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Thursday 24 October 2024 03:48:30 PM
पणजी/ नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने घोषणा की हैकि 20 से 28 नवंबर 2024 तक गोवा में होनेवाले 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ऑस्ट्रेलिया ‘फोकस देश’ रहेगा। इस विशेष महत्व का उद्देश्य कहानी संप्रेषण की समृद्ध परंपरा, जीवंत फिल्म संस्कृति और अभिनव सिनेमाई तकनीक से संपन्न ऑस्ट्रेलियाई सिनेमा के वैश्विक फिल्म उद्योग में गतिशील योगदान को सम्मान देना है। ज्ञातव्य हैकि भारत और ऑस्ट्रेलिया पहले सेही ऑडियो विजुअल सहनिर्माण संधि में शामिल हैं। कंट्री ऑफ फोकस खंड आईएफएफआई की प्रमुख विशेषता है, जिसमें उस देशकी सर्वश्रेष्ठ समकालीन फिल्में विशेषतौर पर प्रदर्शित की जाती हैं। ऑस्ट्रेलिया की विविध सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और वैश्विक स्तरपर प्रशंसित फिल्मकारों ने सिनेमा पर एक स्थायी प्रभाव डाला है, जिसकी वजह से भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म आयोजन में इसवर्ष ऑस्ट्रेलियाई सिनेमा का चयन उपयुक्त है। यह भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई फिल्म उद्योगों केबीच सुदृढ़ होते सहयोग को भी दर्शाता है।
आईएफएफआई में विशेष तौरपर चयनित ऑस्ट्रेलिया की सात फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी, जिसमें समीक्षकों की प्रशंसित नाटकीयता से भरपूर फिल्मों से लेकर प्रभाव डालने वाले वृत्तचित्रों, दृश्यात्मक हैरतअंगेज थ्रिलर और हल्की-फुल्की कॉमेडी तक की विविध शैलियों का मिश्रण रहेगा। ये फिल्में ऑस्ट्रेलिया की अनूठी सांस्कृतिक पहचान प्रदर्शित करने के साथही उसकी मूल और समकालीन समुदायिक कहानियां दर्शाती हैं। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव केसाथ होनेवाला फिल्म बाज़ार दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा फिल्म बाजार है, जिसमें स्क्रीन ऑस्ट्रेलिया, स्टेट स्क्रीन कमीशन और फिल्मांकन स्थलों को बढ़ावा देने वाली एजेंसी ऑसफिल्म के प्रतिनिधि भागीदारी करेंगे। विशेष फिल्म प्रदर्शन क्षेत्रमें वे ऑस्ट्रेलियाई फिल्मांकन स्थलों और अन्य प्रोत्साहनों सहित अपनी पेशकश रखेंगे। फिल्म बाज़ार में ऑस्ट्रेलियाई सरकार से सहायता प्राप्त छह निर्माताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होगा, जो सह निर्माण के अवसरों का पता लगाएगा।
फिल्म बाज़ार में विशेष ऑस्ट्रेलियाई सह निर्माण दिवस भी होगा, जहां दोनों देशों के फिल्म निर्माता प्रतिनिधियों को आपसी तालमेल का अवसर मिलेगा। फिल्म बाज़ार ने ऑस्ट्रेलियाई प्रोजेक्ट होम बिफोर नाइट को सह निर्माण बाज़ार में आधिकारिक प्रविष्टियों में से एक के रूपमें चयन किया है। भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई फ़िल्म उद्योगों केबीच बढ़ते सहयोग के अनुरूप नॉलेज सीरीज़ में विशेष पैनल चर्चा दोनों देशों केबीच सह निर्माण के अवसरों पर केंद्रित होगी। निर्माताओं और फिल्म उद्योग विशेषज्ञों का यह पैनल सह निर्माण के रचनात्मक और साजो संचालन पहलुओं का पता लगाएगा और संयुक्त प्रयास से निर्माण के उज्जवल पक्ष को प्रदर्शित करेगा। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रमुख आकर्षण सिनेमेटोग्राफर मास्टर क्लास होगा, जिसमें इसबार अकादमी पुरस्कार विजेता सिनेमेटोग्राफर जॉन सील केसाथ संवाद काफी रोचक रहेगा। जॉन सील मैड मैक्स: फ्यूरी रोड और द इंग्लिश पेशेंट जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों में अपने काम केलिए जाने जाते हैं। उनकी कलात्मक यात्रा पर केन्द्रित सत्र नवोदित फिल्म निर्माताओं और फिल्म प्रेमियों को अमूल्य तकनीकी अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।
गोवा में 55वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव विश्व सिनेमा का रोमांचक उत्सव होगा, जिसमें दुनियाभर की फिल्मों का एक विपुल समायोजन, ज्ञानपरक पैनल चर्चा, आकर्षक कार्यशालाएं और विशिष्ट फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी। इसवर्ष ऑस्ट्रेलिया के कंट्री ऑफ फोकस होनेसे निश्चित तौरपर सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ेगा और यह सिनेमा की कला को सीमाओं के पार पहुंचाने के आईएफएफआई के मिशन को आगे बढ़ाएगा। वर्ष 1952 में आरंभ हुआ भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव एशिया के सबसे महत्वपूर्ण फिल्म समारोहों में से एक है, जो दुनियाभर के फिल्मकारों को अपनी श्रेष्ठ फिल्में प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। गोवा में प्रतिवर्ष होनेवाला आईएफएफआई विश्व सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को देखने और उन्हें सराहने केलिए निर्देशकों, निर्माताओं, अभिनेताओं और फिल्म प्रेमियों को आकर्षित करता है।