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान जीई केसाथ भारत में जीई इंजन के निर्माण केलिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर बातचीत की गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस अवसर पर अधिक संख्या में एलसीए तेजस विमान के उत्पादन की दिशा में एचएएल की क्षमता बढ़ाने पर किए जा रहे निवेश केबारे में जानकारी दी गई। एचएएल ने बैंगलुरु में एलसीए तेजस की दो प्रोडक्शन लाइन स्थापित की हैं, जो हर साल 16 विमान तक का उत्पादन कर सकती हैं, इसके अलावा 2024-25 से उत्पादन की दर को 24 विमानों तक बढ़ाने केलिए एचएएल की नासिक में एक अतिरिक्त प्रोडक्शन लाइन स्थापित की जारही है। एचएएल अपने ग्राहकों को एलसीए तेजस के वर्तमान और भविष्य के ऑर्डर की डिलीवरी को आगे बढ़ाने की योजना बना रहा है। प्रधानमंत्री ने एलसीए तेजस के स्वदेशीकरण के प्रयासों की सीमा पर चर्चा की। एचएएल ने डीआरडीओ, डीपीएसयू और एचएएल केसाथ निजी उद्योग के सहयोग से डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर और ओपन आर्किटेक्चर कंप्यूटर सहित विभिन्न स्वदेशी रूपसे विकसित और उत्पादित प्रणालियों को प्रदर्शित किया। प्रधानमंत्री को बताया गयाकि फ्लाइट कंट्रोल, फ्यूल सिस्टम, हाइड्रॉलिक्स, एयर कंडीशनिंग, मिशन और डिस्प्ले सिस्टम का स्वदेशीकरण कर दिया गया है, एचएएल आत्मनिर्भर भारत विजन के रूपमें स्वदेशीकरण अभियान के तहत अगले 3-4 साल के दौरान विमान में स्वदेशी सामग्री के स्तर को 70 प्रतिशत से आगे लेजाने और भारत को रक्षा और एयरोस्पेस में आत्मनिर्भरता की ओर लेजाने का प्रयास कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी रूपसे विकसित एलसीए तेजस विमान की क्षमताओं और एचएएल में उपलब्ध उत्पादन सुविधाओं की सराहना की। उन्हें एलसीए एमके1ए कार्यक्रम की प्रगति के बारेमें भी जानकारी दी गई। एचएएल में 83 एमके1ए ऑर्डर केसाथ इसके डिजाइन और विकास के अनुरूप लड़ाकू विमान का उत्पादन का काम प्रगति पर है। एईएसए रडार, बीवीआर मिसाइल क्षमता, ईडब्ल्यू सूट, एडवांस एवियोनिक्स जैसी क्षमताओं और रखरखाव में सुधार केसाथ एमके1ए वेरिएंट अधिक घातक विमान होगा। प्रधानमंत्री को लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर प्रचंड, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर-डब्ल्यूएसआई रुद्र और लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर जैसे विभिन्न स्वदेशी हेलीकॉप्टर भी दिखाए गए। एचएएल ने प्रधानमंत्री को लेह/ लद्दाख और पूर्वी हिमालयी क्षेत्रों में ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में तैनाती पर जोर देने केसाथ प्रचंड की युद्ध और प्रदर्शन क्षमताओं के बारेमें जानकारी दी। उन्हें बताया गयाकि यह हेलीकॉप्टर छह किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ानभर सकता है। उन्हें बताया गयाकि एलसीएच को पहले ही सेना और भारतीय वायुसेना केसाथ तैनात किया जा चुका है एवं राष्ट्र की रक्षा तैयारियों और आत्मनिर्भरता की दिशा में उसके प्रयासों को बढ़ाने केलिए रक्षा बलों को अतिरिक्त 156 प्रचंड हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता है।
रुद्र एएलएच एमकेIV हेलीकॉप्टर की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, युद्ध सामग्री और सेना को लेजाने की क्षमता का भी प्रदर्शन किया गया। प्रधानमंत्री को पायलटों की मांग के अनुसार लक्ष्य तक बंदूकों की मारक क्षमता के बारेमें जानकारी दी गई और उन्हें बताया गयाकि इसे इलेक्ट्रोऑप्टिकल पॉड या पायलट हेलमेट माउंटेड साइटिंग सिस्टम के माध्यम से कैसे हासिल किया जाता है। एक्स पर एक पोस्ट करके रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तेजस उड़ान ने भारत की रक्षा प्रणालियों केलिए उनके सावधानीपूर्वक ध्यान देने और उनकी सराहना को प्रदर्शित किया है। उन्होंने कहाकि उनके मार्गदर्शन में भारत का रक्षा विनिर्माण तेजीसे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री की बैंगलुरू यात्रा के दौरान एचएएल के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन भी उपस्थित थे। उन्होंने प्रधानमंत्री को उनके निरंतर समर्थन और प्रोत्साहन केलिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री की यात्रा ने एचएएल को एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता से जुड़े लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में काम करने केलिए प्रेरित किया है।