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Saturday 6 July 2013 09:09:12 AM
नई दिल्ली। सीमा सड़क संगठन की ओर से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बाढ़ ग्रस्तक्षेत्रों में सड़कों के पुनर्निर्माण का कार्य किया जा रहा है। सीमा सड़क संगठन ने इस काम में लगभग 130 एक्सकेवेटेर और बुलडोजर लगाए हैं। खराब मौसम के बावजूद सीमा सड़क संगठन ने उत्तराखंड में ऋषिकेश से लेकर उत्तरकाशी और ऋषिकेश-जोशीमठ-गोविंदघाट की मुख्य सड़कों को खोल रखा है। गोविंदघाट और जोशीमठ के बीच दो प्रमुख अवरोध वाले स्थलों को यातायात के लिए खोल दिया गया है। गोविंदघाट में फंसे लगभग एक हज़ार वाहनों को निकाल लिया गया है। पिथौरागढ़ से लेकर धारचूला तक के मार्ग के पुनर्निर्माण कार्य में अच्छी प्रगति हुई है और आशा की जाती है कि इसे अगले तीन चार दिनों में जोड़ दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में वांगतू-पूह क्षेत्र में पूह को अगले तीन चार दिनों में आपस में जोड़ दिया जाएगा। यह भी उम्मीद है कि कौरिक तक के मार्ग को 15 जुलाई 2013 तक चालू कर दिया जाएगा। ऋषिकेश-धरासू-उत्तराकाशी-गंगोत्री में उत्तराकाशी तक मार्ग खुला हुआ है। इसके बाद 7-8 स्थानों पर सड़कें टूटी हुई हैं। पिछले चार दिनों में किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। उत्तरकाशी और हरसिल के बीच की सड़क से अवरोध हटा दिया गया है। उत्तरकाशी के आगे बीस किलोमीटर की सड़क को जोड़ना एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने है।
ऋषिकश-जोशीमठ-बद्रीनाथ-माना सड़क मार्ग को भारी बारिश और भू-स्खलन के बावजूद 496 किलोमीटर (गोविंदघाट) तक खोल दिया गया है। इस मार्ग पर 4 स्थानों पर कुछ समस्या है, गोविंदघाट से आगे बड़ी-बड़ी दरारें हैं। लांबागढ़ में 50 मीटर पुल बह गया है। इस मार्ग को गोविंदघाट और बद्रीनाथ दोनो तरफ से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। एक रेडिमेड पुल के जरिए जोशीमठ-बद्रीनाथ संपर्क मार्ग पर गोविंदघाट के निकट अलकनंदा नदी पर पांडुकेशवर में स्थापित किया गया। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड रोड को व्यापक तौर पर क्षति पहुंची थी। फिलहाल रुद्रप्रयाग की ओर से 18 किलोमीटर मार्ग खोल दिया गया है। अब 18 से 35 किलोमीटर तक मार्ग को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। लगातार बारिश से मलबा हटाने के काम में रुकावट आ रही है।
टनकपुर-पिथौरागढ़-तवाघाट-घाटियाबागड़ मार्ग पर बीआरओ ने 30 बुलडोजर और एक्सकैवेटर्स लगाये हैं। पिथौरागढ़ तक सड़क सभी किस्म के यातायात सही है। पिथौरागढ़ से आगे भी 84 किलोमीटर तक सड़क मार्ग खोल दिया गया है। इस मार्ग में अब धारचूला से पहले केवल एक स्थान पर अवरोध है। इस मार्ग के किलोमीटर 86 से लेकर किलोमीटर 96 के हिस्से को यातायात के लिए खोल दिया गया है। इसके आगे तवाघाट तक यह सड़क 4 स्थान पर टूटी हुई है। जोलजीबी-मुंशीयारी मार्ग लगभग 10 स्थानों पर बड़ी दरारों की वजह से बंद है। साढ़े तीन किलोमीटर से अधिक की सड़कों में दरार आ गयी है। आठ बुलडोजरों और एक्सकैवेटर्स के जरिए सड़क की सफाई के प्रयास किए जा रहे हैं। लगभग 35 किलोमीटर सड़क को साफ कर लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में सड़क वांगथू-पूह तथा पूह-कौरीक को काफी नुकसान पहुंचा है। स्पिलो तक इस मार्ग को आंशिक रूप से अवरोध मुक्त कर दिया गया है। रिकांगपियो जिला मुख्यालय सड़क को संपर्क लायक बना देने से स्थानीय लोगों को काफी मदद मिली है। उम्मीद है कि तीन चार दिनों में पूह को जोड़ दिया जाएगा। कौरिक तक सड़क को 15 जुलाई 2013 तक चालू कर दिए जाने की संभावना है। प्रयास किए जा रहे हैं कि सड़क पूरी तरह से साफ हो जाये। सड़क सफाई का काम तेजी पर है।