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Thursday 25 July 2013 11:13:58 AM
नई दिल्ली। बुनियादी ढांचागत निवेश को गति प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री ने गठित की संचालन समिति कीपहली बैठक में प्रमुख बुनियादी परियोजनाओं पर शीघ्र कदम उठाने के लिए समय सीमा को अंतिम रूप दे दिया गया है। इन उपायों की प्रगति की नियमित आधार पर निगरानी की जाएगी। अंतिम समय सीमा में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मंत्रालय या विभाग न सिर्फ अपनी अंतिम समय सीमा बल्कि उठाए गए कदमों के प्रति जवाबदेह होगा, ताकि कार्यान्वयन में किसी तरह की चूक न हो।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने सभी मंत्रालयों और विभागों के संयुक्त सचिव पद या उससे ऊपर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी मनोनीत करने का निर्देश दिया है। नोडल अधिकारी अपने-अपने विभाग की परियोजनाओं की प्रगति के बारे में साप्ताहिक आधार पर रिपोर्ट करेंगे। नोडल अधिकारी मनोनीत करने की सूचना प्रधानमंत्री कार्यालय को 26 जुलाई 2013 तक दे दी जाएगी। बैठक में जिन परियोजनाओं के लिए समय सीमाएं तय की गई है वे ये हैं-
मुंबई रेल गलियारा 31 जनवरी 2014 तक, लोको परियोजनाएं 30 जनवरी 2014 तक, पूर्वी परिधीय एक्सप्रेस-वे 31 दिसंबर 2013 तक, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे 15 मार्च 2014 तक, मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेस-वे 1 मार्च 2014 तक, दुर्गराजपट्टनम बंदरगाह (आंध्र प्रदेश) 31मार्च2014 तक, नवी मुंबई हवाई अड्डा 31 जनवरी 2014, ओएमटी हवाई अड्डा 31 मार्च 2014 तक, यूएमपीपी-चेइयार (तमिलनाडु) बेदबहल (उड़ीसा) 31 जनवरी 2014, पूर्वी क्षेत्र पारेषण सुदृढ़ीकरण-VII 4 नवंबर2103 तक, पार्ट एटीएस-आरएपीपी यू-7 और 8 दिनांक 19 अक्टूबर 2013 तक, पैट्रन पारेषण प्रणाली 400 केवी एस/एस 15 अक्टूबर 2013 तक, पूर्वी क्षेत्र पारेषण सुदृढ़ीकरण-VI 10 नवंबर 2013 तक, पूर्वी क्षेत्रों से बिजली लेने के लिए दक्षिणी प्रणाली का सुदृढ़ीकरण 4 सितंबर 2103 तक, कुडगी टीपीएस से पारेषण प्रणाली (3x800 मेगावॉट) 2 सितंबर 2013 तक, एनसीसी विद्युत परियोजना के संपर्क के लिए पारेषण प्रणाली 7 अक्टूबर 2013 और बैरा सियूल एचईपी-सरना डी/सी लाइन 25 नवंबर 2013 तक पूर्ण करने की तिथि निर्धारित की गई है।