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'सैन्य प्रशिक्षण संस्थानों का योगदान बहुमूल्य'

सैनिकों की कर्तव्यपरायणता हम सभी के लिए प्रेरणा-रक्षामंत्री

रक्षामंत्री ने महु में किया सेना के प्रशिक्षण संस्थानों का दौरा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 30 December 2024 05:17:35 PM

defense minister rajnath singh visit the infantry museum at mhow

महू (मध्य प्रदेश)। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्यकर्मियों को सैन्य रणनीतियों और युद्ध कौशल में निपुण बनाने में भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों के बहुमूल्य योगदान की सराहना की है। वे 29 दिसंबर को महू में भारतीय सेना के तीन प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान-आर्मी वॉर कॉलेज (एडब्ल्यूसी), इन्फैंट्री स्कूल और मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन एंड इंजीनियरिंग (एमसीटीई) के दौरे पर थे। इस दौरान उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी थे। राजनाथ सिंह को इस दौरान कार्यवाहक कमांडेंट ने उन्नत इनक्यूबेशन एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना तथा प्रौद्योगिकियों के अवशोषण एवं परिवर्तन को सक्षम बनाने की दिशामें विभिन्न समझौता ज्ञापनों की जानकारी दी। उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में उनके योगदान को देखने केलिए सेना की निशानेबाजी इकाई का दौरा किया। रक्षामंत्री ने इन्फैंट्री संग्रहालय का भी दौरा किया, जहां उन्हें इन्फैंट्री के इतिहास केसाथ-साथ इन्फैंट्री में आधुनिक उपकरणों के बारेमें बताया गया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी वॉर कॉलेज में बड़ाखाना के दौरान तीनों संस्थानों के सभी रैंकों से बातचीत की। सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने सीमाओं की रक्षा करने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारतीय सैनिकों के साहस और सतर्कता की प्रशंसा की। उन्होंने कहाकि सैनिकों की कर्तव्यनिष्ठा हम सभी केलिए प्रेरणा है, उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण ही हमारा देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित और मजबूत हैं। राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों से वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य पर लगातार सतर्क निगाह रखने तथा किसीभी तरह के खतरे से निपटने केलिए हमेशा तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दियाकि ऐसे समय होते हैं जब भारत को सीमाओं के साथ-साथ आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में सैनिकों केलिए यह जरूरी हो जाता हैकि वे विरोधियों की गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखें तथा उनके खिलाफ समय पर प्रभावी कदम उठाएं।
रक्षामंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सशस्त्र बल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहाकि सशस्त्र बल हमारे रक्षक हैं और राष्ट्र निर्माण में अग्रणी हैं एवं मुझे यकीन हैकि वे साहस और समर्पण केसाथ देश की सीमाओं की सुरक्षा करते रहेंगे और 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में योगदान देंगे। इससे पहले राजनाथ सिंह ने भारतीय संविधान के निर्माता भारतरत्न बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के महू में समर्पित स्मारक भीम जन्मभूमि का दौरा किया और उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने डॉ बीआर आंबेडकर को नि:स्वार्थ सेवा का प्रतीक बताया, जिन्होंने अपना जीवन सामाजिक समानता और सशक्तिकरण केलिए समर्पित कर दिया। उन्होंने महू में ‘विजय शूटिंग रेंज’ में निशाना भी लगाया।

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