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Saturday 4 May 2024 04:11:06 PM
पणजी। भारतीय नौसेना केलिए आधुनिक पीढ़ी के पहले समुद्रगामी गश्ती जहाज के निर्माण कार्य का मेसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड गोवा में औपचारिक शुभारंभ कर दिया गया है। आधुनिक पीढ़ी के समुद्र तट से काफी दूर तैनात होने वाले इस तरह के 11 गश्ती समुद्रगामी जहाजों के स्वदेशी डिजाइन एवं निर्माण केलिए अनुबंध 30 मार्च 2023 को रक्षा मंत्रालय और मैसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड गोवा तथा मैसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स कोलकाता केबीच किया गया था। इनमें से सात जहाजों का निर्माण लीड शिपयार्ड मेसर्स जीएसएल द्वारा होना है और चार युद्धपोतों को फॉलो शिपयार्ड मेसर्स जीआरएसई तैयार करेगा।
नई एवं आधुनिक पीढ़ी के इन समुद्रगामी गश्ती जहाजों का इस्तेमाल समुद्री डकैती रोकने, तटीय सुरक्षा और निगरानी, खोज एवं बचाव तथा अपतटीय संपत्तियों की रक्षा व संरक्षण जैसे मिशनों को पूरा करने केलिए किया जाएगा। भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में देश के आर्थिक और भू-राजनीतिक हितों की रक्षा केलिए अपनी लड़ाकू क्षमता विस्तृत रखने में ये समुद्रगामी गश्ती जहाज और ज्यादा सक्षम बनाएंगे। यह पहल स्वदेशी युद्धपोत के निर्माण की दिशा में और भारतीय नौसेना की प्रगति के पथ पर महत्वपूर्ण मील का पत्थर है तथा देश की 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप है। युद्धपोत निर्माण एवं अधिग्रहण नियंत्रक वाइस एडमिरल बी शिव कुमार ने समुद्रगामी गश्ती जहाज के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बीके उपाध्याय और भारतीय नौसेना तथा मेसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।