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Friday 28 June 2013 08:27:32 AM
नई दिल्ली। पेट्रोलियम उद्योग में उत्पादन साझेदारी अनुबंध (पीएससी) व्यवस्था के तहत घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतों का निर्धारण करने के लिए डॉ सी रंगराजन की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने अपनी मंजूरी दे दी है। नवीन उत्खनन लाइसेंसिंग नीति के तहत मौजूदा मूल्य निर्धारण नीति की अप्रैल 2009 में पांच वर्षों की अवधि के लिए सरकार ने मंजूरी की थी। अप्रैल 2014 में इस मूल्य निर्धारण नीति की समीक्षा की जाएगी।
प्राकृतिक गैस मूल्य निर्धारण दिशा-निर्देश 2013 के रूप में जानी जाने वाली ये सिफारिशें पांच वर्ष की अवधि के लिए वैध होंगी। ये दिशा निर्देश एक ओर भारतीय उत्खनन और उत्पादन क्षेत्र में प्रोत्साहन को बढ़ावा देने में मददगार होंगे, ताकि उत्पादन में ज्यादा से ज्यादा वृद्धि हो और उत्खनन करने लायक सभी भंडारों का उत्पादन के लिए शीघ्रता से प्रयोग किया जा सके। इसके साथ ही ये दिशा-निर्देश यह भी सुनिश्चित करेंगे कि मांग की बड़ी मात्रा में पूर्ति न होने पर उत्पादक साथ मिलकर मूल्यों में वृद्धि न कर सके। इससे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी।
घरेलू स्तर पर उत्पादित सभी गैसों के लिए अप्रैल 2014 से ये दिशा निर्देश लागू होंगे, हालांकि निश्चित समय अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर जिन गैसों के लिए कीमत पहले ही स्थिर की जा चुकी है, उस स्थिति में इस अवधि की समाप्ति तक ये दिशा निर्देश लागू नहीं होंगे। अनुबंध के तहत जहां प्राकृतिक गैस मूल्य सूचीकरण/निर्धारण के लिए विशिष्ट सूत्र का प्रावधान है, वहां ये दिशा निर्देश लागू नहीं होंगे।