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Friday 28 June 2024 12:37:11 PM
भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से उन्नत बूस्टर कॉन्फिगरेशन केसाथ हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट 'अभ्यास' के लगातार छह विकासात्मक परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे करलिए हैं। 'अभ्यास' ने सिस्टम की विश्वसनीयता को प्रदर्शित करते हुए 10 और विकासात्मक परीक्षण सफलतापूर्वक पूरेकिए हैं। ये परीक्षण उन्नत रडार क्रॉस सेक्शन, विजुअल और इन्फ्रारेड वृद्धि प्रणालियों केसाथ किए गए। सभी सेनाओं के प्रतिनिधियों ने इन उड़ान परीक्षणों को देखा। परीक्षणों के दौरान बूस्टर की सुरक्षित मुक्ति, लॉंचर क्लीयरेंस और धीरज प्रदर्शन को कवर करनेवाले विभिन्न मिशन संबंधी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। न्यूनतम रसद केसाथ संचालन की आसानी को प्रदर्शित करते हुए 30 मिनट के अंतराल में दो लॉंच किए गए।
'अभ्यास' को डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान बेंगलुरु ने डिजाइन किया है और एजेंसियों-हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो के माध्यम से विकसित किया गया है। 'अभ्यास' हथियार प्रणालियों केलिए एक यथार्थवादी जोखिम से निपटने का परिदृश्य प्रदान करता है। यह स्वदेशी प्रणाली एक ऑटो पायलट, विमान एकीकरण, प्री-फ्लाइट चेक और स्वायत्त उड़ान केलिए लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम की मदद से स्वायत्त उड़ान केलिए डिजाइन की गई है। इसके विश्लेषण केलिए उड़ान के दौरान डेटा रिकॉर्ड करने की सुविधा भी है। बूस्टर को एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी और नेविगेशन सिस्टम को रिसर्च सेंटर इमारत ने डिजाइन किया है। अभ्यास अब उत्पादन एजेंसियों केसाथ उत्पादन को तैयार है। डीआरडीओ की यह ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है। अभ्यास से कई सुरक्षा प्रणालियां जुड़ गई हैं, जिससे भारतीय सेनाओं में सुरक्षा रणनीतियों के प्रति उत्साह बढ़ा है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 'अभ्यास' के विकासात्मक परीक्षणों केलिए डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई दी है। उन्होंने कहाकि सफल परीक्षण वैज्ञानिकों और उद्योग केबीच तालमेल का महत्वपूर्ण प्रमाण हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी टीमों को बधाई देते हुए कहाकि यह प्रणाली किफायती है और इसके निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। गौरतलब हैकि डीआरडीओ ने इन दस वर्ष में भारतीय सेना की शक्ति बढ़ाने वाली अनेक रक्षा प्रणालियां विकसित की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वाधिक दिलचस्पी वाली और राष्ट्रीय सुरक्षा को विश्वसनीय एवं सुनिश्चित बनाने वाली भारत की सुरक्षा प्रणालियों का वैश्विक स्तर पर भी लोहा माना जा रहा है और सबसे बड़ी बात यह हैकि भारत इनका अपने यहां ही और अपने ही संसाधनों से ऐतिहासिक रूपसे आत्मनिर्भर होकर विकास और निर्माण कर रहा है, जो पिछले दशकों में संभव नहीं था।