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Thursday 25 April 2024 05:15:30 PM
नई दिल्ली। भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग (आईएचआरसी) अब नए लोगो और आदर्श वाक्य से जाना जाएगा और इसके लोगो और आदर्श वाक्य डिजाइन प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा भी कर दी गई है। प्रतियोगिता में विजेता दिल्ली के शौर्य प्रताप सिंह के लोगो और आदर्श वाक्य को चुना गया है। आईएचआरसी अभिलेखीय मामलों पर एक शीर्ष सलाहकार निकाय है, यह अभिलेखों के प्रबंधन और ऐतिहासिक अनुसंधान केलिए उनके उपयोग पर भारत सरकार को परामर्श देने केलिए रचनाकारों, संरक्षकों और अभिलेखों के उपयोगकर्ताओं के एक अखिल भारतीय मंच के रूपमें कार्य करता है। इसकी स्थापना वर्ष 1919 में हुई थी और इसका नेतृत्व केंद्रीय संस्कृति मंत्री करते हैं। आईएचआरसी की विशिष्ट पहचान और प्रस्तुत लोकाचार को स्पष्ट रूपसे संप्रेषित करने केलिए लोगो और आदर्श वाक्य केलिए डिज़ाइन आमंत्रित किए गए थे। इसके लिए वर्ष 2023 में MyGov पोर्टल पर एक ऑनलाइन प्रतियोगिता शुरू की गई थी, जिसके जरिए कुल 436 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं।
भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग का नया लोगो पूरी तरह से आयोग की थीम और विशिष्टता को अभिव्यक्त करता है। कमल की पंखुड़ियों के आकार के पृष्ठ भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग को ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाए रखने केलिए लचीले नोडल संस्थान के रूपमें दर्शाते हैं। मध्य में सारनाथ स्तंभ भारत के गौरवशाली अतीत का प्रतिनिधित्व करता है। रंग थीम के रूपमें भूरा रंग भारत के ऐतिहासिक अभिलेखों के संरक्षण, अध्ययन और सम्मान के संगठन के मिशन को सुदृढ़ करता है। आदर्श वाक्य का अनुवाद इस प्रकार है-'जहां इतिहास भविष्य केलिए संरक्षित है।' यह आदर्श वाक्य भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग और उसके कार्य केलिए बहुत महत्व रखता है। भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग ऐतिहासिक दस्तावेजों, पांडुलिपियों, ऐतिहासिक जानकारी के अन्य स्रोतों की पहचान करने, एकत्र करने, सूचीबद्ध करने और बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
आईएचआरसी ऐसा करके यह सुनिश्चित करता हैकि मूल्यवान ऐतिहासिक ज्ञान भावी पीढ़ियों केलिए संरक्षित रहे, इसलिए आदर्श वाक्य ऐतिहासिक दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लाभ केलिए इन्हें सुलभ बनाने की आयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आईएचआरसी के नए लोगो और आदर्श वाक्य केलिए प्रविष्टियों को चार-चार सांत्वना पुरस्कार दिए गए हैं, इनमें इंदौर मध्य प्रदेश की मनस्वी चंदवास्कर, बेंगलुरु कर्नाटक की दीपिका मंडल, जोधपुर राजस्थान के नोनंदा वर्मा और चुट्टमलपुर उत्तराखंड की शिवांशी चौहान को प्रतीक चिन्ह और एसएएस नगर पंजाब की जसनीत कौर, इंदौर मध्य प्रदेश के नरेश अग्रवाल, कोलकाता पश्चिम बंगाल के राजू चटर्जी और भरूच गुजरात की रिंकल को आदर्श वाक्य केलिए पुरस्कृत किया गया। विजेता प्रविष्टि को 50000 रुपये की पुरस्कार धनराशि से सम्मानित किया गया। लोगो और आदर्श वाक्य केलिए चयनित सभी चार-चार प्रविष्टियों में से प्रत्येक को पांच-पांच हजार रुपये की धनराशि सांत्वना पुरस्कार के रूपमें प्रदान की गई।