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Thursday 21 November 2024 03:52:28 PM
पणजी। बहुचर्चित फिल्मी हस्तियों और जोशीले सिनेमा प्रेमियों की मौजूदगी में प्रकृति और खूबसूरत तटों पर बसे गोवा में 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की रंगारंग समारोह केसाथ शानदार शुरुआत हो चुकी है। उद्घाटन समारोह में भारत की सांस्कृतिक एकता और विविधता को दर्शाने वाले रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया। दुनियाभर के सिनेमा प्रेमियों के लंबे इंतजार को खत्म करते हुए प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई फिल्म निर्माता माइकल ग्रेसी की फीचर फिल्म ‘बेटर मैन’ की स्क्रीनिंग की गई। गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत ने राज्यसभा सांसद सदानंद शेट तनावड़े, सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू, आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर, महोत्सव के निदेशक शेखर कपूर, सीबीएफसी के अध्यक्ष प्रसून जोशी और प्रसार भारती के अध्यक्ष नवनीत कुमार सहगल ने भारतीय परंपराओं का पालन करते हुए नारियल के पौधे को पानी देकर 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन किया। समारोह में सिने जगत के प्रतिभाशाली सितारों को सम्मानित किया गया, जिसकी मेजबानी लोकप्रिय फिल्मी हस्तियों अभिषेक बनर्जी और भूमि पेडनेकर ने की। फिल्म जगत के दिग्गज सुभाष घई, चिदानंद नाइक, बोमन ईरानी, आरके सेल्वामणि, जयदीप अहलावत, जयम रवि, इशारी गणेश, आर सरथ कुमार, प्रणिता सुभाष, जैकी भगनानी, रकुल प्रीत सिंह, रणदीप हुडा और राजकुमार राव को सिनेमा में उनके अपार योगदान केलिए सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत ने कहाकि गोवा और आईएफएफआई सचमुच एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं, जब आप आईएफएफआई के बारेमें सोचते हैं तो आपको गोवा याद आता है और जब आप गोवा के बारेमें सोचते हैं तो आपको आईएफएफआई याद आता है। उन्होंने गोवावासियों की ओरसे गोवा में महोत्सव के प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। एक वीडियो संदेश के जरिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहाकि आईएफएफआई भारतीय फिल्म उद्योग के विकास में एक मील का पत्थर बन गया है। उन्होंने कहाकि कंटेंट क्रिएटर्स की अर्थव्यवस्था को विकसित करने पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है, जो जीवंत है और तेजीसे बढ़ रही है। उन्होंने कहाकि लोग ऐसे नए कंटेंट केसाथ आ रहे हैं, जो भारत की विविध संस्कृतियों, व्यंजनों, समृद्ध विरासत और भारतीय साहित्य, भाषाओं के रत्नों को दिलचस्प और रचनात्मक तरीकों से प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने कहाकि प्रौद्योगिकी के एकीकरण और एक मजबूत क्यूरेटर इकोसिस्टम के विकास केसाथ भारत क्रिएटर्स की अर्थव्यवस्था को आकार देने में प्रमुख भूमिका निभा सकता है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आईएफएफआई से नई साझेदारियों और नए विचारों के उभरने एवं नई पहलों से जुड़ी उम्मीदें व्यक्त कीं, जिनके माध्यम से युवा क्रिएटर्स को संरक्षण और मार्गदर्शन मिलेगा। उन्होंने कहाकि इस आयोजन के दौरान साझा किए गए विचार आनेवाले वर्ष में सिनेमा उद्योग को नई दिशा देने में मदद करेंगे। राज्यमंत्री डॉ एल मुरुगन ने कहाकि आईएफएफआई भारतीय सिनेमा को बढ़ावा देने और इसे सुनिश्चित करने केलिए विभिन्न पहल करता है। उन्होंने बतायाकि भारत सरकार फिल्म पायरेसी रोकने में फिल्म उद्योग का समर्थन करने का प्रयास कररही है, इसके अलावा फिल्मों को सहूलियत देने की एकल खिड़की प्रणाली ने फिल्म शूटिंग केलिए मंजूरी पाना आसान बना दिया है। राज्यमंत्री डॉ एल मुरुगन ने कहाकि विभिन्न सब्सिडी केसाथ इस पहल ने फिल्म निर्माताओं केलिए कारोबारी सुगमता को बढ़ा दिया है। उन्होंने उल्लेख कियाकि आईएफएफआई में क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो पहल में सौ युवा रचनात्मक व्यक्तियों को फिल्म दिग्गजों से मार्गदर्शन लेने और उनके साथ बातचीत से लाभांवित होने का अवसर मिलेगा। राज्यमंत्री ने कहाकि दुनिया के सबसे बड़े फिल्म समारोहों में से एक आईएफएफआई इसवर्ष का सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रख्यात ऑस्ट्रेलियाई फिल्म निर्माता फिलिप नॉयस को देने पर गौरव महसूस कररहा है।
फिल्म जगत के दिग्गज और आईएफएफआई निदेशक शेखर कपूर ने आग्रह कियाकि आइए हम एक-दूसरे को अपनी कहानियां बताएं, इससे हम एक-दूसरे के करीब आएंगे और दुनिया की कई समस्याओं का समाधान होगा, इसलिए हमें फिल्म महोत्सवों का आयोजन जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहाकि भारत का फिल्म उद्योग सबसे बड़ा है और यह दुनिया का सबसे बड़ा कंटेंट निर्माता एवं कंटेंट उपभोक्ता है। शेखर कपूर ने कहाकि यह फिल्म महोत्सव न केवल फिल्म निर्माताओं, बल्कि दर्शकों का भी उत्सव है। आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर भी इस अवसर पर मौजूद थे। श्रीश्री रविशंकर ने कहाकि हर जीवन एक फिल्म की तरह है, मैं लोगों से मिलता हूं और उनकी कहानियां सुनता हूं, दुनिया एक कहानी सुनाने का मंच है। उन्होंने कहाकि भारतीय पौराणिक कथाओं में देवताओं को मनोरंजन के साधनों से जोड़ा जाता है, जैसे भगवान शिव को डमरू बजाते हुए, देवी सरस्वती को वीणा बजाते हुए, भगवान कृष्ण को बांसुरी बजाते हुए नज़र आते हैं। उन्होंने कहाकि भारतीय संस्कृति मनोरंजन से जुड़ी हुई है, जो हमें खुशहाल जीवन जीने में मदद करती है। निर्माता महावीर जैन ने कोलंबिया के गृहयुद्ध को समाप्त करने में श्रीश्री रविशंकर की महत्वपूर्ण भूमिका पर आधारित फिल्म का पहला लुक जारी किया। इसवर्ष आईएफएफआई राज कपूर, तपन सिन्हा, अक्किनेनी नागेश्वर राव (एएनआर) और मोहम्मद रफी की असाधारण विरासत को श्रद्धांजलि, स्क्रीनिंग और इंटरैक्टिव कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से श्रद्धांजलि देगा, जिससे प्रतिनिधियों को सिनेमा की दुनिया में इन महान फिल्म हस्तियों के योगदान पर करीब से नज़र डालने का मौका मिलेगा।
भारतीय सिनेमा के इन दिग्गजों पर सूचना और प्रसारण सचिव संजय जाजू केसाथ आईएंडबी की विशेष सचिव नीरजा शेखर, महाराष्ट्र पोस्टल सर्किल के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल (सीपीएमजी) अमिताभ सिंह, एनएफडीसी के एमडी पृथुल कुमार, संयुक्त सचिव (फिल्म्स) वृंदा मनोहर देसाई, महोत्सव निदेशक शेखर कपूर, महान अभिनेता अक्किनेनी नागेश्वर राव नागार्जुन के पुत्र और महान पार्श्व गायक मोहम्मद रफी की पुत्रवधू फिरदौस रफी ने विशेष डाक टिकट का अनावरण किया। मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत और शेखर कपूर ने 55वें आईएफएफआई के अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता जूरी सदस्य-आशुतोष गोवारिकर (अध्यक्ष), एंथनी चेन, एलिजाबेथ कार्लसन, फ्रैन बोर्गिया और जिल बिलकॉक को सम्मानित किया। नई 'बेस्ट डेब्यू इंडियन फिल्म' श्रेणी केलिए जूरी का भी उल्लेख किया गया, जिसमें संतोष सिवन (जूरी चेयरपर्सन), एमवी रघु, सुनील पुराणिक, शेखर दास और विनीत कनौजिया प्रमुख हैं। भारतीय पैनोरमा फीचर फिल्म जूरी में डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी (जूरी अध्यक्ष), मनोज जोशी, सुष्मिता मुखर्जी, हिमांशु शेखर खटुआ, ओइनम गौतम, आशू त्रिखा, एसएम पाटिल, नीलाभ कौल, सुशांत मिश्रा, अरुण कुमार बोस, रत्नोत्तम सेनगुप्ता, समीर हंचटे और प्रिया कृष्णास्वामी हैं। भारतीय पैनोरमा गैर-फीचर फिल्मों की जूरी में सुब्बैया नल्लामुथु (जूरी अध्यक्ष), रजनी आचार्य, रोनेल हाओबम, उषा देशपांडे, वंदना कोहली, मिथुनचंद्र चौधरी और शालिनी शाह हैं।
मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत ने आईएफएफआई उद्घाटन समारोह में प्रसार भारती के ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘वेव्स ओटीटी’ का शुभारंभ किया। यह प्लेटफॉर्म क्लासिक कंटेंट और समकालीन प्रोग्रामिंग का एक समृद्ध मिश्रण प्रदान करता है, रामायण, महाभारत, शक्तिमान और हम लोग जैसे कालातीत शो की लाइब्रेरी केसाथ यह प्लेटफॉर्म भारत के अतीत केसाथ सांस्कृतिक और भावनात्मक संबंधों की तलाश करने वाले दर्शकों को आकर्षित करता है। आईएफएफआई '24 के युवा फिल्म निर्माता की थीम के अनुरूप नागार्जुन और अमला अक्किनेनी की अन्नपूर्णा फिल्म और मीडिया स्टूडियो की स्टूडेंट ग्रेजुएशन फिल्म रोल नंबर 52 को वेव्स में दिखाया जाएगा। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का 55वां संस्करण ‘क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो’ पहल केसाथ थीम ‘यंग फिल्ममेकर्स: द फ्यूचर इज नाउ’ के माध्यम से युवा फिल्म निर्माताओं की क्षमता को सामने लाता है। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद सदानंद शेट तनावड़े, गोवा के सिओलिम निर्वाचन क्षेत्र के विधायक और ईएसजी के उपाध्यक्ष डेलिलाह लोबो और एंटरटेनमेंट जियो स्टार के सीईओ केविन वाज भी उपस्थित थे।