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Monday 5 February 2024 04:52:54 PM
नई दिल्ली। अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान में प्रोबेशनर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के 31वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से राष्ट्रपति भवन में भेंट की। ये अधिकारी भारतीय सिविल लेखा सेवा, भारतीय रक्षा लेखा सेवा और भारतीय वित्त एवं लेखा सेवा से हैं। राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों को सिविल सेवा परीक्षा में सफलता केलिए बधाई दी और उनसे कहाकि यह कहने की आवश्यकता नहीं हैकि उनको उनके दृढ़ संकल्प, दृढ़ता और स्मार्ट कार्य के माध्यम से इन प्रतिष्ठित सेवाओं में चुना गया है। उन्होंने कहाकि इस बात की सभीको जानकारी हैकि एक अच्छी सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली ही सुशासन का आधार है और सरकार की कार्यप्रणाली को और अधिक कुशल बनाएं। राष्ट्रपति ने कहाकि वे जिस संगठित वित्तीय सेवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, उस वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के निर्माण और उसे बनाए रखने का दायित्व उनपर है, जो सरकार की कार्यप्रणाली को संचालित करने में सहायता करते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रोबेशनर्स से कहाकि प्रशासन में उनकी भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्हें शासन में उपयुक्तता और विवेकशीलता सुनिश्चित करनी होती है। उन्होंने उनसे अपनी क्षमताओं को प्राप्तकर और उनका उपयोग करके इस जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाने का अनुरोध किया। राष्ट्रपति ने कहाकि वे ऐसे समय इन सेवाओं में शामिल हुए हैं, जब देश डिजिटल रूपांतरण के दौर से गुजर रहा है और जनता केबीच पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाने केसाथ सेवा वितरण में अधिक दक्षता की अपेक्षा बढ़ रही है और इन अपेक्षाओं को पूरा करने केलिए सरकारी विभागों द्वारा प्रौद्योगिकी का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करना और शासन प्रणाली को नागरिककेंद्रित, कुशल व पारदर्शी बनाना अनिवार्य हो गया है। प्रोबेशनर्स ने राष्ट्रपति से अपने प्रशिक्षण अनुभव साझा किए, जिनपर राष्ट्रपति ने खुशी व्यक्त करते हुए कहाकि वित्त और लेखा के क्षेत्र का अच्छा ज्ञान होने के अलावा उनको देश और नागरिकों की प्रगति केलिए उनमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और योगदान देने का जुनून भी है। राष्ट्रपति ने प्रोबेशनर्स से कहाकि उनसे सरकारी विभागों, संगठनों के वित्तीय सलाहकार और लेखा परीक्षक के रूपमें भी कार्य करने की अपेक्षा की जाती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि आज दुनिया के हर हिस्से में देश और संस्थान सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली विकसित कर रहे हैं और लेखांकन, लेखा परीक्षा और बजट में नए मानक स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने प्रोबेशनर्स से कहाकि उनको इन विषयों में सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं से अवगत रहना चाहिए, उनसे भारतीय संदर्भ में लागू सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करना चाहिए, यह सुनिश्चित करना चाहिएकि सीखने और नवाचार करने की प्रक्रिया न केवल उनके विकास केलिए, बल्कि व्यापक भलाई केलिए जीवनभर जारी रहे। उन्होंने प्रोबेशनर्स को इन कार्यों को करने केलिए लगातार बदलती और उन्नत होती प्रौद्योगिकी की दुनिया केसाथ तालमेल बनाए रखने की सलाह दी। राष्ट्रपति ने कहाकि उनका प्रयास नवीनतम तकनीक का उपयोग करने और देश की लेखांकन व लेखा परीक्षा प्रणालियों को सुगम बनाने केलिए तंत्र को विकसित करने का होना चाहिए। राष्ट्रपति ने खुशी जताईकि उनके प्रशिक्षण मॉड्यूल में डेटा विश्लेषण, निर्णय उपकरण, सरकार में आईसीटी का उपयोग और सतत विकास पर पाठ्यक्रम शामिल हैं, जो देश की शासन आवश्यकताओं का व्यापक दृष्टिकोण लेने में उपयोगी हैं।