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Monday 8 July 2013 09:25:37 AM
नई दिल्ली। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने केंद्र से 4.4 करोड़ धनराशि की वित्तीय सहायता की स्वीकृति दी है, ताकि उत्तराखंड में बाढ़ पीड़ितों में 20,000 सौर लालटेन बांटी जा सकें। इन सौर लालटेनों का पूरा खर्चा मंत्रालय वहन करेगा। प्रत्येक लालटेन की लागत लगभग 2200 रूपये है। इस योजना का कार्यान्वयन उत्तराखंड की नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी वहन करेगी।
उत्तराखंड में आपदा आने के तुरंत बाद केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री फारूख अब्दुल्ला ने अपने मंत्रालय में अधिकारियों को यह आदेश दिया था कि वे उत्तराखंड प्रशासन से पता लगाएं कि उनका मंत्रालय किस प्रकार राहत कार्यों में सहायता कर सकता है। उत्तराखंड सरकार से सौर लालटेनों की मांग किए जाने पर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इन्हें उपलब्ध कराने की तुरंत स्वीकृति दे दी। दूर-दराज के क्षेत्रों और ऐसे क्षेत्रों में जो बिजली ग्रिड से कट चुके हैं, सौर लालटेन बहुत उपयोगी सिद्ध होंगे। गांववासी न केवल अपनी दिनचर्या को सुचारू रूप से चला पायेंगे, कई स्थितियों में जंगली जानवरों से भी अपने को बचा सकेंगे।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय हमेशा से ही आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में सौर लालटेन का सौ फीसदी खर्चा वहन करता आया है। वर्ष 2009-10 के दौरान पश्चिम बंगाल में आए ‘आइला’ से ग्रस्त लोगों में जो 14000 सौर लालटेन बांटे गए थे, उनका पूरा खर्चा मंत्रालय ने वहन किया था, लेह में वर्ष 2010-2011 के दौरान आए आई अचानक बाढ़ से पीड़ितों के बीच 1000 सौर लालटेन बांटे गए और सिक्किम में वर्ष 2011-2012 के दौरान आए भूचाल पीड़ितों के बीच 14,900 सौर लालटेन बांटे गए थे। इन सभी का पूरा खर्चा मंत्रालय ने वहन किया था।
वेस्टर्न कोल्फील्डस लिमिटेड ने भी उत्तराखंड राहत कार्य में सहायता प्रदान की है। कोल फील्ड इंडिया लिमिटेड की एक सहायक कंपनी वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) ने उत्तराखंड में राहत और पुनर्वास उपायों के लिए 6,06,47,945 का योगदान किया। कर्मचारियों से स्वैच्छिक योगदान के रूप में एकत्रित की गई राशि का डिमांड ड्राफ्ट डब्ल्यूसीएल के मुख्य प्रबंध निदेशक डीसी गर्ग ने ट्रेड यूनियन, ऑफीसर्स एसोसिएशन प्रतिनिधियों और एसके श्रीवास्तव, सचिव, कोयला मंत्रालय एवं नरसिंहा राव, चैयरमेन, सीआईएल की उपस्थिति में आज केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल के सुपुर्द किया गया। इस अवसर पर कोयला मंत्री ने डब्ल्यूसीएल के इस श्रेष्ठ प्रयास की सराहना की। हाल ही में सीआईएल और बीसीएल ने भी उत्तराखंड राहत उपायों में क्रमश 50 करोड़ और 27 करोड़ का योगदान किया है।