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Tuesday 16 July 2013 07:13:01 AM
नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने अपने मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक में भारतीय जन संपर्क संस्थान (आईआईएमसी) की गतिविधियों के बारे में चर्चा की। बैठक के सदस्यों को लेवेसन रिपोर्ट की भारतीय संदर्भ में प्रासांगिकता के बारे में जानकारी दी गयी। मनीष तिवारी ने कहा कि मौजूदा मीडिया माहौल को देखते हुए आईआईएमसी जन संपर्क के क्षेत्र में बेहतर शिक्षा देने के लिए एक कार्यक्रम तैयार कर रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार एक अधिनियम के जरिए आईआईएमसी को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने पर विचार कर रही है।
इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक ने समिति के सदस्यों के समक्ष संस्थान की प्रमुख गतिविधियों और भावी योजनाओं को प्रस्तुत किया। सदस्यों ने उर्दू पत्रकारिता शुरू करने के संस्थान के कदमों की सराहना की और इस संबंध में आवश्यक सुधार करने की सलाह दी। सदस्यों ने यह भी कहा कि विभिन्न क्षेत्रीय केंद्रों में क्षेत्रीय भाषाओं में भी पाठ्यक्रम चलाए जाने चाहिएं। समिति के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकारिता के पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम, संस्कृति और पत्रकारिता में आदर्शों के निर्वहन का भी समावेश किया जाए। बैठक में डॉ अनूप कुमार साहा, रमाशंकर राजभर, डॉ संजय जायसवाल, शत्रुघ्न सिन्हा, अहमद सईद मलीहाबादी, डॉ बरुन मुखर्जी, भरत कुमार राउत, एमपी अच्युतन, मोहम्मद अदीब और प्यारी मोहन महापात्रा उपस्थित थे।