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Friday 16 February 2024 12:58:06 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 'विकसित मीडिया इकोसिस्टम: इनोवेटिव, प्रभावशाली और टिकाऊ प्रसारण' विषयक ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग सोसाइटी एक्सपो-2024 का नई दिल्ली में उद्घाटन किया। उन्होंने कहाकि बीईएस प्रसारण इंजीनियरिंग के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति और नवाचार में सबसे आगे रहा है, एक्सपो के माध्यम से पिछले दो दशक से इसने विचारों के आदान-प्रदान केलिए एक मंच प्रदान किया है। उन्होंने कहाकि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत के प्रसारण उद्योग का एक दृढ़ संरक्षक है, जिसने इसे परिवर्तन की बयारों केबीच समझदारी एवं दूरदर्शिता केसाथ संचालित किया है। उन्होंने कहाकि सार्वजनिक सेवा प्रसारण को बढ़ावा देने, समावेशी नीतियों को डिजाइन व लागू करने, मीडिया से जुड़ी जागरुकता पहल, प्रसारण एवं मीडिया उद्योग में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने केप्रति इसकी अटूट प्रतिबद्धता से भारत में जीवंत, समावेशी और मजबूत प्रसारण एवं मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र है, जो विविधतापूर्ण, सूचनात्मक और जिम्मेदार है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने देश की विविध जरूरतों को पूरा करने वाली गुणवत्तापूर्ण कंटेंट केलिए सार्वजनिक सेवा प्रसारण को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहाकि अपनी सांस्कृतिक विरासत के समृद्ध कैनवस को पहचानते हुए अनूठा मार्ग बनाना चाहिए। उन्होंने कहाकि प्रसार भारती ने भारत की कहानी को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहाकि दूरदर्शन की दानेदार काली-सफ़ेद स्क्रीन से लेकर इसके एचडी एवं अब 4के डिजिटल बदलाव तक, एनालॉग मीडियम वेव से लेकर डीआरएम और अब आकाशवाणी के एफएम तक दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो की विविधतापूर्ण प्रोग्रामिंग ने देश की कई पीढ़ियों को सूचित, शिक्षित और मनोरंजन करने का अनुकरणीय दायित्व निभाया है। उन्होंने कहाकि एनालॉग युग से लेकर आज के बहुआयामी डिजिटल परिदृश्य तक हमारे प्रसारकों ने दृढ़ता, नवाचार और उत्कृष्टता केप्रति अटूट प्रतिबद्धता केसाथ अपना रास्ता तय किया है। अनुराग ठाकुर ने कहाकि तकनीकी तौरपर उन्नत होने में अवसर और चुनौतियां दोनों हैं और कई प्लेटफार्मों पर उच्च गुणवत्ता वाले व वैयक्तिकृत कंटेंट की मांग बढ़ रही है, इस उद्देश्य से लेटेस्ट टेक्नोलॉजी वाले प्रसारण उपकरण विकसित करना एक अनिवार्यता बन गया है।
अनुराग ठाकुर ने कहाकि स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने, वैज्ञानिक प्रतिभा को निखारने और उद्योग व शिक्षा जगत केबीच साझेदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, हमारे आजके प्रयास आत्मनिर्भर प्रसारण के हमारे सपने की सफलता को निर्धारित करेंगे। अनुराग ठाकुर ने कहाकि नई डायरेक्ट टू मोबाइल प्रौद्योगिकियां न केवल टेलीविजन पर, बल्कि हैंडहेल्ड उपकरणों जैसे मोबाइल फोन पैड आदि पर भी किसीभी समय टेरेस्ट्रियल प्रसारण केलिए मजेदार कंटेंट प्रदान करती हैं और वहभी बिना किसी इंटरनेट आवश्यकता के। उन्होंने कहाकि हमें नेक्स्ट जेन ब्रॉडकास्टिंग जैसे प्रसारण के नए विकल्पों को तलाशना और अपनाना चाहिए, जो न केवल हमारे समाज के सभी वर्गों तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित करेगा, बल्कि लगातार विकसित हो रहे उपयोगकर्ता अनुभव केलिए उत्प्रेरक के रूपमें काम करेगा। उन्होंने डेटा सेफ्टी के महत्व पर प्रकाश डाला और कहाकि तेजीसे परस्पर जुड़ी दुनिया में डेटा गोपनीयता की रक्षा और संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहाकि स्वदेशी साइबर सुरक्षा समाधान विकसित करने में भारत के प्रयास वैश्विक डेटा संरक्षण नियमों के अनुरूप डेटा सुरक्षा केप्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं, चूंकि हम प्रसारण इकोसिस्टम में इनोवेशन को बढ़ावा देने केलिए प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग कर रहे हैं, आइए हम यह सुनिश्चित करेंकि हम संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और अपने डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने केलिए आवश्यक कदमों को भी न भूलें।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने लोगों को पर्यावरण केप्रति जिम्मेदारी की याद दिलाई और कहाकि प्रसारण कार्यों में स्थायी तौर-तरीकों को अपनाना न केवल एक नैतिक अनिवार्यता है, बल्कि एक रणनीतिक आवश्यकता भी है, अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करके और कचरे को कम करके, हम एबीयू की ग्रीन ब्रॉडकास्टिंग परियोजना जैसी वैश्विक पहल का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि सौर ऊर्जा से चलने वाले प्रसारण उपकरण और ऊर्जा कुशल स्टूडियो में भारत का अनुसंधान एवं विकास हमें टिकाऊ प्रसारण में अग्रणी बनाता है, जो पर्यावरणीय प्रबंधन केप्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ओटीटी प्लेटफार्मों की तरफ दर्शकों के बढ़ते रुझान और वैयक्तिकृत कंटेंट की मांग होने सहित बदलाव के दौरसे गुजर रहे मीडिया परिदृश्य पर गौर करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहाकि हमें इस बदलाव को स्वीकार करना चाहिए और उसके अनुसार सामंजस्य स्थापित करना चाहिए। उन्होंने कहाकि इस गतिशील वातावरण में प्रासंगिक बने रहने केलिए कंटेंट के निर्माण की हमारी रणनीतियों, नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपनाने और नियामक ढांचे को तीव्रगति से विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने आगाह कियाकि कंटेंट के नियंत्रण पर भी सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सामाजिक मूल्यों को कायम रखने केबीच संतुलन बनाना सर्वोपरि है।
सूचना प्रसारण मंत्री ने कहाकि हमें ऐसे वातावरण को बढ़ावा देना चाहिए, जहां जिम्मेदार और नैतिक कंटेंट सुनिश्चित करते हुए रचनात्मक अभिव्यक्ति उचित सीमाओं के भीतर पुष्पित और पल्लवित हो। सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू ने इस अवसर पर कहाकि मंत्रालय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा और मीडिया पारदर्शिता की आवश्यकता से अवगत है तथा उसने तदनुसार परामर्श केलिए प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक 2023 का मसौदा तैयार किया है। ट्राई के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने कहाकि प्रसारण क्षेत्र में विकास की व्यापक संभावनाएं हैं। प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने भी सम्मेलन में अपने विचार रखे। उन्होंनेतेजीसे बदलते मीडिया परिदृश्य विशेष रूपसे इस समय मीडिया के उपयोग के तरीके पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि इससे अच्छे कंटेंट की आवश्यकता बढ़ गई है, क्योंकि दर्शकों केपास अब कहीं ज्यादा विकल्प मौजूद हैं। उन्होंने डी2एम और टेरेस्ट्रियल ट्रांसमिशन की जरूरतों को पूरा करने केलिए स्पेक्ट्रम को लोकसेवा प्रसारक केलिए संरक्षित करने पर भी जोर दिया। बीईएस के अध्यक्ष सुनील ने डी2एम जैसी उभरती नई तकनीकों के कारण मीडिया के सामने आनेवाली चुनौतियों के बारेमें चर्चा की।