स्वतंत्र आवाज़
word map

केरल को 4000 करोड़ की परियोजनाएं समर्पित

प्रधानमंत्री का रामायण से जुड़े केरल के पवित्र मंदिरों में दर्शन-पूजन

'सरकार कोच्चि जैसे बंदरगाह शहरों को और बेहतर बनाने में जुटी'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 17 January 2024 04:56:52 PM

pm narendra modi in kochi

कोच्चि। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल को 4000 करोड़ रुपये से अधिक की तीन प्रमुख अवसंरचना परियोजनाएं समर्पित कीं, जिनमें कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में न्यू ड्राई डॉक, सीएसएल की अंतर्राष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा और पुथुविपीन कोच्चि में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का एलपीजी आयात टर्मिनल शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने जन समुदाय को आज सुबह मंदिर में हुए भगवान गुरुव्यूरप्पन के दर्शन की बात कहकर संबोधन की शुरूआत की। उन्होंने अयोध्या धाम में महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के अपने उद्घाटन भाषण में रामायण से जुड़े केरल के पवित्र मंदिरों के उल्लेख का स्मरण किया। उन्होंने अयोध्या धाम में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा से कुछ दिन पहले रामास्वामी मंदिर में दर्शन करने में सक्षम होने केलिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि केरल के कलाकारों की सुंदर प्रस्तुति ने उन्हें केरल में अवध पुरी का अनुभव कराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के अमृतकाल में 'विकसित भारत' बनाने की यात्रा में प्रत्येक राज्य की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने पहले के समय में भारत की समृद्धि में बंदरगाहों की भूमिका को याद किया और अब बंदरगाहों केलिए एक समान भूमिका की परिकल्पना की जब भारत नए कदम उठा रहा है और वैश्विक व्यापार का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ऐसे में सरकार कोच्चि जैसे बंदरगाह शहरों की शक्ति को बेहतर बनाने में जुटी है। उन्होंने सागरमाला परियोजना के अंतर्गत बंदरगाह क्षमता में वृद्धि, निवेश और बंदरगाहों की बेहतर कनेक्टिविटी की जानकारी दी। उन्होंने कोच्चि को मिले देश के सबसे बड़े ड्राई डॉक का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि जहाज निर्माण, जहाज मरम्मत और एलपीजी आयात टर्मिनल जैसी अन्य परियोजनाएं भी केरल और देश के दक्षिणी क्षेत्र में विकास को गति प्रदान देंगी। उन्होंने कोच्चि शिपयार्ड केसाथ 'मेड इन इंडिया' विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के निर्माण का भी जिक्र किया। उन्होंने कहाकि नई सुविधाओं से शिपयार्ड की क्षमताएं कई गुना बढ़ जाएंगी। प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्ष में बंदरगाहों, पोत परिवहन और जलमार्ग क्षेत्र में किए गए सुधारों पर प्रकाश डाला और कहाकि इससे भारत के बंदरगाहों में नए निवेश आए हैं और रोज़गार के अवसर पैदा हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि भारतीय नाविकों से संबंधित नियमों में सुधार से देश में नाविकों की संख्या में 140 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और देश के भीतर अंतर्देशीय जलमार्गों के उपयोग से यात्री और कार्गो परिवहन को बड़ा प्रोत्साहन मिला है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सबके प्रयास के बेहतर परिणाम सामने आते हैं, भारतीय बंदरगाहों ने 10 वर्ष में दो अंकों की वार्षिक वृद्धि हासिल की है। उन्होंने याद दिलाया कि 10 वर्ष पहले तक जहाजों को बंदरगाहों पर काफी लंबा इंतजार करना पड़ता था और उतारने में बहुत लंबा समय लगता था, आज स्थिति बदल गई है और जहाज टर्नअराउंड समय के मामले में भारत ने कई विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है। प्रधानमंत्री ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे के संबंध में किए गए समझौतों पर कहाकि दुनिया वैश्विक व्यापार में भारत की क्षमता और स्थिति को पहचान रही है, मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा भारत की तटीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देकर विकसित भारत के निर्माण को और मजबूत बनाएगा। प्रधानमंत्री ने हाल ही में शुरू किए गए समुद्री अमृत काल विजन का भी उल्लेख किया, जो विकसित भारत केलिए भारत के समुद्री कौशल को मजबूत करने केलिए एक रोडमैप प्रस्तुत करता है। उन्होंने देश में मेगा बंदरगाहों, जहाज निर्माण और जहाज मरम्मत अवसंरचना निर्माण केलिए सरकार के प्रयासों को दोहराया। गौरतलब हैकि ये परियोजनाएं बंदरगाहों, पोत परिवहन और जलमार्ग क्षेत्र को बदलने तथा इनमें क्षमता सृजन व आत्मनिर्भरता केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि नया ड्राई डॉक भारत का राष्ट्रीय गौरव है, इससे न केवल बड़े जहाजों को उतारा जा सकेगा, बल्कि यहां जहाज निर्माण और जहाज मरम्मत का काम संभव हो सकेगा, परिणामस्वरूप विदेशों पर निर्भरता कम होगी और विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा के उद्घाटन का उल्लेख करते हुए कहाकि यह कोच्चि को भारत और एशिया के सबसे बड़े जहाज मरम्मत केंद्र में बदल देगा। प्रधानमंत्री ने आईएनएस विक्रांत के निर्माण में कई एमएसएमई के एकसाथ आने की तुलना करते हुए इस तरह के विशाल जहाज निर्माण और मरम्मत सुविधाओं के उद्घाटन केसाथ एमएसएमई के एक नए इकोसिस्टम के निर्माण में विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि नया एलपीजी आयात टर्मिनल कोच्चि, कोयम्बटूर, इरोड, सेलम, कालीकट, मदुरै और त्रिची की एलपीजी आवश्यकताओं को पूरा करेगा, जबकि उद्योगों एवं आर्थिक विकास गतिविधियों तथा इन क्षेत्रों में नए रोज़गार पैदा करने में भी सहायक होगा। प्रधानमंत्री ने कोच्चि शिपयार्ड की हरित प्रौद्योगिकी क्षमताओं और मेक इन इंडिया जहाजों को बनाने में इसकी प्रमुखता का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कोच्चि वाटर मेट्रो केलिए बनाए गए इलेक्ट्रिक जहाजों की प्रशंसा की। अयोध्या, वाराणसी, मथुरा और गुवाहाटी केलिए इलेक्ट्रिक हाइब्रिड यात्री फेरी यहां बनाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि कोच्चि शिपयार्ड देश के शहरों में आधुनिक और हरित जल संपर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने नॉर्वे केलिए शून्य उत्सर्जन इलेक्ट्रिक कार्गो फेरी बनाने और विश्व के पहले हाइड्रोजन-ईंधन वाले फीडर कंटेनर पोत के काम की प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि कोच्चि शिपयार्ड भारत को हाइड्रोजन ईंधन आधारित परिवहन की ओर ले जाने के हमारे मिशन को और मजबूत बना रहा है, मुझे विश्वास हैकि शीघ्र ही देश को स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन सेल फेरी भी मिलेगी। प्रधानमंत्री ने नीली अर्थव्यवस्था और बंदरगाह आधारित विकास में मछुआरा समुदाय की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने 10 वर्ष में मछली उत्पादन और निर्यात में कई गुना वृद्धि का श्रेय प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत नई अवसंरचना परियोजनाओं के विकास, गहरे समुद्र में मछली पकड़ने केलिए आधुनिक नौकाओं केलिए केंद्र सरकार की दी गई सब्सिडी तथा किसानों की तरह मछली पालकों केलिए किसान क्रेडिट कार्ड को दिया। उन्होंने कहाकि सरकार समुद्री खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारत के योगदान को बढ़ाने केलिए प्रोत्साहन दे रही है, जिससे मछुआरों की आय में भारी वृद्धि होगी और उनका जीवन आसान होगा। प्रधानमंत्री ने केरल के निरंतर तीव्र विकास की कामना की और नई अवसंरचना परियोजनाओं केलिए नागरिकों को बधाई दी। इस अवसर पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, केंद्रीय पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]