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'ईश्वरीय आशीर्वाद से श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा'

प्रधानमंत्री का श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा पर ऑडियो संदेश जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 11 दिन का विशेष अनुष्ठान प्रारंभ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 12 January 2024 12:46:00 PM

pm narendra modi (file photo)

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या धाम में श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा पर देशवासियों केलिए भाव-भक्ति की गहरी अनुभूति से ओतप्रोत एक भावविभोर ऑडियो संदेश जारी किया है, जिसकी उन्होंने शुरूआत ही सियावर रामचंद्र की जय! और मेरे प्यारे देशवासियों राम राम! से की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑडियो संदेश में देशवासियों से अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा हैकि जीवन के कुछ क्षण ईश्वरीय आशीर्वाद की वजह से ही यथार्थ में बदलते हैं, आज हम सभी भारतीयों केलिए, दुनियाभर में फैले रामभक्तों केलिए ऐसा ही पवित्र अवसर है। उन्होंने ऑडियो संदेश में कहा हैकि हर तरफ प्रभु श्रीराम की भक्ति का अद्भुत वातावरण! चारों दिशाओं में राम नाम की धुन, राम भजनों की अद्भुत सौंदर्य माधुरी! हर किसी को इंतजार है 22 जनवरी का, उस ऐतिहासिक पवित्र पल का और अब अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं, मेरा सौभाग्य हैकि मुझे भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है, ये मेरे लिए कल्पनातीत अनुभूतियों का समय है। प्रधानमंत्री ने श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के निमित्त आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑडियो संदेश में आगे कहाकि मैं भावुक हूं, भाव-विह्वल हूं, मैं पहली बार जीवन में इस तरह के मनोभाव से गुज़र रहा हूं, मैं एक अलग ही भाव-भक्ति की अनुभूति कर रहा हूं, मेरे अंतर्मन की ये भाव-यात्रा, मेरे लिए अभिव्यक्ति का नहीं, अनुभूति का अवसर है, चाहते हुए भी मैं इसकी गहनता, व्यापकता और तीव्रता को शब्दों में नहीं बांध पा रहा हूं, आप भी मेरी स्थिति भली-भांति समझ सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा हैकि जिस स्वप्न को अनेक पीढ़ियों ने वर्षों तक एक संकल्प की तरह अपने हृदय में जिया, मुझे उसकी सिद्धि के समय उपस्थित होने का सौभाग्य मिला है, प्रभु ने मुझे सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है-निमित्त मात्रम् भव सव्य-साचिन्! उन्होंने ऑडियो संदेश में कहाकि ये एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है, जैसा हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है, हमें ईश्वर के यज्ञ केलिए, आराधना केलिए, स्वयं में भी दैवीय चेतना जाग्रत करनी होती है, इसके लिए शास्त्रों में व्रत और कठोर नियम बताए गए हैं, जिन्हें प्राण प्रतिष्ठा से पहले पालन करना होता है, इसलिए आध्यात्मिक यात्रा की कुछ तपस्वी आत्माओं और महापुरुषों से मुझे जो मार्गदर्शन मिला है, उन्होंने जो यम-नियम सुझाए हैं, उसके अनुसार मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑडियो संदेश में कहाकि इस पवित्र अवसर पर मैं परमात्मा के श्रीचरणों में प्रार्थना करता हूं, ऋषियों, मुनियों, तपस्वियों का पुण्य स्मरण करता हूं और जनता-जनार्दन, जो ईश्वर का रूप है, उससे प्रार्थना करता हूंकि वह मुझे आशीर्वाद दें, ताकि मन से, वचन से, कर्म से मेरी तरफ से कोई कमी ना रहे। उन्होंने कहाकि यह मेरा सौभाग्य हैकि 11 दिन के अपने अनुष्ठान का प्रारंभ मैं नासिक धाम पंचवटी से कर रहा हूं, पंचवटी वो पावन धरा है, जहां प्रभु श्रीराम ने काफी समय बिताया था और आज मेरे लिए एक सुखद संयोग ये भी हैकि आज स्वामी विवेकानंदजी की जन्मजयंती है, ये स्वामी विवेकानंदजी ही थे जिन्होंने हजारों वर्ष से आक्रांतित भारत की आत्मा को झकझोरा था, आज वही आत्मविश्वास, भव्य श्रीराम मंदिर के रूपमें हमारी पहचान बनकर सबके सामने है। उन्होंने कहाकि और सोने पर सुहागा देखिए कि आज माता जीजाबाई की जन्म जयंती भी है, माता जीजाबाई, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के रूपमें एक महामानव को जन्म दिया था, आज हम अपने भारत को जिस अक्षुण्ण रूपमें देख रहे हैं, इसमें माता जीजाबाई का बहुत बड़ा योगदान है।
प्रधानमंत्री ने ऑडियो संदेश में कहा-जब मैं माता जीजाबाई का पुण्य स्मरण कर रहा हूं तो सहज रूपसे मुझे अपनी माँ की याद आना बहुत स्वाभाविक है, मेरी माँ जीवन के अंत तक माला जपते हुए सीता-राम का ही नाम भजा करती थीं। उन्होंने कहाकि प्राण प्रतिष्ठा की मंगल-घड़ी...चराचर सृष्टि का वो चैतन्य पल...आध्यात्मिक अनुभूति का वो अवसर...गर्भगृह में उस पल क्या कुछ नहीं होगा...! उन्होंने कहाकि शरीर के रूपमें तो मैं उस पवित्र पल का साक्षी बनूंगा ही, लेकिन मेरे हृदय के हर स्पंदन में 140 करोड़ भारतीय मेरे साथ होंगे, आप मेरे साथ होंगे...हर रामभक्त मेरे साथ होगा और वो चैतन्य पल, हम सबकी सांझी अनुभूति होगी, मैं अपने साथ श्रीराम मंदिर केलिए अपने जीवन को समर्पित करने वाले अनगिनत व्यक्तित्वों की प्रेरणा लेकर जाऊंगा। प्रधानमंत्री का श्रीरामलाल की प्राण प्रतिष्ठा पर 140 करोड़ भारतीयों को यह ऑडियो संदेश भावना प्रधान है-त्याग-तपस्या की वो मूर्तियां...500 साल का धैर्य...दीर्घ धैर्य का वो काल...अनगिनत त्याग और तपस्या की घटनाएं...दानियों की...बलिदानियों की...गाथाओं की वो अनुभूति और स्मरण करते हैं...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि कितने ही लोग हैं, जिनके नाम तक कोई नहीं जानता, लेकिन जिनके जीवन का एकमात्र ध्येय रहा है, भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण, ऐसे असंख्य लोगों की स्मृतियां मेरे साथ होंगी। उन्होंने कहा-जब 140 करोड़ देशवासी उस पल में मन से मेरे साथ जुड़ जाएंगे और जब मैं आपकी ऊर्जा को साथ लेकर गर्भगृह में प्रवेश करूंगा, तो मुझे भी ऐहसास होगा कि मैं अकेला नहीं, आप सब भी मेरे साथ हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा-ये 11 दिन व्यक्तिगत रूपसे मेरे यम नियम तो हैं ही लेकिन मेरे भाव विश्व में आप सब समाहित हैं, मेरी प्रार्थना हैकि आप भी मन से मेरे साथ जुड़े रहें। उन्होंने कहाकि श्रीरामलला के चरणों में मैं आपके भावों को भी उसी भाव से अर्पित करूंगा, जो भाव मेरे भीतर उमड़ रहे हैं। उन्होंने कहाकि हमसब इस सत्य को जानते हैंकि ईश्वर निराकार है, लेकिन ईश्वर साकार रूपमें भी हमारी आध्यात्मिक यात्रा को बल देते हैं, जनता-जनार्दन में ईश्वर का रूप होता है, ये मैंने साक्षात देखा है, महसूस किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा-जब ईश्वर रूपी वही जनता शब्दों में अपनी भावनाएं प्रकट करती है, आशीर्वाद देती है, तो मुझमें भी नई ऊर्जा का संचार होता है, आज मुझे आपके आशीर्वाद की आवश्यकता है, इसलिए मेरी प्रार्थना हैकि शब्दों में, लिखित में, अपनी भावनाएं जरूर प्रकट करें, मुझे आशीर्वाद जरूर दें, आपके आशीर्वाद का एक-एक शब्द मेरे लिए शब्द नहीं, मंत्र है, मंत्र की शक्ति के तौरपर वह अवश्य काम करेगा, आप अपने शब्दों को, अपने भावों को, नमो एप के माध्यम से सीधे मुझ तक पहुंचा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हम सब प्रभु श्रीराम की भक्ति में डूब जाएं, इसी भाव केसाथ सभी रामभक्तों को कोटि-कोटि नमन! जय सियाराम! जय सियाराम! जय सियाराम!

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