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Tuesday 20 February 2024 02:09:45 PM
पोर्ट ब्लेयर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की पांच दिवसीय यात्रा पर 19 फरवरी को पोर्ट ब्लेयर पहुंची, जहां अपने पहले कार्यक्रम केतहत उन्होंने शहीद स्तंभ पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की और सेल्यूलर जेल परिसर एवं संग्रहालय का दौरा किया। राष्ट्रपति ने सेल्यूलर जेल में लाइट और साउंड शो को देखा। उन्होंने डॉ बीआर आंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अंडमान और निकोबार प्रशासन की ओर से उनके सम्मान में आयोजित एक नागरिक अभिनंदन समारोह में भी हिस्सा लिया। राष्ट्रपति ने कहाकि जिस स्नेह और उत्साह केसाथ इस समारोह का आयोजन किया गया है, उसके लिए मैं यहां के प्रशासन, जनप्रतिनिधियों तथा अंडमान और निकोबार द्वीप के निवासियों को धन्यवाद देती हूं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि मुझे ऐतिहासिक सेल्यूलर जेल परिसर में राष्ट्रीय स्मारक पर देशप्रेमी शूरवीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का सौभाग्य मिला, वहां स्वतंत्रता ज्योति, वीर सावरकर की सेल, स्वर्णाक्षरों में अंकित स्वाधीनता सेनानियों के नामों से सुशोभित शिला, संग्रहालय में सुरक्षित स्वाधीनता संग्राम का इतिहास, ये सभी हमारे देश की अनमोल धरोहर हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि सेल्यूलर जेल में लाइट और साउंड शो में हमारे देश के इतिहास का एक अत्यंत गौरवशाली और भावनापूर्ण अध्याय जीवंत हो उठता है, सेल्यूलर जेल की काल-कोठरियां स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और संघर्ष की साक्षी हैं, सभी महान स्वाधीनता सेनानियों को मैं सादर नमन करती हूं। उन्होंने कहाकि 30 दिसंबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने यहां भारत का तिरंगा फहराया था और नेताजी के सम्मान में वर्तमान भारत सरकार ने रॉस आइलैंड को नेताजी सुभाषचंद्र बोस आइलैंड का नाम दिया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि गुलामी की मानसिकता से मुक्त होने के संकल्प के अनुसार हैवलॉक और नील आइलैंड को स्वराज और शहीद आइलैंड का नाम दिया गया है। राष्ट्रपति ने जिक्र कियाकि स्वाधीनता केबाद देश की सुरक्षा केलिए अद्भुत पराक्रम दिखाने वाले परमवीर चक्र से सम्मानित भारत माता के 21 सपूतों के नाम पर यहां के 21 द्वीपों का नामकरण किया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि भावी पीढ़ियां इस द्वीप समूह से जुड़े सभी शूरवीरों के बारेमें जानेंगी और उनसे प्रेरणा लेंगी। उन्होंने कहाकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहाकि भारत को दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से जोड़ने में इन द्वीपों का विशेष भौगोलिक महत्व है, इसे देखते हुए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ का एक मुख्य घटक है।
राष्ट्रपति ने कहाकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की प्राकृतिक सुंदरता विश्वभर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। उन्होंने बतायाकि इस केंद्रशासित प्रदेश में पर्यटन को और अधिक प्रोत्साहित करने केलिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, वीर सावरकर हवाईअड्डे के एक नए टर्मिनल भी निर्माण किया गया है। उन्होंने इसपर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि डिजिटल और भौतिक कनेक्टिविटी में प्रभावशाली विकास के कारण साल 2014 और 2022 केबीच इन द्वीपों पर आनेवाले पर्यटकों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहाकि पर्यटन के निरंतर बढ़ने से रोज़गार बढ़ेगा और इस केंद्रशासित प्रदेश के युवाओं को अपनी प्रगति करने के नए अवसर प्राप्त होंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बतायाकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के आसपास का विशेष आर्थिक क्षेत्र भारत के कुल ईईजेड का लगभग 30 फीसदी है, इस द्वीप की समुद्री अर्थव्यवस्था का भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त कीकि मछली और अन्य समुद्री उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने केलिए कई कार्य प्रगति पर हैं। राष्ट्रपति ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के स्वच्छ पर्यावरण और इकोसिस्टम को संरक्षित करने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने लोगों का आह्वान कियाकि हमें विकास और पर्यावरण संरक्षण केबीच संतुलन बनाते हुए आगे बढ़ना होगा।