स्वतंत्र आवाज़
word map

मिथुन दा को प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के सम्मान

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में 8 अक्टूबर को किए जाएंगे सम्मानित

मिथुन दा की सिनेमाई उपलब्धियां व सामाजिक कार्य प्रेरणादायी-वैष्णव

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 30 September 2024 02:12:20 PM

actor mithun chakraborty (file photo)

नई दिल्ली। भारतीय सिनेमा में ‘एक्शन हीरो’ के रूपमें विख्यात अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को वर्ष 2022 के प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान से 8 अक्टूबर को 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय सूचना प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय सिनेमा के क्षेत्रमें अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के उल्लेखनीय योगदान केलिए इस सम्मान की घोषणा की। उन्होंने फिल्म उद्योग के सबसे लोकप्रिय एवं प्रतिष्ठित हस्तियों में से एक अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को सम्मानित करते हुए बेहद खुशी व गर्व व्यक्त किया और कहाकि मिथुन चक्रवर्ती अपने बहुमुखी अभिनय और करिश्माई स्क्रीन उपस्थिति केलिए जानेजाते हैं। अश्विनी वैष्णव ने कहाकि मिथुन चक्रवर्ती की एक मामूली शुरुआत करनेवाले युवा से लेकर एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता बनने तककी यात्रा आशा और दृढ़ता की भावना का प्रतीक हैं, जो यह साबित करती हैकि जुनून और समर्पण केसाथ कोईभी अपने सबसे महत्वाकांक्षी सपने को साकार कर सकता है। उन्होंने कहाकि मिथुन चक्रवर्ती के समर्पण और कड़ी मेहनत ने उन्हें उभरते अभिनेताओं एवं कलाकारों केलिए एक आदर्श बनाया है।
मिथुन चक्रवर्ती (जन्म कोलकाता, गौरंगा चक्रवर्ती 16 जून 1950), जिन्हें मिथुन दा के नाम सेभी जाना जाता है, ने 1976 में अपनी पहली ही फिल्म ‘मृगया’ केलिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार हासिल किया था। भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के छात्र रहे मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी अभिनय कला को निखारा और सिनेमा जगत में शानदार करियर की नींव रखी। मिथुन चक्रवर्ती एक प्रतिष्ठित भारतीय अभिनेता, निर्माता और राजनीतिज्ञ हैं, जो अपनी बहुमुखी भूमिकाओं और विशिष्ट नृत्यशैली केलिए पहचाने जाते हैं। उन्होंने अपनी फिल्मों में विविध प्रकार की भूमिकाएं निभाई हैं, जिसमें उनके एक्शन से भरपूर पात्रों से लेकर मार्मिक नाटकीय भूमिकाएं हैं। मृणाल सेन की फिल्म में एक संथाल विद्रोही की उनकी भूमिका ने उन्हें राष्ट्रीय स्तरपर प्रशंसा दिलाई। मिथुन चक्रवर्ती ने 1980 के दशक में फिल्म डिस्को डांसर (1982) में अपनी भूमिका से अपार लोकप्रियता हासिल की। इस फिल्म ने भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर असाधारण सफलता पाई और इसने उन्हें नृत्य में पारंगत एक बेहतरीन अभिनेता के रूपमें स्थापित कर दिया। वे फिल्म डिस्को डांसर में अपनी ऐतिहासिक भूमिका के कारण हर घरमें एक जाना-पहचाना नाम बन गए। यह एक ऐसी फिल्म थी, जिसने न केवल उनके असाधारण नृत्य कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि भारतीय सिनेमा में डिस्को संगीत कोभी लोकप्रिय बना दिया। फिल्म अग्निपथ में उनके प्रदर्शन ने उन्हें 1990 में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिलाया।
फिल्म ताहादेर कथा (1992) और स्वामी विवेकानंद (1998) में अपनी भूमिकाओं केलिए उन्हें दो और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार हासिल हुआ। अपने लंबे सिनेमाई करियर में मिथुन चक्रवर्ती ने हिंदी, बंगाली, उड़िया, भोजपुरी और तेलुगु सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में 350 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। वे एक्शन से लेकर ड्रामा एवं कॉमेडी तक में अपने विविधतापूर्ण अभिनय केलिए जाने जाते हैं और उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सहित कई पुरस्कार जीते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके अद्वितीय योगदान केलिए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जानेपर बधाई दी है। मिथुन चक्रवर्ती की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि मिथुन दा एक सांस्कृतिक प्रतिभा के प्रतीक हैं और उन्‍हें अपने बहुमुखी अभिनय केलिए पीढ़ियों से सराहा जाता रहा है। गौरतलब हैकि मिथुन दा को न केवल उनकी सिनेमाई उपलब्धियों केलिए बल्कि सामाजिक कार्यों केप्रति उनके समर्पण केलिए भी पहचाना जाता है। मिथुन दा शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और वंचित समुदायों का सहयोग करने के उद्देश्य से विभिन्न धर्मार्थ कार्यों में सक्रिय रूपसे सम्मिलित रहे हैं, जो समाज को वापस देने की उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने सार्वजनिक सेवा और शासन केप्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए सांसद के रूपमें भी कार्य किया है।
मिथुन चक्रवर्ती को लगभग पांच दशक के उनके करियर में भारतीय सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान केलिए कई पुरस्कार और प्रशंसाएं मिली हैं। भारतीय सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान केलिए हालही में उन्हें प्रतिष्ठित पद्मभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। एक फिल्मोग्राफी केसाथ जिसमें डिस्को डांसर और घर एक मंदिर जैसी क्लासिक फिल्में शामिल हैं, उन्होंने न केवल करोड़ों लोगों का मनोरंजन किया है, बल्कि बॉलीवुड और क्षेत्रीय सिनेमा के परिदृश्य कोभी आकार दिया है। उनका प्रभाव सिल्वर स्क्रीन सेभी आगेतक फैला हुआ है, क्योंकि वह फिल्म और परोपकार में अपने काम के माध्यम से पीढ़ियों को प्रेरित करते रहते हैं। दादा साहब फाल्के पुरस्कार चयन समिति में आशा पारेख, खुशबू सुंदर और विपुल अमृतलाल शाह प्रमुख सदस्य थे। प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार न केवल मिथुन चक्रवर्ती की कलात्मक कौशल को मान्यता देता है, बल्कि एक सहृदयी और समर्पित व्यक्ति के रूपमें उनकी स्थायी विरासत कोभी मान्यता प्रदान करता है, जिसने कई लोगों के जीवन में बदलाव लाया है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]