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Friday 28 June 2013 08:51:48 AM
नई दिल्ली। उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों के बचाव, राहत, पुनर्निर्माण तथा पुनर्वास के लिए कोयला खदान महारत्न कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 50 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। सीआईएल ने यह आर्थिक मदद अपने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व बजट से की है, जो प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास के लिए स्थापित किया गया है।
सीआईएल के अध्यक्ष एस नरसिंह राव ने कोयला मंत्रालय में सचिव एसके श्रीवास्तव की उपस्थिति में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को चेक प्रदान किया। इसके अतिरिक्त, कोयला खदान अधिकारी एसोसिएशन के प्रबंधन प्रतिनिधियों तथा पांच केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की वेस्टर्न कोलफील्ड संचालन समिति ने उत्तराखंड में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए प्रधानमंत्री के राहत कोष में अपने सभी कर्मचारियों के एक दिन के मूल वेतन का योगदान करने का निर्णय लिया है। ऐसा अनुमान है कि 54,737 कर्मचारियों का एक दिन का वेतन लगभग पांच करोड़ रुपये से अधिक होगा। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने सीआईएल तथा डब्ल्यूसीएल के कर्मचारियों की इस सदाशयता की प्रशंसा की है।
एएआई ने उत्तराखंड में गांवों को लिया गोद
उधर भारतीय एयरपोर्ट प्राधिकरण (एएआई) ने अपने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत उत्तराखंड में बाढ़ से प्रभावित कुछ गांवों में लोगों के पुनर्वास का संकल्प लिया है। एएआई ने यह पाया कि राहत बचाव कार्य के बाद प्रभावित लोगों के समक्ष पुनर्निर्माण तथा पुनर्वास की समस्या भी समान रूप से चुनौतीपूर्ण है। इसे ध्यान में रखते हुए एएआई ने सर्दियों से पहले प्रभावित लोगों के पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत बाढ़ से प्रभावित हजारों लोगों के लिए घर बनाया जाएगा तथा उन्हें रोज़गार मुहैया कराया जाएगा। एएआई के पुनर्वास के लिए किए जा रहे प्रयत्नों में राज्य तथा स्थानीय प्रशासनिक निकाय सहयोग करेंगे।