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Tuesday 9 July 2013 09:58:28 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली में विनिर्माण पर उच्च स्तरीय समिति की बैठक की। विज्ञान और टेक्नोलॉजी, भारी उद्योग, नागर विमानन, इस्पात, कपड़ा तथा मझोले और लघु उद्योग मंत्रालय के अधिकारी बैठक में शामिल हुए। बैठक में योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी मौजूद थे। इसमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय विनिर्माण स्पर्धा परिषद के प्रस्तावों पर विचार विमर्श हुआ। बैठक कपड़ा और इस्पात क्षेत्र में तेजी लाने तथा तीन क्षेत्रों-नागर विमान उत्पादन, इलेक्ट्रिक हाईब्रिड वाहन तथा एडवांस मेटेरियल के लिए दूरगामी दृष्टिकोण अपनाने के लिए बुलाई गई थी।
बैठक में नागर विमान विकसित करने के लिए रणनीतिक निर्णय लिया गया। सत्तर से सौ सीट वाले विमान बनाने का फैसला हुआ। बैठक में कहा गया कि एनएएल, एचएएल तथा अन्य संस्थानों की मदद डिजाइन क्षमता विकसित करने में ली जाएगी। देश के निजी क्षेत्र के संस्थानों तथा विदेशी संस्थानों की मदद विकास और उत्पादन में साझेदारी के लिए ली जाएगी। उच्च स्तरीय समिति ने इलेक्ट्रिक/हाईब्रिड वाहन, तिपहिया वाहन, मिनी बस और बसों की पायलट परियोजनाएं दिल्ली में शुरू करने को मंजूरी दी गई। आवश्यक मंजूरी के बाद अन्य शहरों में ऐसा करने का फैसला किया गया। बैठक में माना गया कि भारत की क्षमता इलेक्ट्रिक तथा हाईब्रिड वाहन निर्माण का गढ़ बनने की है। पहला पायलट प्रोजेक्ट दिल्ली में अगस्त में लॉच किया जाएगा।
एडवांस मैटेरियल के बारे में विनिर्माण पर उच्च स्तरीय समिति ने महसूस किया कि एडवांस मैटेरियल के लिए टेक्नोलॉजी हासिल करने तथा समन्वित रूप से अनुसंधान और विकास प्रयासों पर जोर दिया जाएगा। श्रम प्रोत्साहन वाले कपड़ा क्षेत्र के बारे में समिति ने नई स्पर्धा नीति की मंजूरी दी। इस क्षेत्र में रोज़गार सृजन के साथ-साथ विश्व बाजार में खासकर परिधान क्षेत्र में अपनी पहुंच बढ़ाने पर जोर दिया गया। इस्पात उद्योग के बारे में उच्च स्तरीय समिति ने अगले दशक के मध्य तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन का लक्ष्य तय किया। इसके लिए एक मास्टर प्लान बनाया जाएगा।