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Saturday 6 July 2013 09:16:11 AM
चंडीगढ़। उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा है कि स्वस्थ आबादी समावेशी विकास और राष्ट्र निर्माण का बुनियादी घटक है। उन्होंने कहा कि सबको अच्छा स्वास्थ्य सुलभ कराना न सिर्फ सामाजिक रूप से अनिवार्य है, बल्कि आर्थिक प्रगति और समृद्धि के लिए भी यह आवश्यक शर्त है। शनिवार को चंडीगढ़ में स्नातकोत्तर मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान 'पीजीआइएमईआर' के स्वर्ण जयंती समारोह में उपराष्ट्रपति ने कहा कि बीमार आबादी समाज के लिए बहुत बड़ी सामाजिक एवं आर्थिक लागत है तथा वह सतत विकास में बाधा बनती है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि जटिल बीमारियों के इलाज और जटिल शल्य क्रियाओं के लिए उच्च स्तर की निवारक एवं बचाव देखभाल सेवाएं अब देश में ही उपलब्ध हैं। भारत अब मेडिकल पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है तथा इलाज एवं स्वास्थ्य देखभाल के लिए दुनिया भर के लोग भारत आ रहे हैं। उपराष्ट्रपति ने इस बात पर चिंता प्रकट की कि इन उपलब्धियों के बावजूद भारत में तेजी से बढ़ती आबादी की समग्र स्वास्थ्य प्रोफाइल बड़ी ही व्यथित तस्वीर प्रकट करती है। वर्ष 2005 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्ययन के अनुसार सभी बीमारियों के कारण भारत को समग्र आर्थिक नुकसान हमारे सकल घरेलू उत्पाद का 1.3 प्रतिशत था। असंक्रामक रोगों की संख्या में वृद्धि के बावजूद यदि इन पर लगाम नहीं कसी गई तो यह 2015 तक सकल घरेलू उत्पाद के 5 प्रतिशत तक पहुंचने की आशंका है।
उन्होंने कहा कि योजना आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि सिर्फ असंक्रामक रोगों के कारण होने वाली मृत्यु कुल मौत की लगभग आधी हो चुकी हैं। ऐसी मृत्यु में वृद्धि की आशंका है तथा यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए तो 2005-15 के दशक के दौरान इससे 237 अरब डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। संक्रामक रोग भी रूग्णता एवं मृत्यु का प्रमुख कारण हैं। इससे आर्थिक गतिविधि पर बुरा असर पड़ता है तथा शिक्षा के अवसर कम होते हैं और स्वास्थ्य देखभाल के उच्च लागत के कारण वृद्धि पर नकारात्मक असर पड़ता है।
मोहम्मद हामिद असांरी ने कहा कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का अधिक इस्तेमाल करना देश के दूरदराज के भागों तक स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराने के लिए उपयोगी होगा। ऐसा जरूरतमंद आबादी के साथ स्वास्थ्य देखभाल के परामर्श के प्रावधान के लिए दूरदराज के स्वास्थ्य केंद्रों को शहरी क्षेत्रों में सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों के साथ संपर्क में समर्थ बनाकर किया जा सकता है। उपराष्ट्रपति ने सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से मेडिकल शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने के लिए चंडीगढ़ के पीजीआइएमईआर की प्रशंसा की।