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Tuesday 16 July 2013 07:03:37 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यटन मंत्री के चिरंजीवी ने कहा है कि पर्यटकों, खासकर विदेशी महिला पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक मुख्य मुद्दा है। राष्ट्रीय पर्यटन सलाहकार परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए चिरंजीवी ने कहा कि कुछ विदेशी महिला पर्यटकों के साथ हाल में हुई दुष्कर्म की घटनाओं से भारत की नकारात्मक छवि का प्रसार हुआ है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का मामला है, मैंने सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया है, ताकि पर्यटकों के प्रति हितकर और दोस्ताना माहौल बन सके।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि भारत में पर्यटन क्षेत्र ने पिछले दशक में बेहतरीन विकास दर्ज किया है। वर्ष 2012 के दौरान विदेशी पर्यटक आगमन 65.80 लाख तक पहुंच गया था, जबकि देसी पर्यटकों की अनुमानित संख्या इस दौरान 102.70 करोड़ रही। उन्होंने कहा कि भारत में पर्यटन का विकास हालांकि वैश्विक स्तर पर पर्यटन के हुए विकास से अधिक है, फिर भी विश्व पर्यटन में भारत की 0.64% की हिस्सेदारी काफी कम है, जिसे बढ़ाने के लिए हमें काफी मेहनत करने की जरूरत है। चिरंजीवी ने कहा कि भारतीय पर्यटन को बनाये रखने में देसी पर्यटकों की अहम भूमिका है, इसलिए हमें देसी पर्यटन को भी बढ़ावा देना जारी रखना हैं। धार्मिक पर्यटन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि देसी पर्यटन में तीर्थयात्रियों का अच्छा-खासा योगदान है, ऐसे में प्रमुख तीर्थ-स्थलों पर सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड की तबाही में बरबाद हो चुके सरकारी पर्यटन सुविधाओं को फिर से बहाल करने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने 100 करोड़ रूपये का विशेष वित्तीय पैकेज मंजूर किया है। यह राशि राज्य में पर्यटन इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए 95 करोड़ रूपये की पहले से मंजूर केंद्रीय वित्त सहायता के अतिरिक्त होगी। निजी क्षेत्रों की भूमिका को इंगित करते हुए चिरंजीवी ने कहा कि कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत निजी क्षेत्र को महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों और इमारतों को गोद लेने में तत्परता दिखाने की जरूरत है। आईटीडीसी ने पहल करते हुए कुतुबमीनार की जिम्मेदारी ले ली है, अब ओएनजीसी ने भी आगे आकर ताजमहल, लाल किला, एलिफेंटा की गुफाएं, एलौरा की गुफाएं, महाबलीपुरम और गोलकुंडा किले को गोद ले लिया है। उन्होंने कहा कि अब तक देशभर में 120 इमारतों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें निजी कंपनियों को गोद दिया जा सकता है।
पर्यटन मंत्री ने तीर्थ स्थलों पर साफ-सफाई, पर्यटकों की सुरक्षा, पर्यटन एवं आतिथ्य के क्षेत्र में दक्षता विकास सहित कई और संबंधित विषयों पर मंत्रालय से जुड़े लोगों के लिए सुझावों का भी स्वागत किया। इस मौके पर पर्यटन सचिव परवेज़ दीवान ने कहा कि उनका मंत्रालय निजी क्षेत्रों से मिलकर देश में पर्यटन के विकास के लिए काम कर रहा है। देश में देसी और विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गठित राष्ट्रीय पर्यटन सलाहकार परिषद (एनटीएसी) एक थिंक टैंक है, जिसमें सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, पीएचडीसीसीआई, एफएचआरएआई, एचएआई, आईएटीओ, टीएएआई, आईटीटीए, एडीटीओआई, एटीओआई, आईएचएचए, आईसीपीबी के प्रतिनिधियों सहित वित्त, रेलवे, संस्कृति, विदेशी मामले, शहरी विकास, सड़क परिवहन एवं उच्च मार्ग और योजना आयोग के सदस्य भी शामिल हैं।