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Tuesday 02 July 2013 09:03:47 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने निर्यातकों की समस्याओं को दूर करने के लिए और निर्यात को बढ़ावा देने के उपायों के बारे में विचार-विमर्श करने के लिए निर्यात संवर्द्धन परिषदों के सदस्यों की एक बैठक की अध्यक्षता की। मौजूदा चालू खाता घाटे (सीएडी) के परिदृश्य में इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आनंद शर्मा ने कहा कि बढ़ते हुए व्यापार घाटे के कारण चालू खाता घाटे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। विगत वर्ष 300.20 अरब अमरीकी डॉलर मूल्य का निर्यात किया गया था, जबकि 491.90 अरब अमरीकी डॉलर मूल्य का आयात किया गया। यह 191 अरब अमरीकी डॉलर के घाटे को दर्शाता है, जबकि विगत वर्ष यह 183 अरब अमरीकी डॉलर के स्तर पर था। शर्मा ने कहा कि गोवा और कर्नाटक में खनन प्रतिबंधों जैसे बदलावों के साथ वैश्विक मांगों में कमी आना और सोने के आयात में अभूतपूर्व वृद्धि होना इसके प्रमुख कारण है।
इस अवसर पर निर्यातकों ने प्रोत्साहन योजनाओं का विस्तार करने और विभिन्न प्रकार के निपटारे के लिए बेहतर प्रणाली कायम करने के बारे में अपनी मांगे रखी। परिषदों ने अपनी क्षेत्रवार रिपोर्ट दाखिल की। शर्मा ने निर्यातकों की मदद के लिए जोरदार प्रयास करने का आश्वासन दिया और उन्हें बताया कि वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के साथ अपनी आगामी बैठक में संबंधित सुझावों को रखेंगे। उन्होंने लघु और मध्यम उपक्रमों पर जोर देने के लिए निर्यात निकायों का आह्वान किया, जो निर्यातों का एक प्रमुख हिस्सा है। बैठक में अन्य लोगों के अलावा फिक्की की अध्यक्ष नैना लाल किदवई और एफआईईओ अध्यक्ष रफीक अहमद के साथ प्रमुख निर्यात संवर्द्धन परिषदों के अध्यक्षों ने भाग लिया।