स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 16 July 2013 06:31:29 AM
नई दिल्ली। जून में समाप्त वर्ष के दौरान इंजीनियरिंग माल के निर्यात में 9.25 प्रतिशत की गिरावट के बाद भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात परिषद ने वाणिज्य और विदेश मंत्रालयों की मदद से अफ्रीका महाद्वीप में नये बाजारों की तलाश शुरू कर दी है। बाजार को फिर से प्रोत्साहित करने के लिए इस महाद्वीप में काफी गुंजाइश है। इसके लिए 30 प्रमुख अफ्रीकी देशों के राजनयिकों का एक राउंड टेबल सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें भारत के अफ्रीकी देशों के साथ व्यापार पर चर्चा की गई और इंजीनियरिंग माल के निर्यात की संभावनाएं तलाशी गईं।
जून, 2012 में भारत से इंजीनियरिंग माल के कुल निर्यात् में 9.26 प्रतिशत की कमी आई। जून, 2012 में जहां 4654.47 मिलियन अमरीकी डॉलर का व्यापार होता था, वहीं 4223.29 मिलियन अमरीकी डॉलर का हो गया। अफ्रीका महाद्वीप 2009 में शुरू हुए अंतर्राष्ट्रीय संकट से उबर रहा है और इसकी प्रगति 2013 में 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना है। भारत और अफ्रीका के बीच जो संयुक्त ऊर्जा मौजूद है, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान आपसी व्यापार पांच गुना बढ़ा है और यह जहां 2008 में 34 अरब अमरीकी डॉलर का होता था, वहीं पिछले साल 2012 में 65 अरब अमरीकी डॉलर का हो गया। जनवरी, 2014 में मुंबई में होने वाली एक प्रदर्शनी में 400 भारतीय उद्योगों के अपने स्टॉल लगाए जाने की संभावना है। लगभग 100 अंतर्राष्ट्रीय और 1000 विदेशी प्रतिनिधि इसमें आने वाले हैं। इस प्रदर्शनी में भारत की बड़ी-बड़ी कंपनियां शामिल हो रही हैं।