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Friday 19 July 2024 06:32:55 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सेंट्रम होटल लखनऊ में आयोजित ‘प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम’ में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘धरती मां को रसायनों से बचाने’ का स्वप्न पूरा करते हुए हम पूरी कोशिश करेंगेकि भविष्य में किसान रसायन मुक्त खेती करें, ताकि हमारी पीढ़ियां स्वस्थ रहें। उन्होंने किसानों का आह्वान कियाकि वे अपने खेत के एक हिस्से पर प्राकृतिक खेती करें। शिवराज सिंह चौहान ने कहाकि शुरुआती तीन साल में जब किसान प्राकृतिक खेती करेंगे तो पैदावार कम होगी और ऐसी स्थिति में सरकार किसानों को सब्सिडी देगी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहाकि प्राकृतिक खेती से उगाए हुए अनाजों, फलों और सब्जियों की बिक्री से किसानों को डेढ़ गुना ज्यादा दाम मिल जाएंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी मौजूद थे। कृषि मंत्री ने कहाकि देश के कृषि विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक खेती के अध्ययन एवं खोज केलिए प्रयोगशालाओं को स्थापित किया जाएगा, जिनकी मदद से देशमें प्राकृतिक खेती को मदद मिलेगी और अन्न के भंडार भी भरेंगे। शिवराज सिंह चौहान ने कहाकि देश के एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के बारेमें जागरुक किया जाएगा, ताकि वे देशके हर कोने में जाकर इसका प्रचार कर सकें।
शिवराज सिंह चौहान ने कहाकि केंद्र सरकार सभी हितधारकों से परामर्श करके प्राकृतिक खेती केलिए राष्ट्रीय स्तरपर जागरुकता अभियान चलाएगी। उन्होंने कहाकि प्राकृतिक खेती और जैविक खेती दो अलग-अलग चीजें हैं, इस अंतर को भी समझना जरूरी है। उन्होंने प्राकृतिक खेती के फायदों पर प्रकाश डाला। शिवराज सिंह चौहान ने कहाकि प्राकृतिक खेती में पानी की कम जरूरत होती है और यह किसानों केलिए काफी फायदेमंद है। उन्होंने कहाकि यह अच्छी बात है कि अब सरकार प्राकृतिक खेती के महत्व को समझ गई है। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भी कहाकि प्राकृतिक खेती और जैविक खेती दो अलग-अलग चीजें हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती के फायदों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि यह अच्छी बात हैकि अब सरकार प्राकृतिक खेती के महत्व को समझ गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहाकि उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक खेती के उत्पादों को बढ़ावा देने केलिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि प्रदेश के सभी छह कृषि विश्वविद्यालयों को उनकी प्रमाणन प्रयोगशालाओं को और ज्यादा बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि कृषि क्षेत्र की प्रगति केलिए उत्तर प्रदेश में चार कृषि विश्वविद्यालय, 89 कृषि विज्ञान केंद्र और दो केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने राज्य में चल रहे कृषि कार्यक्रमों और किसानों की योजनाओं पर प्रकाश डाला। इस मौके पर पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलाख, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, जनप्रतिनिधि, बड़ी संख्या में किसान और कृषि विभाग के उच्चाधिकारी मौजूद थे।