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Thursday 11 July 2013 12:18:07 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की मंजूरी दी है, जिसका नाम इंदिरा गांधी राष्ट्रीय महिला विश्वविद्यालय होगा। विशेषकर महिलाओं के लिए स्थापित किए जाने वाला यह इस तरह का देश में पहला विश्वविद्यालय होगा। यह विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के रायबरेली में स्थापित होगा।
एक विधेयक जिसका नाम इंदिरा गांधी राष्ट्रीय महिला विश्वविद्यालय विधेयक-2013 होगा, इसे संसद के आने वाले मॉनसून सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। इस विधेयक के पारित होने के बाद विश्वविद्यालय के स्थापना के लिए कदम उठाए जाएंगे। बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान इसकी स्थापना में 500 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
इस विश्वविद्यालय के जरिए बेहतर रोजगारोन्मुख आधारभूत पाठ्यक्रम और अनुसंधान सुविधा उपलब्ध कराकर देश में महिलाओं के सर्वांगिण विकास के साथ-साथ महिलाओं के सशक्तिकरण में सरकार के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा। देश की कुल 121 करोड़ जनसंख्या में से 58.6 करोड़ महिलाएं हैं, जिनमें से 9.5 करोड़ महिलाएं उत्तर प्रदेश में हैं।
राष्ट्रीय उड़ान विश्वविद्यालय की भी स्थापना
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रायबरेली जिले में राजीव गांधी राष्ट्रीय उड़ान विश्वविद्यालय के नाम से एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में राष्ट्रीय उड़ान विश्वविद्यालय की स्थापना करने के प्रस्ताव को भी अपनी मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी राष्ट्रीय उड़ान विश्वविद्यालय विधेयक, 2013 को संसद में पेश करने के प्रस्ताव को भी अपनी मंजूरी दी है ताकि, नागर विमानन, कार्मिक और प्रशिक्षण तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ मंत्रिमंडल सचिव के नेतृत्व में एक चयन समिति के माध्यम से चयन करके कुलपति (केंद्रीय विश्वविद्यालयों की प्रणाली पर आधारित वेतनमानों के साथ) का एक पद सृजित किया जा सके। साथ ही, परियोजना निदेशक के पद के लिए भारत सरकार के संयुक्त सचिव के दर्जे में एक अस्थायी पद का भी सृजन किया जा सके, जिसे प्रतिनियुक्ति द्वारा भरा जाना है।
राजीव गांधी राष्ट्रीय उड़ान विश्वविद्यालय की स्थापना एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और एक स्वायत्त निकाय के रूप में की जाएगी जो नागर विमानन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में होगा। नागर विमानन मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित समिति –इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (आईजीआरयूए) के पास उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में उपलब्ध जमीन पर विश्वविद्यालय के निर्माण के पहले चरण (2013-14 से 2018-19) में केंद्र सरकार की ओर से 202 करोड़ रूपये दिए जा रहे हैं। इसके पहले चरण में आईजीआरयूए के पास उपलब्ध लगभग 26.35 एकड भूमि का चयन राष्ट्रीय उड़ान विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए किया गया है।
एक सुरक्षित और प्रभावकारी उड़ान उद्योग के सृजन के लिए कुशल और सक्षम कामगार अनिवार्य हैं। भारत में उड़ान शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने वाली बड़ी संख्या में निजी संस्थाओं की मौजूदगी के बावजूद भी हितधारकों के बीच यह सामान्य धारणा है कि इस उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए जो पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं अथवा अवसंरचना सुविधाएं उपलब्ध हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं, इसलिए नागर विमानन क्षेत्र की बढ़ती शैक्षिक और प्रशिक्षण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय उड़ान विश्वविद्यालय की स्थापना करना जरूरी हो गया है।