Friday 8 December 2023 05:20:58 PM
दिनेश शर्मा
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पैसे लेकर लोकसभा में सवाल पूछने, सांसद की गरिमा को तार-तार करने और लोकसभा की लॉगिन आइडी किसी गैर को देने का अत्यंत गंभीर आरोप सिद्ध हो जाने पर आज लोकसभा सदस्यता से बर्खास्त कर दी गईं। लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने उन्हें इस गंभीर कृत्य केलिए दोषी पाया था। महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के बजाए अपने बचाव केलिए शर्मनाक हथकंडे अपनाए, जिसमें कमेटी के एक सदस्य दानिश अली ने उनका साथ दिया। एथिक्स कमेटी ने आज इस पूरे प्रकरण पर महुआ मोइत्रा की सवाल पूछने के बदले रिश्वतखोरी के सबूतों सहित लोकसभा में पांच सौ पेज की रिपोर्ट पेश की जिसपर चर्चा हुई और उसके बहुमत के पारित होने के बाद महुआ मोइत्रा को बर्खास्त कर दिया गया। कितना शर्मनाक थाकि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के नेता उसके बचाव में बोल रहे थे, लोकसभा अध्यक्ष के सामने कुतर्क कर रहे थे, शोरशराबा कर रहे थे, लेकिन वह सब महुआ मोइत्रा के काम नहीं आया। इसके बाद महुआ मोइत्रा को शर्मशार होते हुए संसद से बाहर जाना पड़ा।
गौरतलब हैकि इससे पहले भी यूपीए गठबंधन की सरकार में पैसा लेकर प्रश्न पूछने का मामला आ चुका है। बंगाल के ही कम्युनिस्ट नेता सोमनाथ चटर्जी उस समय लोकसभा अध्यक्ष हुआ करते थे और उस समय भी लोकसभा के कुछ सदस्यों ने पैसा लेकर लोकसभा में सवाल पूछने वाले एथिक्स कमेटी की जांच में दोषी पाए गए सांसदों का बचाव किया था, इसके बावजूद लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें कोई भी राहत नहीं दी थी और उन्हें अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी थी। इस बार भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उसी व्यवस्था और परंपरा का निर्वहन किया और उन्होंने महुआ मोइत्रा पर एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर संसद की सदस्यता से बर्खास्तगी की कार्रवाई की। किसी भी सांसद के जीवन में इससे बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक समय और क्या होगा, जिसमें उसका सार्वजनिक जीवन सर्वदा केलिए कलंकित हो गया है। लोकसभा और राज्यसभा विधानसभा या विधानपरिषद देश के ऐसे संविधानिक और सर्वप्रतिष्ठित संस्थान हैं, जिनमें जाने केलिए एक मनुष्य अपना जीवन लगा देता है, अपना अहोभाग्य समझता है और समाज में उसे उच्च प्रतिष्ठा प्राप्त होती है, यहां से उसके लिए देश की गरिमामय में सेवा करने का अवसर मिलता है।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस सर्वप्रतिष्ठित पद की गरिमा की परवाह किए बिना वह कृत्य अंजाम दिया, जोकि सार्वजनिक जीवन को न केवल कलंकित करता है, अपितु संसद से विशेषाधिकार प्राप्त इस सार्वजनिक महत्व के पद की आड़ में गंभीर अपराध किया, लोकसभा को धोखा दिया, देश की सुरक्षा को भी ख़तरे में डाला और उसका पर्दाफाश होने पर उसपर देश के सामने सीनाजोरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ असम्मानजनक टिप्पणियां कीं। कितना शर्मनाक थाकि आज लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के सांसद इस घूसखोर सांसद का शर्मनाक रूपसे बचाव करते नज़र आए। बर्खास्तगी के बाद संसद भवन के बाहर मीडिया के सामने जब महुआ मोइत्रा अपना रटारटाया बचाव कर रही थी तो उसके साथ तृणमूल कांग्रेस और इंडी अलायंस के सदस्य, सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। मीडिया और देश के सामने यह इनका भ्रष्टाचार को खुला समर्थन था, जिसके बाद इनके सामने ये प्रश्न खड़ा हो गया हैकि जब इस गठबंधन के नेता आगामी लोकसभा चुनाव में जनता के बीच जाएंगे तो वह खासकर पश्चिम बंगाल में महुआ मोइत्रा की इस घूसखोरी के सवाल पर क्या उत्तर देंगे?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बिल्कुल सही कहा कि सदन की गरिमा बनाए रखने केलिए सख्त फैसले लेने होंगे। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने लोकसभा पटल पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर कार्रवाई केलिए एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार उनके निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया, इसके बाद वोटिंग हुई और महुआ मोइत्रा को संसद की सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया। विपक्ष की मांग थी कि इस विषय पर महुआ मोइत्रा को भी अपना पक्ष रखने केलिए बोलने दिया जाए, लेकिन संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहाकि महुआ मोइत्रा को सदन में बोलने की इजाजत न दी जाए, जिसपर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने महुआ मोइत्रा को सदन में बोलने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने कहाकि उन्हें पैनल मीटिंग में बोलने का पूरा मौका दिया जा चुका है। एथिक्स कमेटी की 500 पेज की यह रिपोर्ट लोकसभा में 12 बजे पेश हुई और इसपर चर्चा के दौरान 3 बार सदन की कार्यवाही रुकी। इस रिपोर्ट पेश होने के बाद कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी कह रहे थेकि आज सभी पार्टियों ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ वोटिंग करने के लिए व्हिप जारी किया है, इसलिए वह मांग करते हैं कि सदन स्थगित करके सभी व्हिप विड्रॉ किए जाएं। मनीष तिवारी की दलीलों पर लोकसभा स्पीकर ने उनसे सवाल किया कि आप संसद में बहस कर रहे हैं या कोर्ट में? ऐसा न करें, क्योंकि न तो ये कोर्ट है और न ही मैं न्यायाधीश हूं।
महुआ मोइत्रा का दोष थाकि उन्होंने लोकसभा में सवाल पूछने के लिए दुबई में बैठे उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी को लोकसभा की लॉगिन आईडी और पासवर्ड दिया था और बदले में रिश्वत और महंगे गिफ्ट प्राप्त किए। जांच में यह आरोप सही पाया गया, इसके सबूत मिले। लोकसभा अध्यक्ष ने एथिक्स रिपोर्ट पर चर्चा केलिए आधे घंटे का समय निर्धारित किया था, मगर विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसे पढ़ने तीन दिन का समय मांगा। टीएमसी सांसदों और विपक्ष के बाकी सदस्यों ने सदन में मोदी सरकार हाय-हाय के नारे लगाए। संसद के बाहर मीडिया के सामने कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इसे इंसाफ का मजाक उड़ाना बताया। वे कह रहे थेकि ये रिपोर्ट आधी-अधूरी है, सीधे संसद सदस्य के सस्पेंशन पर पहुंचना वास्तव में अपमानजनक है। लोकसभा में रिपोर्ट पेश होने के दौरान महुआ मोइत्रा सदन में मौजूद थी। उसने संसद पहुंचने पर बाहर मीडिया से कहाकि मां दुर्गा आ गई हैं, अब देखिए क्या होता है-जब नाश मनुष्य पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है, उन्होंने 'वस्त्रहरण' से शुरुआत की है और अब आप 'महाभारत का रण' देखेंगे। महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से लोकसभा सांसद थी और तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूपमें 2019 का चुनाव लड़ा और जीता था। महुआ का शुरुआती जीवन असम और कोलकाता में बीता। वह 15 साल की उम्र में अपने परिवार के साथ अमेरिका चली गई थी, इसके बाद उसने अर्थशास्त्र की पढ़ाई की और न्यूयॉर्क में बैंकर की नौकरी की।
महुआ मोइत्रा डेनमार्क में रही है, उसके पूर्व पति डेनिश फाइनेंसर लार्स ब्रोरसन थे। महुआ मोइत्रा ने न्यूयॉर्क और लंदन में जेपी मॉर्गन चेज केलिए एक निवेश बैंकर के रूपमें काम किया और भारतीय राजनीति में आने केलिए 2009 में लंदन में जेपी मॉर्गन चेज में उपाध्यक्ष का अपना पद छोड़ दिया। महुआ मोइत्रा इसके बाद भारतीय युवा कांग्रेस में शामिल हो गई, जहां वह आम आदमी का सिपाही परियोजना में राहुल गांधी की भरोसेमंदों में से एक थी, मगर वह 2010 में ही तृणमूल कांग्रेस में चली गई और 2016 के विधानसभा चुनाव में नदिया जिले के करीमपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनी गई। इसके बाद वह वर्ष 2019 में कृष्णानगर से 17वीं लोकसभा सदस्य चुनी गई। महुआ मोइत्रा का जीवन विवादों में रहा है। महुआ मोइत्रा पर साहित्यिक चोरी का भी आरोप लग चुका है। महुआ मोइत्रा ने कहा थाकि आप अपने भगवान को कैसे देखते हैं ये आप के ऊपर है। उन्होंने कहा थाकि उनके लिए देवी काली एक मांस खाने वाली और शराब पीने वाली देवी है। वह एक बंगाली हिंदू ब्राह्मण परिवार से है। कोलकाता में उसकी बहुसांस्कृतिक परवरिश हुई। उसके पड़ोसी पारसी थे और उसने उनके साथ नवरोज़ मनाया। पैसे और गिफ्ट लेकर संसद में प्रश्न पूछने का आरोप सिद्ध होने पर आज उसका सार्वजनिक जीवन कलंकित और लगभग समाप्त हो गया है।