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Thursday 17 April 2025 05:30:41 PM
नीमच (मध्यप्रदेश)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीआरपीएफ के दम पर 31 मार्च 2026 से पहले ही देश से नक्सलवाद हमेशा केलिए समाप्त करदेने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहाकि सीआरपीएफ की सबसे बड़ी भूमिका और योगदान देश को नक्सलवाद से मुक्त करने में रहेगा। उन्होंने कहाकि सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन को आता देख दुर्दांत नक्सलियों की रूह कांप जाती है और कोबरा बटालियन के नेतृत्व में सीआरपीएफ जवानों ने नक्सलवाद को समाप्त करने में बड़ी अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। गृहमंत्री ने केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के स्थापना दिवस पर आज मध्य प्रदेश के सीआरपीएफ कैंप नीमच में शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके मातृभूमि केलिए सर्वोच्च बलिदान देनेवाले अमर सैनिकों को सलामी दी। उन्होंने कहाकि भारत 2047 में विश्वभर में हर क्षेत्रमें सर्वप्रथम बनने की ओर बढ़ रहा है और इस लक्ष्य की प्राप्ति में शहीद सीआरपीएफ जवानों का बलिदान बहुत बड़ा और उल्लेखनीय है। उन्होंने कहाकि जबभी देश की आज़ादी की शताब्दी का स्वर्ण ग्रंथ लिखा जाएगा, उस वक्त सबसे पहले देश के अमर शहीदों की वीरता की गाथा स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाएगी। अमित शाह ने कहाकि सीआरपीएफ को भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल होने का गौरव प्राप्त है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि देश में जबभी कहीं अशांति होती है और वहां सीआरपीएफ जवान होते हैं तो हर व्यक्ति को यह भरोसा हो जाता हैकि सीआरपीएफ मौजूद है तो सुरक्षा और विजय सुनिश्चित है। अमित शाह ने कहाकि 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार बनने केबाद यह निर्णय लिया गया थाकि देश के सुरक्षाबलों का स्थापना दिवस देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाएगा, उसी निर्णय केतहत आज सीआरपीएफ की वार्षिक परेड नीमच में भव्य और समारोहपूर्वक आयोजित की गई है। अमित शाह ने कहाकि सीआरपीएफ का योगदान देश की सुरक्षा से अलग हटकर देखा ही नहीं जा सकता, चाहे कश्मीर में आतंकवादियों से जूझना हो, पूर्वोत्तर में शांति केलिए तैनात रहना हो या फिर दुर्दांत नक्सलियों को 4 ज़िलों तक सीमित करना हो, हमारे सीआरपीएफ जवानों का बहुत बड़ा योगदान है। गृहमंत्री ने कहाकि 1939 में सीआरपीएफ का गठन क्राउन रिप्रेज़ेंटेटिव पुलिस के नाम से किया गया था, इसको इसका वर्तमान नया स्वरूप और ध्वज देने का कार्य देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया था। उन्होंने कहाकि सरदारजी ने न सिर्फ सीआरपीएफ की स्थापना की और ध्वज दिया, बल्कि इसके चार्टर कोभी बहुत बखूबी चिन्हित करने का काम किया। सरदार पटेल के ही दिखाए गए रास्ते पर सीआरपीएफ ने इतनी लंबी गौरवशाली यात्रा पूरी की है। गृहमंत्री ने कहाकि आज 248 बटालियन, 4 ज़ोनल मुख्यालय, 21 सेक्टर मुख्यालय, 2 परिचालन सेक्टर मुख्यालय, 17 रेंज और 39 प्रशासनिक रेंज में लगभग 3 लाख सीआरपीएफ जवान हर जगह देश की शांति और सुरक्षा केलिए काम कर रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि इतिहास में कई ऐसे मौके आए हैं, जब देश की आन बान और शान केलिए सीआरपीएफ जवानों ने समर्पित होकर अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने कहाकि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में चीनी सेना का मुकाबला करते हुए सीआरपीएफ के कई जवानों ने शहादत हासिल की, इसीलिए हर वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूपमें मनाया जाता है। उन्होंने जिक्र कियाकि 2018 में शहीद पुलिसकर्मियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों की स्मृति में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक बनाकर हॉट स्प्रिंग की शहादत को गर्व और सम्मान केसाथ अमर स्वरूप देने का कार्य किया गया है। गृहमंत्री ने बतायाकि 1965 में कच्छ के रण में सरदार पोस्ट पर सीआरपीएफ के जवान तैनात थे, जिन्होंने पाकिस्तान की सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया, इसीलिए हर वर्ष 9 अप्रैल को पूरा देश शौर्य दिवस के रूपमें भी मनाता है। उन्होंने कहाकि 2001 में हमारे लोकतंत्र के प्रतीक देश के संसद भवन पर हमला हुआ, सीआरपीएफ ने उसे भी नाकाम कर दिया, इसी प्रकार 2005 में श्रीराम जन्मभूमि पर आतंकवादी हमला हुआ, उसे भी नाकाम करने का कार्य सीआरपीएफ ने किया। अमित शाह ने कहाकि पशुपतिनाथ से तिरुपति तक, लाल आतंक फ़ैलाने का सपना देखने वाले नक्सली आज 4 जिलों तक सीमित हो चुके हैं, इसमें सबसे बड़ा योगदान सीआरपीएफ का है।
अमित शाह ने कहाकि धारा 370 हटाने केबाद कश्मीर में शांति बनाए रखनी हो या देशभर में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराना हो हर जगह सीआरपीएफ जवानों ने सच्चे मन से अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है। उन्होंने कहाकि धारा 370 हटने केबाद कश्मीर में विधानसभा के चुनाव हुए, उस वक्त लोगों को कई प्रकार की आशंकाएं थीं, लेकिन सीआरपीएफ सहित दूसरे औरभी सुरक्षाबलों ने सुरक्षा सुनिश्चित की और न तो एकभी बूथ के लूटे जाने की ख़बर आई और न ही एकभी गोली कहीं चलानी पड़ी। अमित शाह ने उल्लेख कियाकि सीआरपीएफ ने 5 साल में नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रोंमें 400 से अधिक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस स्थापित किए हैं, इसी कारण 10 साल में नक्सली हिंसा में 70 प्रतिशत से अधिक कमी आई है। गृहमंत्री ने कहाकि संयुक्तराष्ट्र शांति मिशनों केसाथ श्रीलंका, हैती, कोसोवो और लाइबेरिया जैसे कई जगहों पर सीआरपीएफ जवानों ने संयुक्तराष्ट्र मिशन केतहत शांति स्थापित करने का अनुकरणीय कार्य किया है। उन्होंने कहाकि अबतक सीआरपीएफ ने 2708 विभिन्न सम्मान पदक प्राप्त किए हैं, जो सभी केंद्रीय सुरक्षाबलों में सबसे अधिक हैं। उन्होंने कहाकि चाहे अमरनाथ यात्रा हो, माता वैष्णो देवी यात्रा हो, श्रीराम जन्मभूमि की सुरक्षा हो, श्रीकृष्ण जन्मभूमि की सुरक्षा हो या फिर महाकुंभ का अवसर हो हर जगह सीआरपीएफ जवानों ने मुस्तैदी केसाथ कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपना पूरा योगदान दिया है।
अमित शाह ने कहाकि स्वच्छ भारत, हर घर तिरंगा, एक भारत श्रेष्ठ भारत, स्वच्छता ही सेवा, एक पेड़ मां के नाम जैसे अभियानों को सीआरपीएफ जवानों ने बहुत अच्छे तरीके से ज़मीन पर उतारकर यह सिद्ध किया हैकि देश और समाजकल्याण के कार्यों केलिए भी वह हमेशा सजग है। गृहमंत्री ने कहाकि केंद्र सरकार ने देश के सुरक्षाबलों के जवानों के कल्याण केलिए कई कदम उठाए हैं, देश के 7 दुर्गम क्षेत्रोंमें एयर कूरियर सेवा शुरू की गई है, इनके वेतन और भत्तों में निरंतर सुधार केलिए आठवें वेतन आयोग के गठन का भी निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहाकि 42 लाख से अधिक आयुष्मान सीएपीएफ कार्ड दिए गए हैं, आवास योजना केतहत हाउसिंग सैटिस्फैक्शन रैश्यो लगभग साढ़े 9 प्रतिशत बढ़ा है, सीएपीएफ ई-आवास वेब पोर्टल शुरूकर साढ़े 6 लाख सीएपीएफ कर्मियों को आवास आवंटित भी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहाकि अब देश के सुरक्षाबलों में भी महिलाओं की भर्ती हो रही है, इनके लिए 124 बैरकों की मंज़ूरी दी गई है, जिनमें से 109 बन चुके हैं और 450 बैरक बनाने का निर्णय गृह मंत्रालय ने किया है। अमित शाह ने कहाकि प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना केतहत सीएपीएफ कर्मियों के बच्चों को पढ़ाई की सुविधा दी गई है, केंद्रीय अनुग्रह राशि को वैज्ञानिक बनाया है, विकलांग अनुग्रह राशि में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है और 119 मास्टर भंडार व 1794 सहायक भंडार के जरिए केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडारों कोभी और लोकाभिमुख बनाया गया है। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और महानिदेशक सीआरपीएफ और सीआरपीएफ जवान एवं उनके परिजन भी उपस्थित थे।