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'बुद्ध की शिक्षाएं भविष्य की दिशा निर्देशक हैं'

उपराष्ट्रपति का शांति केलिए एशियाई बौद्ध सम्मेलन में संबोधन

'युवा पीढ़ी भगवान गौतम बुद्ध के बारे में और अधिक जानें'

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Thursday 18 January 2024 12:56:52 PM

vice president's address at the asian buddhist conference for peace

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा हैकि महात्‍मा बुद्ध की शिक्षाएं अतीत की स्‍मृति चिन्‍ह नहीं हैं, बल्कि वे हमारे भविष्य केलिए कम्‍पास की भांति दिशा-निर्देशक हैं। उन्होंने कहाकि तथागत गौतम बुद्ध का शांति, सद्भाव, सह-अस्तित्व का संदेश नफरत और आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है, जिनसे विश्‍व को गंभीर खतरा बना हुआ है। नई दिल्ली में शांति केलिए एशियाई बौद्ध सम्मेलन की 12वीं आमसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ये उद्गार व्यक्त किए, जिसकी विषयवस्‍तु 'शांति केलिए एशियाई बौद्ध सम्मेलन-ग्लोबल साउथ का बौद्ध स्‍वर' था। उपराष्ट्रपति ने कहाकि नैतिक अनिश्चितता के युग में बुद्ध की शिक्षाएं सभी केलिए स्थिरता, सादगी, संयम और श्रद्धा का मार्ग प्रशस्‍त करती हैं। उन्होंने कहाकि महात्‍मा बुद्ध के चार आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग हमें आंतरिक शांति, करुणा और अहिंसा के मार्ग की ओर ले जाते हैं, जो आज के संघर्षों का सामना कररहे व्यक्तियों और राष्ट्रों केलिए एक परिवर्तनकारी रोडमैप है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत में सेवा संचालित शासन के दृष्टिकोण पर बुद्ध की शिक्षाओं के गहरे प्रभाव का जिक्र किया और कहाकि ये नागरिक कल्याण, समावेशिता और पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता में मार्गदर्शक शक्ति के रूपमें कार्य करती हैं। बुद्ध के कालातीत ज्ञान पर उपराष्‍ट्रपति ने कहाकि यह न केवल मनुष्यों, बल्कि दूसरे जीव-प्राणियों केलिए भी शांति का एक शक्तिशाली, सामंजस्यपूर्ण, संपूर्ण, निर्बाध मार्ग प्रदान करता है। जगदीप धनखड़ ने जलवायु परिवर्तन, संघर्ष, आतंकवाद और गरीबी जैसी समकालीन चुनौतियों से निपटने में तथागत गौतम बुद्ध के सिद्धांतों की सार्वभौमिक प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को आशा की किरण के रूपमें उजागर करते हुए इन अस्तित्वगत खतरों को दूर करने केलिए एक सहयोगात्मक एवं सामूहिक दृष्टिकोण का आह्वान किया।
जगदीप धनखड़ ने कहाकि विषयवस्‍तु 'शांति केलिए एशियाई बौद्ध सम्मेलन-ग्लोबल साउथ का बौद्ध स्‍वर' भारत की बढ़ती नेतृत्व भूमिका के अनुरूप है, जो ग्लोबल साउथ की समस्‍याओं को विश्‍व मंचों पर उठा रहा है। उन्होंने कहाकि जी-20 की अध्यक्षता से पता चलता हैकि भारत दुनिया की तीन चौथाई आबादी वाले देशों की चिंताओं का प्रतिनिधित्व करने केलिए प्रतिबद्ध है। भारत को भगवान बुद्ध के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित राष्ट्र बताते हुए जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस वक्‍तव्‍य को दोहराया जहां उन्होंने कहा थाकि हमें उस राष्ट्र से संबंधित होने पर गर्व है, जिसने दुनिया को 'बुद्ध' दिया है, न कि 'युद्ध'। उन्होंने कहाकि भारत इसके लिए प्रतिबद्ध हैकि विश्‍व की युवा पीढ़ी भगवान गौतम बुद्ध के बारेमें और अधिक जानें। उन्‍होंने बौद्ध सर्किट और भारत अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति केंद्र के विकास में भारत की सक्रिय भूमिका का उल्लेख करते हुए बतायाकि इससे अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों केलिए बौद्ध विरासत स्थलों तक सुगम पहुंच को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, शांति केलिए एशियाई बौद्ध के अध्यक्ष डी चोइजामत्सडेम्बरेल, कंबोडिया के उपमंत्री डॉ ख्यसोवनरत्न और विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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